Nojoto: Largest Storytelling Platform

New तराजू Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about तराजू from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तराजू.

    PopularLatestVideo

The Half Mask Writer

मैं खुद को तोलने निकला दुनिया के तराजू में अगले ही पड़ाव पर जीवन का कांटा टूट गया #तराजू

Vrishali G

तराजू

read more
एक तराजू आहे आयुष्याचा 
सुख दुःख दोन पारड्यात 
दोन्हीचा समतोल घडत असतो 
प्रत्येकाच्या नशिबात तराजू

01Chauhan1

अब मोहब्बत को भी लोग तौलने लगे हैं
जैसे कोई सामान हो उसे खरिदने लगें है
कितने दामों में मिलेगा मोहब्बत यार 
हर बार ये सवाल हम से पूछने लगे है

©01Chauhan1 #तराजू

Ankit Mishra

कुछ लोग औकात तोल गए हमारी

उनके पास ज्यादा वजन के बट्टे भी तो नहीं थे। #तराजू

Kamal bhansali

तराजू

read more
ये तराजू है न्याय की 
स्वयं की स्थिति से घबराती
सही मापदंड से 
न्याय करना चाहती
पर
 अपनी मजबूरी से डरती
चाह नैतिकता की करती
पर अर्थ की ताकत से 
गलत दिशा में झुकती रहती
क्या करे ये ?
जब झूठी दलीलों से
 सत्य की हार होती
गलत फैसलों की दलील जो होती

अनचाही ताकते इसके पलड़ो से
छेड़खानी जब करते
अपने इस वजूद पर
वो रोती
कभी कभार सत्यता से हुए
न्याय कर मुस्करातीं
तराजू 
आखिर तराजू होती
फैसलों के बाद 
यथास्थिति में आ जाती तराजू

Asha

mute video

Raviraaj

mute video

paddy deol

तराजू

read more
अपनी सेर भर वफाई की गठरी बना ले,
जिस्मों की मंडी के तराजू में कई नुक्स हैं। तराजू

आपका अरविंद

तराजू #शायरी

read more
जब देखो तौलने बैठ जाते हो रिश्तों को इस ज़माने 










जरा ये भी तो बताओ दूसरे पलड़े में रखते क्या हो  तराजू

Yashpal singh gusain badal'

तुम्हारा तराजू #कविता

read more
"तुम्हारा तराजू"
मेरी कमियों की लिस्ट तैयार कर ली तुमने !
काश ! उसमें एक खूबी भी लिख दी होती !
ऐसा भी नहीं है कि एक भी हुनर नहीं है मुझमें !
बहुत बार तुम्हारी प्रसंसा पाई है मैंने ।
मगर अक्सर होता है जब उतर जाता है कोई मन से,
तो वह कमियों के पहाड़ बन जाता है ,
तब ढूंढने से भी एक गुण नहीं मिलता उसमें !
आखिर ऐसा क्यों होता है ?
इसका सीधा सा उत्तर है !
हम उसके गुणों का नहीं 
 अपने संतुष्टि का पोषण करते हैं तब,
 नफरत  का विकृत चश्मा पहन लेते हैं हम ,
 अपने अहम को श्रेष्ठ मान कर पेट भरते हैं उसका,
 तब हमारा मस्तिष्क 
 देखने नहीं देता है हमें कुछ भी और ! 
 तब तो जरूरत ही नहीं होती सच देखने की ,
 बस दूसरे को निकृष्ट साबित करना होता है । 
 तुम भी तो यही कर रही हो !
 अब तो तराजू भी तुम्हारा है !
 माप भी तुम्हारा !
 नियम भी तुम्हारे !
 लेकिन इस तराजू से कैसे कर पाओगी इंसाफ !
 मैं तो वस्तु मात्र हूँ !
 जिसका अपना कोई वजूद नहीं !
 जिसका कोई तराजू नहीं !
 माप नहीं !
 नियम नही!
 इसलिए अपने तराजू में तोल कर 
 कुछ भी साबित कर लोगी मगर,
  इंसाफ नहीं कर पाओगी ।
  
  रचना- यशपाल सिंह " बादल"

©Yashpal singh gusain badal' तुम्हारा तराजू
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile