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Adv Sony Khan
Google जाते जाते साल में एक सितारा चला गया, जिसको सच्चा देश प्रेम है उसके यहां मातम छा गया। कैसे मनाऊं आने वाले साल की खुशियां यह दिसंबर न जाने हमारे देश के कितने नौजवानों को खा गया। ©Adv Sony Khan #Manmohan_Singh_Dies #जयपुर Adhuri Hayat Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Tarannum Sana Sethi Ji विवेक ठाकुर 'शाद' आज का विचार
#Manmohan_Singh_Dies #जयपुर Adhuri Hayat Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Tarannum Sana Sethi Ji विवेक ठाकुर 'शाद' आज का विचार
read moreLalit Saxena
Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena #Book दिल से
#Book दिल से
read moreAvinash Jha
White चलता है वो अंधेरी गलियों में, जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है। हर कदम पर छिपी है चुभन, जैसे ज़िंदगी सवाल करती है। आंखों में सपनों का शोर था कभी, अब वहां सन्नाटे का बसेरा है। दिल के कोने में कहीं, अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है। वक्त जैसे थम गया हो, पर घड़ी चलती है बेहिसाब। उसकी हर सांस, हर धड़कन, सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल। हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह, पर दर्द उसके साथ चलता है। हर खुशी से दूरी बनाने की राह, पर अकेलापन उसके पास पलता है। फिजाओं में भटकती उसकी सोचें, खुद से खुद को छुपाने की कोशिश। हंसी के पीछे छिपा सूनापन, जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता। राह कहां है, वो नहीं जानता, बस चलता है, अपने साये के साथ। जाने किस मंज़िल की तलाश में, वो खुद से ही भागता जाता है। ©Avinash Jha #good_night #धुंधली
हिमांशु Kulshreshtha
मेरी कविता के दर्पण में, जो कुछ है, महज़ तेरी परछाई है एक कोने में नाम मेरा, लफ्ज़ लफ्ज़ में तू छाई है तू पढ़ती है मेरी कविता, मैं तेरा मुखड़ा पढ़ता हूँ… देख झील सी आँखे तेरी मैं अल्फाजों से तुझ को गढ़ता हूँ ©हिमांशु Kulshreshtha अल्फाजों से..
अल्फाजों से..
read moreRjSunitkumar
पसीना उम्र भर उसकी गोद में सूख जायेगा सही मायने में आपने जो हमसफर जो पसंद किया हे वो बुढ़ापे में ही समझ आ जायेगा। ©RjSunitkumar दिल से
दिल से
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