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Pradeep Shrivastav Parvana
दीपक nepop
सर्मिन्दा छु ती फुल सङ्ग, जो मेरो हातमै सुकेर गयो तिम्रो प्रतिक्षामा… koixaina mero
nepal update
आफ्नै शब्द,सङ्गित र स्वरमा रचना गरिएको मेरो पहिलो गिति सङग्रह 🎶 कृपया सुनेर प्रतिक्रिया दिनु होला! ▶ 🔊 ──────── 00:04:12 🎵🎵 जित बहादुर राना मगर आफ्नै शब्द,सङ्गित र स्वरमा रचना गरिएको मेरो पहिलो गिति सङग्रह 😊😊😊 कृपया सुनेर प्रतिक्रिया दिनु होला!! ▶ 🔊 ──────── 00:04:12 🎵🎵
Lavkush Jaisawal
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ अर्थ – श्री कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन, कर्म करना तुम्हारा
Bhavana kmishra
🌹कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।🌹 🌹मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥🌹 🌹आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की 🌹 🌹हार्दिक शुभकामनाएं!!🌹 🙏जय श्री कृष्ण !!🙏 ❤️ ©Bhavana kmishra #श्री कृष्ण #Nojoto #Hindi #viral #bhavanakmishra पथिक.. M R Mehata(रानिसीगं ) Ashutosh Mishra RamBiny Niaz (भारतीय) एक अजनबी Rama Gosw
SHAILESH RANA
राणा ये कैसी दुविधा आन पड़ी, जो तेरा मन है डोल रहा। तुझे अंदर ही अंदर ये बोल रहा।। राणा अगर तुम सज्ज नहीं, अपने कर्तव्य का निर्वाह करने को। तो मैं विवश हूं तुम्हारा वध करने को।। खुद में तुझे वो टटोल रहा, और मन ही मन ये बोल रहा। कर्म ही कर्तव्य है तेरा जो तुझे निभान है।। तू फल कि चिंता क्यों करता है, जब वो विधाता के हाथों ही आना है। राणा लिखना है तुझे और लिखते ही जाना है।। धर्म के मार्ग पर चल कर तुझे कर्मयोगी हो जाना है। पथभ्रष्ट समाज को धर्म से अवगत कराना है।। लिखते रहो राणा लिखते रहो। अपनी अंतिम सांस तक तुम्हें लिखते ही जाना है....):- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: त
शैलेश राणा
राणा ये कैसी दुविधा आन पड़ी, जो तेरा मन है डोल रहा। तुझे अंदर ही अंदर ये बोल रहा।। राणा अगर तुम सज्ज नहीं, अपने कर्तव्य का निर्वाह करने को। तो मैं विवश हूं तुम्हारा वध करने को।। खुद में तुझे वो टटोल रहा, और मन ही मन ये बोल रहा। कर्म ही कर्तव्य है तेरा जो तुझे निभान है।। तू फल कि चिंता क्यों करता है, जब वो विधाता के हाथों ही आना है। राणा लिखना है तुझे और लिखते ही जाना है।। धर्म के मार्ग पर चल कर तुझे कर्मयोगी हो जाना है। पथभ्रष्ट समाज को धर्म से अवगत कराना है।। लिखते रहो राणा लिखते रहो। अपनी अंतिम सांस तक तुम्हें लिखते ही जाना है....):- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: त
lalitha sai
माँ.. तू सर्व जगत जननी.. माँ.. तू सर्वांतर्यामी..❤️❤️ अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्द नुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते। भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भू
Divyanshu Pathak
नाच-नाच पिव रसिक रिझाऊँ प्रेमी जनकूँ जाचूँगी ! प्रेम प्रीतिका बाँधि घुँघरू सूरत की कछनी काछूँगी ! लोक लाज कुल की मरजादा यामें एक न राखूँगी ! पिवके पलंगा जा पौडूंगी मीरा हरि रँग राचूँगी ! Good morning ji ☺☕☕☕💕🐒💕💕🌼🌼💐💐🍫🍫💕☕👨🌼💕👨🍉🍉🍉🍨🍨🍨🍵 : मीराबाई महाराणा कालभोज (वप्पा रावल) की वंश परम्परा में ४४वे महाराणा संग्राम सिंह (१५०९-१५२७ ई