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VIIKAS KUMAR
डॉ. रेकवेग R78 आई केयर ड्रॉप 👉डॉ. रेकवेग R78 आई केयर ड्रॉप आंखों की समस्याओं जैसे आंखों में खिंचाव और नेत्रश्लेष्मलाशोथ के प्रबंधन में उपयोगी है। यह श्लेष्मा झिल्ली की जलन, कॉर्निया के अल्सर और स्राव के साथ पलकों की सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है। इसमें यूफ्रेसिया होता है, जो आंखों के तनाव को कम करने के साथ-साथ इंट्राओकुलर दबाव, लैक्रिमेशन और ब्लेफेराइटिस के प्रबंधन में सहायता करता है। 👉मुख्य सामग्री: ▪︎Aconitum ▪︎Euphrasia ▪︎Belladonna ▪︎Hamamelis ▪︎Kalium carbonicum ▪︎Mercurius bijodatus 👉👉मुख्य लाभ: 👉डॉ. रेकवेग R78 आई केयर ड्रॉप आंखों से संबंधित समस्याओं जैसे आंखों में खिंचाव और नेत्रश्लेष्मलाशोथ से राहत दिलाने के लिए फायदेमंद है 👉यह श्लेष्मा झिल्ली में जलन, कॉर्निया के अल्सर और डिस्चार्ज के साथ पलकों की सूजन को कम करने में मदद करता है 👉इसमें यूफ्रेसिया होता है जो आंखों के तनाव को कम करने में मदद करता है, और अंतःस्रावी दबाव, लैक्रिमेशन और ब्लेफेराइटिस का प्रबंधन करता है। 👉इस्तेमाल केलिए निर्देश: लेबल पर निर्देशित या चिकित्सक द्वारा सलाह के अनुसार उपयोग करें। ©VIKAS KUMAR डॉ. रेकवेग R78 आई केयर ड्रॉप
मोहम्मद मुमताज़ हसन
दिसंबर का महीना रातें सर्द होती जा रही है दिन सिकुड़ रहे हैं नरम पड़ चुके हैं सूर्य के तेवर पहाड़ों को ढंक दिया है बर्फ ने सफेद चादर से सज गया है गर्म कपड़ों का बाजार ये दिसम्बर की दस्तक है आओ हम भी लुत्फ़ उठाएं ठंडी ठंडी सुबह का #दिसम्बर
WRITER AKSHITA JANGID
दिसम्बर आते ही,फ़िर तेरा आना याद आ गया इसी महिनें बहुत यादें जो बनाई है हमने | #NojotoQuote दिसम्बर
सत्यम...S❤️S
एक रात काली थी वो दिसम्बर सी. मन में उठ रही थी हिलोरे बबंडर सी.. मिलन था शायद उस रात हमारा उससे. वो न आई,.और रह गयी ये इला खंडहर सी.. #दिसम्बर
Savita Suman
#दिसंबर ये जो गुजर रहा है वो गुजर जाएगा वक्त कब रुका है ये भी ना रुक पाएगा लायेगा फिर नया भोर जीवन का उम्मीद फिर कई वो दिखलाएगा पर जो ठहरा है दर्द सीने में मेरे बन कर नस्तर सा सीने में मेरे कोई कहदे कभी मुझे आकर क्या वो भी कभी गुजर पाएगा लोग कहते हैं लाता है खुशियां दिसंबर पर गया वक्त भी क्या वो फिर लायेगा सो गई है खुशी कहीं सर्द की रजाई में धूप नए वर्ष का क्या उसे जगाएगा फिर कोई सिहरते थरथराते देह पर मखमली गर्म एहसास कराएगा दूर सन्नाटों में गुम गया है आवाज जो क्या कोई फिर कानों में गुनगुनाएगा रह रह कर उठती है एक टीस जिगर में क्या मरहम कोई प्यार का फिर दे जाएगा कैसे कैसे समझाती है "सुमन" अपने दिल को क्या कोई इस दर्द को भी समझ पाएगा @सविता सुमन ©Savita Suman #दिसम्बर
Rahul Saraswat
चलिये नई साल की आमद में, कसीदे़(बधाई) पढ़िए खत्म़ होने को, फिर इक बार, माह-ए-दिसम्बर है आया ख्वाहिश है बीते ये साल, बेमिसाल खुशहाली से जाते हुए सालों ने तो है, बस कैद ही करवाया .. दिसम्बर
Manmohan Dheer
दिसम्बर का ये मौसम तुम मेरे नाम लिख दो मेरे नौतपे पे शबनमी थोड़ी बारिश लिख दो . दिसम्बर
चाँदनी
bench भरी जनवरी सीने को बर्फ ना कर सकी देखो दिसम्बर की हल्की बारिश मेरे अक्स तक के निशा मिटा दिए ©चाँदनी #दिसम्बर