Find the Latest Status about आबे हयात अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आबे हयात अर्थ.
Manjul
ये आब-ए-तल्ख़ ही तो हैं मुँह नौच लू उसका, गर इसको कोई शराब कहे.. आब-ए-तल्ख :- पानी ©Manjul Sarkar #आबे #शराब
AVINASH SINGH
मोदी मोदी मोदी यो, संसद में क्या बोल दीयो ! अंजाने को आई लाज, सुन के दंग है सारा सामज ! मोदी मोदी मोदी यो, संसद में क्या बोल दियो ! सूना है चारोऔ हला है, जब से लोगो में ये फैला है ! बड़े ठहाके मारते है, सुन बिपक्षी भी घबरा जाते है ! फुका-फुकी छूटा -छूटी, सब आपसे में कर जाते है ! मोदी मोदी मोदी यो, संसद में क्या बोल दियो ! इ है सही या इ है गलत, जनता समझ न पाबे है ! समझ-समझ के फेरा में, जब समझाबे बिपक्षी सब ! जगह-जगह पर अफरा - तफरी, काहे मचाबे बिपक्षी सब ! मोदी मोदी मोदी यो, संसद में क्या बोल दियो ! कुछ भी करू सब सहिये करू, जनता के ना अब छती करू ! सोच विचार के करे के चाहि, जनता से तनी डरे के चाही ! केतना सही हो जनता अाब, अब नइखे होत बर्दाश्त ! मोदी मोदी मोदी यो , संसद में क्या बोल दियो ! ## ना आबे समझ.....?????
Manvendraji Gaurav
बेवजह करता रहा अपना आइना सफ़ा, मेरी तो हयात ही धुँधली निकली। -मानवेन्द्र (hayat = life) #हयात
Neophyte
तुम्हारी याद का साथ लेकर जी रहा हूँ ग़मो की बारात लेकर जी रहा हूँ बस आँखे सूखी है तो खुश न समझो दिल मे आँशुओ की बरसात लेकर जी रहा हूँ जिस हालात में तुमसे बिछड़ गए थे वही हालात लेकर जी रहा हूँ तुम्हारे दिए हुए तस्वीर,कलम,मग,चाभीपिन, बोतल,इयरफोन और ना जाने क्या क्या कितनी भारी तादाद लेकर जी रहा हूँ तुम्हारी हर सौगात सहेजने की आदत है मुझे अब बिछड़ जाने की सौगात लेकर जी रहा हूँ इस हालात में भी सबसे मुस्करा कर मिलता हूँ मैं कैसी हयात लेकर जी रहा हूँ इस उम्मीद में की हर ग़म के रात की सुबह होगी मैं बस रात ही रात लेकर जी रहा हूँ ©क्षत्रियंकेश हयात!
Prince Hamdard
Listen to you heart because, हयात लंबी उम्र की क्या करेगे मांग के हमदर्द नहीं रहजन लूटने वाला ना मुहाफिज बचाने वाले #हयात
Jahangir Hayaat Khan
वो ज़र्द पत्ते जो पेड़ से टूट कर गिरे थे. कहाँ गए बहते पानियों में बुलाए कोई..! #हयात
Aarzoo#Minza khan
"हयात" सफर-ए-हयात में जुस्तजू थी जिसकी, वो एक आरज़ू बनके रह गया, उसकी कमी सिर्फ प्यार का, अधूरा हुरुफ बनके रह गया, दिल में जज्बातों का समंदर था, जो आंखों में दर्द का सैलाब बनके रह गया.. ©मिन्जा़ खान "हयात"