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Ghumnam Gautam

White कहाँ हम कुछ कहीं भी बो रहे हैं
झुकी है पीठ ख़ुद को ढो रहे हैं

बहुत खुश हैं वो जिनका दिल है टूटा
जिन्हें दिलवर मिला वो रो रहे हैं

©Ghumnam Gautam #love_shayari 
#दिलवर
#कहीं 
#पीठ 
#ghumnamgautam

theABHAYSINGH_BIPIN

#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे

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कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे हैं,
सर्दी ने रोका हर काम।
हिम्मत भी थरथर कांप उठी,
लिपटे हम गर्म चादर में।

उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है,
किसने बर्फ डाल दी पानी में?
कौन है जो यूं कहर ढा रहा,
पूरे गांव को कैद किया है घर में?

राह अंधेरी, जमी हुई है,
थोड़ी उम्मीद बची है मन में।
चलता हूं बस सहारे इसके,
जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में।

शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात,
आलस ने ले लिया गिरफ्त में।
यह कैसा दिन, एक पल न सुहा,
सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में।

हर कदम जैसे थम सा रहा,
जीवन को ढो रहा धुंध में।
क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी,
या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में?

©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter 
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिल में जो राज़ हैं, वो सब कहना चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कहीं वो हमारी बातों को बुरा न मान जाएं। उन्हें अपना दर्द बताए बिना ज

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दिल में जो राज़ हैं, वो सब कहना चाहते हैं,
लेकिन डरते हैं कहीं वो हमारी बातों को बुरा न मान जाएं।

उन्हें अपना दर्द बताए बिना जीना मुश्किल है,
पर ये डर भी है कि कहीं वो हमारी हालत को समझ न पाएं।

सोचते हैं कि बताएं अपने दिल की दुआ,
लेकिन क्या पता, कहीं वो हमारी सच्चाई को न देख पाएं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
दिल में जो राज़ हैं, वो सब कहना चाहते हैं,
लेकिन डरते हैं कहीं वो हमारी बातों को बुरा न मान जाएं।

उन्हें अपना दर्द बताए बिना ज

SumitGaurav2005

कहीं पर है खुशियों की रात कहीं गम का सवेरा है, मेरा तो कुछ है ही नहीं आज तो दिसंबर भी तेरा है! ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 #13thday #13december

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Revashankar Nathani

न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम

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White बिकती है ना कहीं खुशी ना कहीं गम बिकता है
लोग गलत फेमी में है कि शायद कहीं महरम बिकता है
इन्सान उम्मीदों से बंधा हुआ एक जिदी परिंदा है
वो उम्मीदों से ही धायल है और उम्मीदों  पर ही जिंदा है

©Revashankar Nathani न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम

Honey

कोई नगमा कहीं कोई

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हिमांशु Kulshreshtha

फ़िर भी

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यूँ तो कोई ग़म नहीं

फ़िर भी मैं ख़ामोश रहता हूँ

तन्हाई रास आने लगी हैं

बरसों बरस दूर रहा ख़ुद से 

बस,अब मैं ख़ुद के साथ रहता हूँ

©हिमांशु Kulshreshtha फ़िर भी

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#GoodMorning ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है,ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१ हसद की आग से हमको जला ना पाओगे,हम अपने आप मे ये बात खास

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White ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है,
ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१

हसद की आग से हमको जला ना पाओगे,
हम अपने आप मे ये बात खास रखते है//२

तुम हमसे आज तलक हम शनासा हो न सके,
ये और बात तुम्हे आस पास रखते है//३

मेरे वतन की विविधता को जान लेना तुम,
मस्जिदो-गिर्जे गुरुद्वारे-सनमखाने निवास रखते है//४

कहीं भी जाओ जहाँ मे-ये बुग्ज लेकर तुम,
हम उल्फतों की"शमा" का विकास रखते है//५
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #GoodMorning ज़िगर मे बुग्ज ज़बा पर मिठास रखते है,ये लोग ऐसे ही हमसे खठास रखते है//१

हसद की आग से हमको जला ना पाओगे,हम अपने आप मे ये बात खास

Rakesh frnds4ever

ये #समय जो असीमित तेज रफ्तार से दौड़ रहा है,, कहीं #रुक जाए, #ठहर जाए कहीं अब और नहीं , बस मुझमें बसे इस #अकेलेपन से कोई निकाल ले म

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बेजुबान शायर shivkumar

मेरे लिए मेरे मन का #पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे #जीवन का हर #त्यौहार भी तुम नवंबर की सी #शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी #धूप भी तुम #

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मेरे लिए मेरे मन का पुष्प भी तुम 
मेरे लिए मेरे जीवन का हर त्यौहार भी तुम 

नवंबर की सी शाम भी तुम 
दिसंबर की सौंधी  धूप भी तुम 

बारिश की बूंद भी तुम
बसंत की महक भी तुम 

पतझड़ में नारंगी पड़ता बाग भी तुम 
बरसात में हरियाली से भरता कोई चारागाह भी तुम 

पहाड़ों की सुबह भी तुम 
समंदर किनारे की हवा भी तुम 

कहीं सुकून से बैठे हुए मेरा 
कोई विचार भी तुम 

रात को आसमान में गिनता हुआ तारा भी तुम 
मेरी आधी किस्मत को पूरा करने का सहारा भी तुम 

मेरे बालों को सहलाने वाले हाथ भी तुम 
मुझे पुकारने वाली आवाज भी तुम 

तुम शायद सब हो मेरे जीवन में 
मुझे मिल के पूरा कर जाने वाले ख्वाब भी तुम ..

©बेजुबान शायर shivkumar मेरे लिए मेरे मन का #पुष्प  भी तुम 
मेरे लिए मेरे #जीवन  का हर #त्यौहार  भी तुम 

नवंबर की सी #शाम  भी तुम 
दिसंबर की सौंधी #धूप  भी तुम 

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