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White हर चीज़ उठाई जा सकती हैं, सिवाए गिरी हुई सोच के. ©Sk हर चीज़ उठाई जा सकती हैं, सिवाए गिरी हुई सोच के.
हर चीज़ उठाई जा सकती हैं, सिवाए गिरी हुई सोच के. #Quotes
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- ये जो तेरी आँख में , भर आया है नीर । बिन इसके संसार में , खूब उठेगी पीर ।। संकट ये गंभीर है , मानो मेरी बात । बूँद-बूँद से भर घड़ा , आयी है बरसात ।। रोते फिरते आज जो, नही पास व्यापार । बैठे-बैठै लोग वह , वृक्ष करें तैयार ।। काम बड़ा छोटा नहीं , करो समय से काम । याद रखें ये आप भी , साथ रहें श्री राम ।। अधिक हुआ विज्ञान अब , आगे दिखे विनाश । सोच-सोच मानव सभी , होने लगे निराश ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- ये जो तेरी आँख में , भर आया है नीर । बिन इसके संसार में , खूब उठेगी पीर ।। संकट ये गंभीर है , मानो मेरी बात । बूँद-बूँद से भर घड़ा
दोहा :- ये जो तेरी आँख में , भर आया है नीर । बिन इसके संसार में , खूब उठेगी पीर ।। संकट ये गंभीर है , मानो मेरी बात । बूँद-बूँद से भर घड़ा #कविता
read moregaTTubaba
White कितना बेहतरीन था उसका हमसफ़र हर मुसीबत में साथ रहा फिर आशिक को शर्म आयी आइना देखकर चाहे जितना भी पास रहा ,जानबुझकर दूर ही रहा वो दुख कितना कम था उसको खो देने का उस खुशी के सामने की इश्क उसका किसी सही के साथ रहा ....! ©gaTTubaba #mango_tree कितना बेहतरीन था उसका हमसफ़र हर मुसीबत में साथ रहा फिर आशिक को शर्म आयी आइना देखकर चाहे जितना भी पास रहा ,जानबुझकर दूर ही र
#mango_tree कितना बेहतरीन था उसका हमसफ़र हर मुसीबत में साथ रहा फिर आशिक को शर्म आयी आइना देखकर चाहे जितना भी पास रहा ,जानबुझकर दूर ही र #शायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।
संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। #कविता
read moreDalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar 'Deep' ✍🏿🥀🥀ठहर गये सब अरमाँ तबयत गिरी गिरी सी रहती है😔🍂🍂 गुड नाईट🙏 सुबह मिलते हैं शायद🌹🌹
✍🏿🥀🥀ठहर गये सब अरमाँ तबयत गिरी गिरी सी रहती है😔🍂🍂 गुड नाईट🙏 सुबह मिलते हैं शायद🌹🌹 #शायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- नज़्म हम आपसे उठाते हैं । आपको देख मुस्कराते हैं ।।१ आज बरसो हुए लिए फेरे । गिफ्ट तुमको चलो दिलाते हैं ।।२ प्यार कब बाँटते यहाँ बच्चे । प्यार तो और ये बढाते हैं ।।३ हाथ जब भी लगा तेरे आटा । रुख से लट तब हमीं हटाते हैं ।।४ जब भी आयी विवाह तारीखें । घर को खुशियों से हम सजाते हैं ।।५ घर के बाहर कभी न थी खुशियाँ । सोचकर शाम घर बिताते हैं ।।६ दीप बुझने न दूँ मुहब्बत का । नाम का तेरे सुर लगाते हैं ।।७ है खुशी का महौल घर में अब । बच्चे किलकारियां लगाते हैं ।।८ हाथ मेरा न छोड देना कल । जी न पाये प्रखर बताते हैं ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- नज़्म हम आपसे उठाते हैं । आपको देख मुस्कराते हैं ।।१
ग़ज़ल :- नज़्म हम आपसे उठाते हैं । आपको देख मुस्कराते हैं ।।१ #शायरी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- विदाई अजब है खेल कुदरत का बहन की इस जुदाई में । बहुत रोया गले लगकर पिता भी तो विदाई में । पड़ी बेसुध उधर थी माँ विदा कर आज बेटी को - सिसक कर रो रहा दूल्हा सुनो अपनी सगाई में ।। मुहब्बत कर लिया हमने जताना है जरा मुश्किल । भरी महफ़िल गिरे आँसूं छुपाना है जरा मुश्किल । मिलन की भी घड़ी आयी विदाई की घड़ी लेकर - जिऊँगा मैं भला कैसे बताना है जरा मुश्किल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- विदाई अजब है खेल कुदरत का बहन की इस जुदाई में । बहुत रोया गले लगकर पिता भी तो विदाई में । पड़ी बेसुध उधर थी माँ विदा कर आज बेट
मुक्तक :- विदाई अजब है खेल कुदरत का बहन की इस जुदाई में । बहुत रोया गले लगकर पिता भी तो विदाई में । पड़ी बेसुध उधर थी माँ विदा कर आज बेट #कविता
read moreSarfaraj idrishi
अयोध्या एयरपोर्ट की छत गिरी..! राम को भी चूना लगा दिया गजब का रामराज्य 🤪🤣🤣 ©Sarfaraj idrishi अयोध्या एयरपोर्ट की छत गिरी..! राम को भी चूना लगा दिया -29 गजब का रामराज्यAnupriya Rakesh Srivastava Devrajsolanki h m alam s Dhanya Vais
अयोध्या एयरपोर्ट की छत गिरी..! राम को भी चूना लगा दिया -29 गजब का रामराज्यAnupriya Rakesh Srivastava Devrajsolanki h m alam s Dhanya Vais #Comedy
read moreSethi Ji
जिसका कोई नहीं होता , उसका ऊपर वाला होता हैं बस यही सुकून पा कर मेरा तन्हा दिल हर दिन सोता हैं ना जाने क्या कशिश हैं उनकी मोहब्बत में उनकी याद में आज भी यह " शायर " रोता हैं ज़िन्दगी में हमेशा फल पाओगे दोस्तों जैसा कर्मों का बीज इंसान उम्र भर बोता हैं जिसने पा लिया अपने मेहबूब को अपनी बाहों में वोह रात भर चाँद के साथ अकेले रहने का मज़ा खोता हैं 💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 💞💞 मोहब्बत का विश्वास 💞💞 💞💞 ज़िन्दगी का एहसास 💞💞 बस एक शिकयत हैं तुझसे ज़िन्दगी तू कभी " आशिक़ो " को रास नहीं आयी।। इतनी मोहब्बत करता हूँ त
💞💞 मोहब्बत का विश्वास 💞💞 💞💞 ज़िन्दगी का एहसास 💞💞 बस एक शिकयत हैं तुझसे ज़िन्दगी तू कभी " आशिक़ो " को रास नहीं आयी।। इतनी मोहब्बत करता हूँ त
read moreAJAY NAYAK
बताकर धोखा देना हमारे जख्मों को देखने आयी हो या हमे जो भी हो............ जाते जाते............. नमक भी छिड़कना तो बताकर छिड़कना अंदर का घाव, ठंडियों में बहुत दुखता है –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #lakeview #batakardhokadena बताकर धोखा देना हमारे जख्मों को देखने आयी हो या हमे जो भी हो............ जाते जाते............. नमक भी छिड़कन
#lakeview #batakardhokadena बताकर धोखा देना हमारे जख्मों को देखने आयी हो या हमे जो भी हो............ जाते जाते............. नमक भी छिड़कन #शायरी
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