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REETA LAKRA
अमृत लाल नागर - मानस का हंस घर में चाहे जिसको पूजो, धर्म सदा मानवता रखना , कह गए इतनी मीठी बात । महाकाल, बूंद और समुद्र, शतरंज के मोहरे, सुहाग के नूपुर, अमृत और विष, सात घूंघट वाला मुखड़ा, मानस का हंस, में लिख गए अपने मन की बात। लोग समझ लेते थे मुस्लिम, जब वे पहन लेते थे अचकन, पहुंच जाते थे कोलकाता, करने शरद चंद्र और मुंशी प्रेमचंद के दर्शन, बीसवीं सदी के सुप्रसिद्ध लेखक और पत्रकार, अंदाज़ था जिनका खांटी लखनवी.... 'क्लासिक' का सम्मान, 'मानस का हंस' ने पाया, विषय इसके गोस्वामी तुलसी , हिंदी है इसकी भाषा, प्रेरक, व्यापक, ज्ञानवर्धक, पठनीय, और प्रतिष्ठित बृहद बन पड़ा उपन्यास, लिखा गया है लखनवी अंदाज़ में, अप्रतिम है यह रोचकता में, दिलवाया इसने अमृतलाल को अखिल भारतीय वीर सिंह देव पुरस्कार, और जोड़ दिया साहित्य अकादमी पुरस्कार।। 👉 रीता लकड़ा 👉 २४:०२:२०२१ ५३/३६५@२०२१ बीसवीं सदी के मशहूर लेखक और पत्रकार जिन्होंने 7 वर्षों तक चलचित्र के लिए काम किया ऑल इंडिया रेडियो के ड्रामा प्रोड्यूसर रहे। 'कुंवारा बाप' 1
sodan singh
क्या बताए अपने बारे में जो था वो तो रुठा हैं बस इतना जान लो ज़िन्दगी के इस सफ़र में बहुत पीछे छोड़ आया हूँ खुद को :-नागर नागर
sodan singh
दिखते हो तुम जब राहो में दिल ठहर सा जाता है ऐसा कौनसा जादू है तेरी अदाओ में जो ये नागर खुद को भूल जाता है।। :-नागर नागर
sodan singh
एक रोज यों बरसा पानी आँखो से छलक गालो पर आ गया वो मुझसे नजरें यों मोड गया जैसे जन्मो का साथी अजनबी हो गया ।। :-नागर नागर
sodan singh
जरा सब्र तो रखो ऐ दुनिया वालों तुम्हारे दिल की बात भी लिख दूंगा पहले जो मेरे दिल में दबा है वो तो लिख दूं :-नागर नागर
sodan singh
जो लम्हा उसके साथ गुजरा वो खास हो गया फिर वक्त के साथ वो याद हो गया दिल करता है फिर गुजरे उन गलियो से पर हमारा ना गुजरना ही खुदा ए मंजूर हो गया :-नागर नागर
sodan singh
तेरी जुल्फो में खो जाने को जी चाहता है। तेरी आँखों में डूब जाने को जी चाहता है। बस जरुरत है तेरी इजाजत की हर पल तेरा होने को जी चाहता है। :-नागर नागर
sodan singh
मिट्टी की तरह ना महकु तो कहना तू बारिश की तरह बरस के तो देख - सोदान सिंह नागर
sodan singh
ख्वाब लिखूं तुझे या लिखूं हकीकत दूर लिखूं तुझे या लिखूं पास धूप लिखूं तुझे या लिखूं छाऊं अब तू ही बता मुझे मेरे यारा इंसान लिखूं तुझे या लिखूं खुदा :-नागर नागर