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अपर्णा विजय
स्मृतियों के जंगल बहुत घने होते हैं, बहुत विशाल होते हैं और दूर ज़हां तक आपकी नजर जाती है ये वहां तक अपनी बांहें फैलाए आपका स्वागत करने को आतुर रहते हैं इनको ठिकाना मत बनाइए विश्राम कीजिये, सुस्ताइये और जितना जल्दी हो सके वापिस आ जाइये इनको अपना स्थाई पता ना बनाइए वरना ये आपको जीने नहीं देंगे कुछ पल ठहरकर वापिस आ जाइये कुछ लोग कुछ जिम्मेदारियां कुछ दायित्व,आपकी राह देख रहे हैं। ©अपर्णा विजय #स्मृतियों के जंगल
#स्मृतियों के जंगल
read moreF M POETRY
White मेरी आँखों के तुम नज़ारे हो.. हम तुम्हारे हैं तुम हमारे हो.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #मेरी आँखों के...
#मेरी आँखों के...
read moreParasram Arora
White इस जहाँ मे कोई भी किसी के लिए आंसू नही बहाता सब अपने गमो को याद कर मातम मनाते है ©Parasram Arora किसी के लिए
किसी के लिए
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreParasram Arora
White उम्र के इस आखिरी पढ़ाव पर अपने चेहरे क़ी झुर्रिया देख कर हम घबरा गए है फिर भी हिम्मत कर आईने से रूबरू होते है अक्सर हम और करते है असफल कोशिस अपनी झुर्रियो के नीचे छुपे हुए जवानी के चिन्ह ©Parasram Arora जवानी के चिन्ह
जवानी के चिन्ह
read moreMohan Sardarshahari
White शहर में होकर शहर के नजारे हों तो कोई नई बात नहीं देखे जब शहर में गांव के नजारे तो खुद से मुलाकात हुई । पीछे फार्म हाउस के नजारे, सामने पार्क में जोड़ों ने नीम की छड़ियों से एक-दूसरे पर बरसात की बरबस ही दिन की गांव जैसी ही शुरूआत हुई।। ©Mohan Sardarshahari गांव के नजारे
गांव के नजारे
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कर के मोहब्बत भरपूर तुमसे .. हिस्से में सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. ख़बर भी ना लगी कब दिल खो गया कब तेरी चाहतों के शिद्दत से तलबगार हुए .. ©हिमांशु Kulshreshtha कर के..
कर के..
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
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