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Parasram Arora
ओ कान्हा कहा रह गया तेरा वो मोर मुकुट और कहा रह गईं बो कमरिया जोकमर पर बंधी रहती थी दिन दोपहर और दिख नहीं रही हैँ वो शाश्वत बांसुरी जो कभी चर्चित थी गोपिकाओ क़े खेमे मे तुमने ये सुदर्शन चकर क्यों उठा रखा हैं अपने इन कोमल हाथों मे.. क्या तुम जानते नहीं ये तो हिंसा का प्रतीक हैँ क्या ये शोभ देता हैँ तुम जैसे करुणा सागर को....... क्या तुम भूल गये हो अपनी भगवत्ता. और शयद ये भी भूल गये हो की तुम्ही इस जगत क़े पालन हार भी हो पालन हार........
Deepa Didi Prajapati
जब मनुष्य अपने माता-पिता, गुरूजनों एवं आदरणीयों की आज्ञाओं,का पालन नहीं कर पाता है। तो हारकर परिस्थितियों को दोष देना आरंभ कर देता है। ©Deepa Didi Prajapati #आज्ञा पालन
Bachan Manikpuri
मां अपने हर बच्चे की पालन पोषण एक साथ स्नेह के साथ करती हैं। लेकिन मां का पालन पोषण पांच बेटे मिलकर नहीं कर सकते हैं ©Bachan Manikpuri मां का पालन पोषण
Mohan Sardarshahari
श्रद्धा सुमन आपको इस दिवस पर फिर से रास्ता हमें मिलता ही रहेगा आपके उसूलों के पालन से।। आठवीं पुण्यतिथि पर नमन 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ©Mohan Sardarshahari उसूलों के पालन से
Aryan rana
आप सभी से अनुरोध है कि जब तक ये lockdown है,तब तक घर के अन्दर ही रहे क्योकिं जान है तो जहान है (भारत माता की ) lockdown का पालन करे ।।
Ek villain
जीवन के अंतिम समय में मन स्थिति की दुविधा है उदाहरण होगा हमेशा ग्रंथ में उल्लेख है एक जटायु और दूसरा भीम पिता महा रावण जब सीता जी का हरण करके लंका लौट रहा था तब जटायु ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए लंकेश्वर का प्रतिरोध किया इसके उलट जब भारी सभा में द्रोपदी का चीर हरण हो रहा था तब सबसे वरिष्ठ और पराक्रम भीष्म आशाएं होकर मुख दर्शक बने हुए थे उन्होंने कुलवधू के ऐसे अपमान पर उन्होंने मौन नहीं रहना चाहिए तो उन्हें भी चोटियों की भांति अपने समर्थन का प्रदर्शन कर उदय कृत कुत्ते को रोकने का प्रयास करना चाहिए तभी तो इतने बड़े महारथी थे की सभा में उपस्थित सभी दुधारू पर अकेले ही बारी पढ़ते हुए दुधारू में रह रहे उसी दुविधा उन्हें अत्यंत ही समय तक सताती रही यह प्रश्न धर्म और कर्तव्य पालन का है जटायु उसका पालन करते हुए उसके अंतिम समय से साक्षात्कार कर रहे थे इसलिए उन्होंने कोई मानसिक धोने नहीं था अपने जीवन का उद्देश्य पूर्ण कर व मृत्यु का आंगन करने के लिए तत्पर थे दूसरी ओर विश्व के अंतर्मन में भारी अपराधा बोधक था इसी कारण बाण सेवियर पर उन्हें भले ही सारे पीड़ा ना हो किंतु मानसिक संताप और गिलन उन्हें भीतर गिरे रहे इसी स्थिति में उन्होंने मृत्यु लोके से विदा लिया दूसरी और जटायु ने परमानंद की अवस्था अपने प्राणों का उत्सर्ग किया ©Ek villain #धर्म का पालन #baisakhi