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Anil Ray
किसी भी राष्ट्र की प्रगति को राष्ट्र में वर्तमान महिलाओं की प्रगति से मापन किया जाना चाहिए। ✍🏻...डॉ. भीमराव अम्बेडकर ©Anil Ray बादशाह-ए-कलम..........✍🏻🙏🏻 दुनिया की प्रत्येक विचारधारा ने लाखों-करोड़ो मानवों का रक्त बहाकर एक रक्तरंजित बाढ में स्वयं के वज़ूद को स्थापित
Manish Jakhmi
कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को रखकर देखते है क्यूंकि लोग इस तरह के उदाहरण दूसरों पर सुनना ही पसंद करते है, परंतु यह पसंद और न पसंद करने का सवाल नहीं उठता क्योंकि कुछ इस तरह की अनगिनत चीजे व्यक्ति के जीवन हो जाती है जिससे भिड़कर वह अपने आप के एक आदमी बनाता है, अब एक आदमी कैसा हो ये प्रश्न भी बनता है, परंतु यह तो अक्सर नियती पर निश्चित होता है क्यूंकि परिस्थिति तो मात्र श्रेणी बदलती है, जीवन में पड़ावों को पार करते करते ही कुछ इस तरह (कविता में दिए गए) के निर्णय लेने होते है, जिनका ख्याल मात्र दो बार आता है एक निर्णय लेते वक्त और दूसरा उस परिस्थिति के अंत में परिणाम के वक्त। मनीष जख्मी ©Manish Jakhmi कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को र
Kalpana Uriya
आगर future मैं जितना है तो preasent में हारना सीखो क्यूकी हार ही जिंदेगी को जीना सिखाती हैं। ©Kalpana Uriya हार ही एक मात्र जीत हैं।
Manish Jakhmi
दरअसल अगर हम किसी राह में किसी राही के साथ चलते है तो उसके साथ पूर्ण रूप से एक राही होने किरदार निभाओ इससे वह व्यक्ति आपके साथ होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर आगाह कर सकता है मात्र आप सुनने वाले बनो, और यह लागू दोनों तरफ होता है। Manish jakhmi ©Manish Jakhmi दरअसल अगर हम किसी राह में किसी राही के साथ चलते है तो उसके साथ पूर्ण रूप से एक राही होने किरदार निभाओ इससे वह व्यक्ति आपके साथ होने वाली दु
Manish Jakhmi
वास्तविकता में अगर वासना को एक तरफ रखा जाए, तो ये काव्य लिपि बहुत ही सटीक साबित होती है। एक संतुष्टिजनक भाव जरूरी नहीं की मात्र वासना के वशीभूत होकर प्राप्त किए जाए, समक्ष जीवन को हर समय अपने संज्ञान में रखकर चलते हुए आपको इतना प्रफुल्लित महसूस होगा की अगर आप किसी इंसान की मात्र आंखों में भी देखो तो आपको आनंद की अनुभूति होगी जिसमें उसे पाने और ना पाने की चाह उस इंसान की प्रकृति पर निर्भर करती है, कि वह अभी भी वासना में वशीभूत है या नहीं। ©Manish Jakhmi आंखे ।। aankhe by manish jakhmi।।वास्तविकता में अगर वासना को एक तरफ रखा जाए, तो ये काव्य लिपि बहुत ही सटीक साबित होती है। एक संतुष्टिजनक भा
Manish Jakhmi
किसी के लिए सबसे बेहतर यह भी हो जाता है जब वो मात्र अपने ही ख्यालों में एक दुनिया बना लेता है, जिसका आभास वास्तविकता में असलियत की दुनिया के मुकाबले ज्यादा सुंदर और संतुष्टिजनक होता है, और जाहिर है कि एक इंसान ऐसे ख्याल तब ही चुनता है जब असली दुनिया में उसे सब चीजे विपरीत ही मिली हो जैसी उसने देखी और सुनी हो या समय दिया हो। मनीष जख्मी। ©Manish Jakhmi किसी के लिए सबसे बेहतर यह भी हो जाता है जब वो मात्र अपने ही ख्यालों में एक दुनिया बना लेता है, जिसका आभास वास्तविकता में असलियत की दुनिया के
Manish Jakhmi
एक विचार मात्र, एक परिस्थिति से निपटने के लिए काफ़ी होते है, हालांकि वास्तविक समय पर ऐसा कुछ काम नहीं आता (यह भी तो मात्र एक विचार है) अपने विचार से प्रकट दृश्य को वास्तविक करने का प्रयत्न करें सब संभव होगा। (बाकी आपके विचार पर निर्भर करता है ©Manish Jakhmi एक विचार मात्र, एक परिस्थिति से निपटने के लिए काफ़ी होते है, हालांकि वास्तविक समय पर ऐसा कुछ काम नहीं आता (यह भी तो मात्र एक विचार है) अप
Manish Jakhmi
तुम चाहो मैं चाहूँ, मैं चाहूँ तो तुम क्यों नहीं, और तुम ना चाहो, मैं चाहूँ, मैं गर ना चाहूँ, चाहोगे तुम नहीं, चाहता सिर्फ मैं उसको जो मेरे पास नहीं, एक मात्र ख्याल है, शाही कलम कोई चेहरा ? आवाज ? नाम? अजी कुछ नहीं ।। ©Manish Jakhmi तुम चाहो मैं चाहूँ, मैं चाहूँ तो तुम क्यों नहीं, और तुम ना चाहो, मैं चाहूँ, मैं गर ना चाहूँ, चाहोगे तुम नहीं, चाहता सिर्फ मैं उसको जो मेरे प
Vinod Mishra
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} निष्काम भाव पूर्वक केवल दूसरों के हित के लिये अपने कर्तव्य का तत्परता से पालन करने मात्र से हमारा भी कल्याण हो जाता है। ©N S Yadav GoldMine #boatclub {Bolo Ji Radhey Radhey} निष्काम भाव पूर्वक केवल दूसरों के हित के लिये अपने कर्तव्य का तत्परता से पालन करने मात्र से हमारा भी क