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Vikas Jha
बचपन जिसका कष्ट भरा था कठिनाई से नहीं डरा था जीवन जिसका सीधा साधा दृढ़ निश्चय में बहुत खरा था #2 अक्टूबर ©Vikas Jha गुदड़ी के लाल...... #लालबहादुरशास्त्री #2October #HBDShastriJi
shubham
शहीद पुलिस कॉन्स्टेबल रतन लाल के बच्चों का सवाल CAA सही है या गलत हमें नहीं पता, हमें बस इतना बता दो हुजूर, क्यों मारा हमारे पापा को, क्या था उनका कसूर ? एक सवाल पत्थरबाजों से तुम्हें विरोध करना था करते, धरने पे बैठते,आंदोलन करते, तुम्हारा संवैधानिक अधिकार है ये, ये लड़ाई तुम संविधान के सहारे लड़ते। मगर तुमने बरसाए पत्थर, मिटा दिया हमारी माँ का सिंदूर, CAA गलत है या सही मुझे नहीं पता, मुझे बस इतना बात दो हुजूर, क्यों मारा हमारे पापा को, क्या था उनका कसूर। होली आ रही है जल्द ही, इन बातों को भूल तुम खूब गुलाल उड़ाओगे, दाग है तुम्हारे दामन में मेरे पापा के खून का, हमें बताओ क्या उसे मिटा पाओगे? एक सवाल देशवासियों से तुम्हारी सहानुभूति से क्या होगा, क्या हमारे पापा लौट के आएंगे, कुछ समय बाद तुम भूल जाओगे सब, क्या हम भाई बहन अपने पापा को भूल पाएंगे। police Constable रतन लाल के बच्चों का सवाल
Laxman Kumar M
_____आप भी बताओ______ आप के अनुसार सच्चे प्रेम का अर्थ क्या होना चाहिए।। ये केवल सच्चे प्रेमी जोड़े ही बता सकते है। fake 🤥 love दूर rahe...... ©Laxman Kumar M सच्चे प्रेम का अर्थ प्रेमियों के अनुसार.......
Deepali Singh
माटी का लाल बारूद बिछाकर बिस्तर सा बंदूक इन बाहों में भरते हैं शोलों को दबाये तकिये सा हम नींद को अगवा करते हैं पलक कभी झपकने न पाए चिंगारी आँखों में चुभाते हैं यह अश्क नहीं अंगारे उगले हम ज्वाला ओढ़ के सोया करते हैं थमती सासों को गिरवी रख हर धड़कन को धोखा देते हैं वो मौत क्या निगलेगी हमको जो जिंदगी को रुसवा करते हैं इस तन की क्या है हैसियत मन मांगे बस माँ की खैरियत मैं शौक से दूँ इसे अपना रक्त ये जान तो है मामूली कीमत कोई दुश्मन क्या मुझको आँकेगा हम तिरंगे से आँख मिलाते हैं खौफ़ मौत का क्या रुलायेगा तेरी ममता के अश्क पिघलाते हैं बस कुछ फ़र्ज़ मुझे निभाने दे थोड़ा कर्ज हमें चुकाने दे ये शीश इन चरणों में रहने दे और आशीष तु यूँही देती रहे। ©Deepali Singh माटी का लाल
Manish Kumar
तुम जिस वृक्ष की पत्ती हो, मैं उस वृक्ष का डाल हूं। तुम पापा की परी हो,। तो मैं भी मां का लाल हूं।। ©Manish Kumar मां का लाल
Ajay kumar Singh
जय जवान जय किसान का दिया था नारा सादगी से अपना जीवन गुजारा भारत माँ के भाल को झुकने नहीं दिया ऐसे थे गुदरी के वीर लाल बहादुर शास्त्री है नमन तुम्हें हे महापुरुष श्रद्धासुमन है चरणों में गुदरी के लाल
Darlo the king 🦁🐯
भारत हूं में अभिमानी हूं लूटा है मेरी इजत को गद्दारों ने बारी बारी थर के कांप गया हूं में बं बैठा हूं आहनकर याद मुझे बो लाल मेरे बलिदानी थे देख सॉर्य मेरा गाते मेरी कहानी थे अब दिन बो आया है मेरा खून सड़कों पे फैलाया है जलता है है तिल तिल आके है माटी के लाल तू इन गद्दारों से मिल। .........✍️ साधु बाबा मातृ के लाल