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Writer Abhishek Anand 96
भाषामयी नमस्कार🙏 भाषा कोई भी हो सब में प्रेम और आत्मीयता ही मुख्य तत्व है, इसलिए भारत की सभी भाषाएं मेरी अपनी है सभी भाषाएं राष्ट्रीय है पर हिंदी का वास्तव में कोई जवाब नहीं ओर अंग्रेजी तो कहीं टिकती ही नहीं तो अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर संकल्प करें ❣️ अपनी मातृभाषा पर गर्व करें👏 ©Writer Abhishek Anand 96 #SunSet अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा
Aurangzeb Khan
बुझते हुए चराग को हवा दे गया कोई मौसम ए खिजा में भी गुल खिला गया कोई थम चुकी थी जिनकी उम्मीदें इंसाफ के लिए इस जुल्म के अंधेरों में वक्त रहते ही इंसाफ का दीया फिर जला गया कोई #सर्वोच्च न्यायालय ©Aurangzeb Khan #सर्वोच्च न्यायालय
नवीन नव
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई डॉक्टर भगवान नर्स वरदान फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म दिवस । मनाते है अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस ।। क्रीमियन युद्ध सैनिकों का इलाज । लेडी विद द लैंप कहलाई प्रथम नर्स ।। नर्स का व्यक्तित्व माँ सा दुलार है ,हाथों में । दया स्नेह प्यार है, बातों में ।। जब भी कोई रोगी कराहता । दौड़ी चली आती ,रातों में ।। दिन रात करती देखभाल । लेती रहती सार संभाल ।। बड़े प्यार से जवाब देती । जब कोई पूछता सवाल ।। प्रेग्नेंसी हो या कोई ऐक्सिडेंट । आईसीयू में भर्ती कोई पेशेंट ।। न घबराती हैं न चिल्लाती है । केयर करतीं है हैंड टू हैण्ड ।। नवजात शिशु को सहलाना । परिजनों को गुड न्यूज सुनाना ।। कराहते रोगी हो या परिजन । सबका हर पल ,संबल बढ़ाना ।। डॉक्टर दवाइयां लिखते हे । नर्सेज दवाइयां खिलाते है ।। इनके स्नेह ,देखभाल से । मरे इंसान भी जी उठते है ।। कोरोना महामारी में डटे है । रात दिन एक टाँग पे खड़े है ।। संक्रमित रोगियों के बीच । कोरोना से जमकर लड़े है ।। ये महज एक नौकरी नहीं । तनख्वाह की टोकरी नहीं ।। ये ईश्वर के भेजे फरिश्ते है । बिन रिश्तों के बने रिश्ते है ।। डॉक्टर भगवान,ये वरदान है । कोशिश से बचाते, जान है ।। मानव सेवा परम सेवा है । इनका कर्म सबसे महान है ।। अनहोनी होने पर धीरज धरों । गलती से भी अपमान ना करो ।। ये मानव को बचाने वाले है । इनका हमेशा ही सम्मान करो ।। डिस्चार्ज होने पर आभार करो । उनके संग अच्छा व्यवहार करो ।। उनकी शहादत को कभी भूलो ना । खेरियत में दुआ ,हर बार करो ।। नवीन नव बीगोद ©नवीन नव अन्तर्राष्ट्रीय नर्स डे #COVIDVaccine
अन्तर्राष्ट्रीय नर्स डे #COVIDVaccine
read moreKavita jayesh Panot
न्याय की कतार अन्यायों की बस्तियों में, देखो न्याय के लिए कतार लगी है। छोटी नही है कोई आवाजे , दिल की गहराइयों से गुहार लगी है। सुनने वाला जैसे बेहरा हो, आँखों से दृष्ट राज । राज सभा में द्रोपतियो की भीड़ लगी है। सरेआम छल ली जाती है , इज्जत बाजारों में किसी बेकसूर की। जैसे किसी हैवान की वासना मुख में सजी हो। किसी के घर पकवानों की थालियां सजती है, तो कोई भूख से तड़प कर मौत की नींद सो जाता है। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा, कोई लुटा देता है अपनी बुढ़ापे की जमा पूँजी भी, एक न्याय की आस में। फिर भी वर्षो से कागजातों में बंद उम्मीदे पड़ी है। कोई अपने हक की कमाई के लिए , गिड़गिड़ाता है, लाठी के सहारे भी पेंशन आफिस के चक्कर लगाता है। न जाने ये न्याय का कैसा रास्ता है? अधिकारों और न्याय की सुनवाई तो, मन्दिरों के द्वार पर भी धागों में बंधी है। अन्याय की इस बस्ती में , न्याय की कतारें लगी है। न्याय की गद्दी पर बैठा अंधा है, अन्यायों की महफ़िल हर जगह जमी है। कोई मखमली लिबाज पहनें तो, किसी को कफ़न भी न नसीब है। ईश्वर ने बनाया इंसान , ये इतनी सारी अलग -अलग पहचान कैसे ,क्यों बनी है? चलो अब इंसानियत को अपना मूल धर्म बना, भेदों को जहाँ से मिटा दे। हर इंन्सा को उसके मूलभूत अधिकार दिला, ख़ुशनुमा औरो के जीवन भी बना दे। चलो आज समाज को सामाजिक न्याय और, कर्तव्यों के सही मायने सीखा , अन्याय की बस्ती में आग लगा दे।। कविता जयेश पनोत ©Kavita jayesh Panot #न्यायालय #न्याय#इंसानियत
Ravi Shankar Kumar Akela
भारत में 6 प्रकार के न्यायालय स्थापित किए गए हैं| वह 6 न्यायालय कुछ इस प्रकार हैं, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला और अधीनस्थ न्यायालय, ट्रिब्यूनल, फास्ट ट्रेक कोर्ट और लोक अदालत। भारत का शीर्ष न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय है , जो कि राजधानी दिल्ली में स्थित है। ©Ravi Shankar Kumar Akela भारत में 6 प्रकार के न्यायालय स्थापित किए गए हैं| वह 6 न्यायालय कुछ इस प्रकार हैं, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला और अधीनस्थ न्यायालय,
भारत में 6 प्रकार के न्यायालय स्थापित किए गए हैं| वह 6 न्यायालय कुछ इस प्रकार हैं, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला और अधीनस्थ न्यायालय, #पौराणिककथा
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