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Anand creation
जब भी रुकने का मन करे तो याद करना की शुरु क्यों किया था ©sakchi कभी रुकना नहीं चाहिए।
sid_🤫
हर एक छोटी बात का मतलब बड़ा होता है हर एक छोटा इंसान एक दिन बड़ा जरूर बनता है #me जिंदगी में कभी रुकना नहीं चाहिए
rohan goswami
जिंदगी की राह में चलता चल कर परिश्रम और बढ़ता चल... काटे बहुत होंगे राह पर पर फिर भी तू बढ़ता चल Rohan स्टेटस wala जिन्दगी मै रुकना नहीं चाहिए #जिन्दगी #way_to_Target #life by lovekidiary
Kuldeep KumarAUE
जिंदगी में कभी भी एक जगह रुकना नहीं चाहिए चलते रहना चाहिए यही जीवन है ©Kuldeep KumarAUE #waiting जिंदगी में कभी भी एक जगह रुकना नहीं चाहिए चलते रहना चाहिए यही जीवन है #kuldeepkumaraue
Anjali Singhal
Prabhav
#Motivation यह घने मेघ देखो, गरज कह रहे तुम राह पकड़ बस चलते रहो लाख बाधाएँ रोके तुम्हें मार्ग में तुम तपस्या की अग्नि में तपते रहो झेला आज जिन शाखों ने आषाढ़ी तूफाँ कल उसपे ही कलियाँ खिलेगी प्रिय बारिशों की यह बुँदे है कहती सुनो एक दिन तुमको मंजिल मिलेगी प्रिय लोग हैं, वो कहेंगे, छोड़ो तुम परवाह आगे बढ़ने की मन में बसा लो बस चाह यूँ ही चलते चलो, गिरो, गिर कर उठो हार से मत डरो, बस संभलते रहो, ये घने मेघ देखो गरज कह रहे तुम राह पकड़ बस चलते रहो।। -प्रभव मिश्र महाकवि दिनकर ने भी कहा था "और अधिक ले जांच, देवता इतना क्रूर नहीं है थक कर बैठ गए क्या भाई, मंजिल दूर नहीं है।" हमें बाधाओं से घबरा यूँ र
Prem Singh Rajpurohit
Gumnaam
टुकड़ा टुकड़ा जीने से तो अच्छा ही है। समझौता समझदारी का दूसरा नाम है। अक्सर हम समझौते को हार का नाम देते हैं मगर ऐसा नहीं है। आज इसी विषय पर लिखें। #समझौता #collab #yqdidi
sanjana
तुम्हारी य़ादों से यूही मुस्कुराकर तबी शायद आज भी इश्क-ए-आबाद हैं हम l समझौता समझदारी का दूसरा नाम है। अक्सर हम समझौते को हार का नाम देते हैं मगर ऐसा नहीं है। आज इसी विषय पर लिखें। #समझौता #collab #yqdidi
Deo Prakash
"अब घर लौटने को हैं" निकला था जो घर से किसी मंज़िल की तलब में, वो मुसाफ़िर अब घर लौटने को हैं। देखा था जो ख़्वाब खुली आँखों से, उसे कामिल कर अब वो थोड़ा ठहरने को हैं।। अनगिनत लोगों से मुलाक़ातें हुई, ज़िंदगी ने कई पाठ पढ़ाई। कितने ही अंजान राहों से पहचान कराई, पर पंछी अब घर लौटने को हैं।। कहते हैं कभी एक जगह पर रुकना नहीं चाहिए, तो मैं कैसे रुक सकता हूँ। फिर एक नई मंज़िल की आस में, एक नये सफ़र पर अब निकलने को हैं। समन्दर सा गहरा तो हूँ पर ठहरा हुआ नहीं, हर बाधाओं को दूर कर नई चुनौती के लिए तैयार हूँ, बीती बातों से सीख ले कर, एक और ऊँची उड़ान भरने को हैं।। "अब घर लौटने को हैं" निकला था जो घर से किसी मंज़िल की तलब में, वो मुसाफ़िर अब घर लौटने को हैं। देखा था जो ख़्वाब खुली आँखों से, उसे कामि