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BANDHETIYA OFFICIAL
New Year 2025 बदल भी जा पहली जनवरी, रह जाएगी तारीख तारीख में याद। थक चुका हूं देते -लेते, फिर सोचता हूं,किस बात की मुबारकबाद, सबकी तो अपनी अपनी है तू, सबका तो अपना अपना है साल। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Newyear2025 #पहली जनवरी
#Newyear2025 #पहली जनवरी
read moreNeeraj
White मनुष्य अपनी कामयाबी का स्टेटस तो लगाता हैं ,परन्तु असफलता मिलने पर स्टेटस या स्टोरी कभी नहीं लगाता। इसलिए जीत से अधिक असफलता को स्वीकारने की क्षमता मनुष्य में होनी चाहिए। ©Neeraj #motivate #असफलता ही सफलता की पहली शुरुआत हैं। 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'
Anushka Rathore
Unsplash खेत में गिर गई चाबी हैप्पी न्यू ईयर भाभी 😘😘😚☺️😊😜 ©Anushka Rathore नया साल 2025 की पहली शायरी भाभी के नाम
नया साल 2025 की पहली शायरी भाभी के नाम
read moreMayuri Bhosale
White ओ पहली मुलाकात..... दिल मे दबी हुई वो हसी लगती है हमे आँखो मे अभी भी वैसी ही फसी सब कुछ लुटा दिया है हमने तुम पर मगर दिल धडकते ही आ जाते है होशपर आप को देखा तो ऐसा लगा की उडणे लगे है हवा में वैसे तो चाॅंद तारे शामिल है हमारे मिलन के गॅंवा में कुछ तो खास थी आप में वो बात याद आती है हमें ओ पहली मुलाकात ओ पहली मुलाकात. ©Mayuri Bhosale #ओ पहली मुलाकात
#ओ पहली मुलाकात
read moreनवनीत ठाकुर
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था। ©नवनीत ठाकुर जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
read moreKamal bhansali
White शीर्षक : ऐसे ही अब जीना है.... खुशहाल रहे जीवन, ये अहसास हर कोई करता प्रश्न गहन, फुर्सत में कौन जिंदगी से ये बात करता ! दौड़ रही राहें, पांवों का रुकना अब मुश्किल लगता अगर भूल से गिर गये तो आजकल कौन किसे उठाता ! हसरतों भरे आशियाने सज कर भी वीराने से लगते दुनियादारी निभाने कभी मुस्कुराते चेहरे संग दिख जाते रिश्तों के संसार में मजबूरी की आह रोज सुनाई देती राजनीति की बीमारी जग बंधनों में भी अब नजर आती उम्र की कोई कद्र न हो तो रिश्तों में मिठास नहीं रहती किसे समझाएं ! टूटे सूखे पत्तों से महक कम ही आती फलसफा जीने का, आज में ही अब सब कुछ पाना है धोखा दे रही सांसे, उन पर भी अब विश्वास का रोना है "कमल", सुख अब संसार का सुंदर टूटा सा खिलौना है कल्पना में ही सब कुछ पाना, ऐसा ही अब ये जमाना है ✍️ कमल भंसाली ©Kamal bhansali # ऐसे ही अब जीना है#कमल भंसाली
# ऐसे ही अब जीना हैकमल भंसाली
read moreKamal bhansali
फिक्र.... " हाल बेहाल हुई जिंदगी अब समझा रही अपनों से ज्यादा गैरों को तेरी फिक्र रही " ✍️ कमल भंसाली ©Kamal bhansali # फिक्र # गैर # कमल भंसाली
# फिक्र # गैर # कमल भंसाली
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