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Rajesh Sharma Raja
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य की पूजा की जाती है और उन्हें सूर्य देव के रूप में जाना जाता है जो पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का पोषण करते हैं। वैसे तो सूर्य सभी 12 राशियों में गोचर करते हैं, लेकिन जब वह मकर राशि में जाते हैं तो उसे मकर संक्रांति कहा जाता है। क्योंकि जिस दिन सूर्य देव मकर राशि में जाना शुरू करते हैं, वह सबसे शुभ दिन माना जाता है। ©Sharma ji वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य की पूजा की जाती है और उन्हें सूर्य देव के
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ ग्रह शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े हैं। चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार ग्रहों और संबंधित शरीर के अंगों और उनसे जुड़ी बिमारियां निम्न प्रकार हैं ---- *सूर्य* सूर्य हृदय, रीढ़ की हड्डी, पाचन तंत्र, हड्डी संरचना, रक्त, पित्ताशय को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति तेज बुखार, मानसिक रोग, जोड़ों के विकार, हृदय की परेशानी, गंजापन आदि से पीड़ित हो सकते हैं। *चन्द्रमा* चंद्र अंडाशय, भावनाओं, शरीरिक तरल पदार्थ, स्तन, टॉन्सिल, लसीका, ग्रंथियों आदि को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की कमजोर स्थिति मुंह, तिल्ली, गर्भाशय, तंत्रिका संबंधी विकार, सुस्ती आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनती है। *मंगल* मंगल पित्त को नियंत्रित करता है। मंगल धमनियों, प्रजनन प्रणाली, दांत, नाखून, बाल, आंत और नाक को कवर करता है। कमजोर शुक्र जलने, फ्रैक्चर, घाव, त्वचा पर चकत्ते, ट्यूमर, टाइफाइड आदि का कारण बनता है। *बुध* बुध वात पर शासन करता है। पित्त और कफ। बुध मस्तिष्क, श्वसन प्रणाली और तंत्रिकाओं को नियंत्रित करता है। इसकी कमजोर स्थिति गैस्ट्रिक जूस, हाथ, भुजा, गर्दन के निचले हिस्से, नपुंसकता, सिर चकराना आदि से संबंधित विकारों का संकेत देती है। *बृहस्पति* गुरु लीवर, गुर्दे, मस्तिष्क, तिल्ली आदि का कारक है। कमजोर बृहस्पति कान, मधुमेह, अग्न्याशय, याद्दाशत आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। *शुक्र* शुक्र वात और कफ को नियंत्रित करता है। यह पाचन तंत्र, किडनी, प्रजनन प्रणाली, यौन अंग, त्वचा, गले आदि को नियंत्रित करता है। कमजोर शुक्र मूत्र मार्ग, एनीमिया, मूत्राशय, मोतियाबिंद, नपुंसकता आदि से संबंधित रोगों और व्याधियों का कारण बनता है। *शनि* शनि वात (गैस), त्वचा, नसों, हड्डियों और कंकाल को नियंत्रित करता है। शनि के प्रभाव से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, अंधापन, बहरापन आदि होता है। *राहु* राहु पैर, गर्दन, फेफड़े, श्वास आदि यह वात और कफ को नियंत्रित करता है। प्रभावित राहु के कारण मोतियाबिंद, अल्सर, सांस लेने की समस्या, हकलाना, तिल्ली की समस्या आदि हो जाते हैं। *केतु* केतु पेट और पंजों को नियंत्रित करता है। कमजोर और दुर्बल केतु कान की समस्याओं, आंखों के रोग, पेट दर्द, शारीरिक कमजोरी व अन्य परेशानियों का कारण बनता है॥ 🙏अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ
N S Yadav GoldMine
हरे पौधे और पेड़ हमारे जीवन में आशा और सुंदरता की भावना लाते हैं तो चलिए जानते हैं इनके बारे में !! 📌 📌{Bolo Ji Radhey Radhey} शनि दोष से मिलेगा छुटकारा :- 🌲 हर पेड़ और पौधे का एक स्वतंत्र चरित्र होता है।अपने विभिन्न प्रभावों के कारण पौधे का रूप, रंग, सुगंध, फल और फूल सभी विभिन्न ग्रहों से जुड़े हुए हैं। वास्तु शास्त्र में कई ऐसी चीजें बताई गई हैं, जिनके करने और ना करने से हमारे जीवन पर उसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ते हैं। हरे पौधे और पेड़ हमारे जीवन में आशा और सुंदरता की भावना लाते हैं। शमी की जड़ का महत्व :- 🌲 शमी पेड़ की लकड़ी को यज्ञ की वेदी के लिए पवित्र माना जाता है. वहीं शमी के पेड़ का संबंध शनि देव से माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, जो लोग नीलम रत्न धारण नहीं कर सकते वो लोग शमी की जड़ हाथ में बांध सकते हैं। जिसका फल भी व्यक्ति को नीलम के बराबर ही प्राप्त होगा और शनि दोष, साढ़ेसाती से जल्द छुटकारा मिलेगा। शमी को गणेश जी का प्रिय पेड़ माना जाता है। इसलिए भगवान गणेश की आराधना में शमी के पेड़ की पत्तियों को अर्पित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #phool हरे पौधे और पेड़ हमारे जीवन में आशा और सुंदरता की भावना लाते हैं तो चलिए जानते हैं इनके बारे में !! 📌 📌{Bolo Ji Radhey Radhey} शन
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KP technology is is ©KP TAILOR HD आइए जानते हैं आज शुभ- अशुभ समय. सूर्योदय - 05:38:41 AM सूर्यास्त - 19:16:06 PM चन्द्रोदय - 28:02:59
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कुंडली को देखते समय, अक्सर ज्योतिषी कई लोगों को बताते हैं कि वे पितृ दोष से पीड़ित हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृ दोष क्या है? यदि आपक
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