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अमित चौबे AnMoL
जिस प्रकार हर द्रव्य द्रव नही होता परन्तु हर द्रव द्रव्य अवश्य होता हैं, इसी प्रकार हर मनुष्य अच्छा नही होता, पर हर अच्छा व्यक्ति मनुष्य ही होता है #अच्छे_मनुष्य_बनिये #द्रव -बहने योग्य #द्रव्य -पदार्थ #मनुष्य #मानवता #अनमोल_तुम #व्यक्तित्व
NEERAJ SIINGH
शायरी का सफेद मोम लिए फिरता हूँ सादगी और दोस्ती का गोंद लिये फिरता हूँ गर रिस रहा हो कोई गम तो बता देना ऐ दोस्त क्या पता जमाने की दीं हुई दरारे इस नाज़ुक मरहम से भर जाएं... किसी के काम आजाऊँ मैं ये होम लिए फिरता हूँ.. होम - यज्ञ में आहुति में प्रयोग होने वाला द्रव्य #neerajwrites #yqbaba #yqdada #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi
राजवीर 'रसिक'
माँ तेरे अगणित रूप हैं पर , नव रूप दिव्य है नूतन है । तू सत्य प्रेम वात्सल्य शक्ति तू जीवों का अंतर्मन है । हर भक्त उपासक आराधक मनवांछित पा लेता तुमसे, हे ब्रह्म , विष्णु , शिव की जननी , करबद्ध कोटिशः वंदन है । माँ तेरे अगणित रूप हैं पर , नव रूप दिव्य है नूतन है । तू द्रव्य प्रेम वात्सल्य शक्ति ,तू जीवों का अंतर्मन है । हर भक्त उपासक आराधक मनवांछित
Yogi Sonu
White अगर जीवन में समाधी न हो तो जीवन कैसा होगा भाग दौड़ होगी ईश्या होगी प्रतिस्पर्धा होगी जीवन एक जंगली जानवर जैसा बन जायेगा फिर उसे भुलाने के लिए मादक द्रव्य का सेवन पर समाधी अपने आप में एक दुनिया है परमार्थ की दुनिया जिस दुनिया मे आदिपुरुष योग में स्थापिता है । ©Yogi Sonu अगर जीवन में समाधी न हो तो जीवन कैसा होगा भाग दौड़ होगी ईश्या होगी प्रतिस्पर्धा होगी जीवन एक जंगली जानवर जैसा बन जायेगा फिर उसे भुलाने के लि
yogesh atmaram ambawale
माया ही वेडी ही असे,माया म्हणजेच भ्रम, माया म्हणजे जिव्हाळा,आपुलकी,स्नेह,प्रेम. माया ही जादू असे,माया म्हणजे नुसताच भास, माया ज्यांस द्रव्य वाटे,त्यांस फक्त पैशाचा हव्यास. शुभ प्रभात लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो आताचा विषय आहे माया... #माया१ आज यावर सुंदर सुंदर चारोळी लिहा. #collab #yqtaai लिहीत राहा. #YourQuote
Raj Aryan
वो चरक ही क्या जिसके द्वारा जिसके द्वारा तुझे विस्तार से मै जान भी ना पाऊ सब कुछ जानकर भी तेरा हाथ की नाड़ी पकड कर तुझमे खो ना जाऊ तो मै वैद्य कैसा | अगर मै तुझ मै उतरकर भी अपनी युक्ति से उस द्रव्य गुण की औषधि के रूप, रस, गंध से तेरे हर दुख का निवारण कर पाऊं तो मै वैद्य कैसा | वो चरक ही क्या जिसके द्वारा जिसके द्वारा तुझे विस्तार से मै जान भी ना पाऊ सब कुछ जानकर भी तेरा हाथ की नाड़ी पकड कर तुझमे खो ना जाऊ तो
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
🇮🇳🇮🇳🇮🇳 सदियों से अजर-अमर गुंजायमान अद्भुत अनुपम आर्यवर्त महान ऋषिकुल,गुरुकल परम्परा अपार वैभव-विलास सब साथ-साथ लोक-लाज,मर्यादा,आचार-विचार संतुलित जीवन सब आधार स्तंभ बालक,वृद्ध,नारी,दुर्बल सम्मान सामाजिक व्यवस्था मूल स्वभाव काम,क्रोध,लोभ,मोह तिरस्कार सरल-तरल द्रव्य पारदर्शी जीवन 'सर्वेभवन्तु सुखिनः'मूल वाक्य भारत संस्कृति की अमूल्य पहचान 🌹 Copyright protected ©️®️ Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 सदियों से अजर-अमर गुंजायमान अद्भुत अनुपम आर्यवर्त महान ऋषिकुल,गुरुकल परम्परा अपार
आयुष पंचोली
जहां मय मिला, वो मयखाना हो गया, किसी का शौक , किसी के गम भुलाने का ठिकाना हो गया। हम समझ ना पाये कभी सीरत इस द्रव्य की, जिसने इसे चखा उसके स
safaritefaqka
Love in sex :- इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) Image :- Self Created #paidstory #pc1 #safaritefaqka #yqaestheticthoughts #yqrestzone #yqhindi #eroti
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं- भारत! केवल राज्य आदि बाह्य पदार्थों का त्याग करने से ही सिद्धि नहीं प्राप्त होती। बल्कि शरीरिक द्रव्य का त्याग करके भी सिद्ध प्राप्त होती है, अथवा नहीं भी होती है। 🌹 बाह्य पदार्थों से अलग होकर भी जो शारीरिक सुख-विलास में आसक्त है, उसे जिस धर्म और सुख की प्राप्ति होती है, वह तुम्हारे साथ द्वेष करने वालों को ही प्राप्त हो। मम (मेरा) ये दो अक्षर ही मृत्युरूप है और न मम (मेरा नहीं है) यह तीन अक्षरों का पद सनातन ब्रह्म की प्राप्ति का कारण है। ममता मृत्यु है, और उसका त्याग सनातन अमृत्व है। ©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं- भारत! केवल राज्य आदि बाह्य पदार्थों का त्याग करने से ही सिद्धि नहीं प्राप्त होती। बल्कि शर