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एक इबादत

मेरी जिन्दगी की बेसकीमती इकलौती  दौलत और जायदाद हो तुम....
जिस पर अधिकार करना चाहूं तो अपने ही पहले आडे़ आते है...!! 
#आक्रोश

एक इबादत

वृक्ष को मजबूती देने और उसका जीवन सफ़ल बनाने के लिए जडो़ को गहरे जाना और मजबूत होना बहुत आवश्यक  है,और जडो़ का काम उन्हें सलामत रख पोषण देना है
उनकी शाखाओं और पर्णों पर नियंत्रण करना नही,
क्योंकि अगर जड़ अपनी भांति उनपर भी नियंत्रण करती है तो वो शाखाऐं,पर्ण भी फल ,पुष्प ना देकर सिर्फ़ जीवन क्रिया करते रहेंगे...इससे उनका अस्तित्व तो बना रहेगा.लेकिन वो सीमित रहेंगे,
अर्थात् जहां से शुरू वही पर अंत..!!
 #आक्रोश

एक इबादत

हृदय में जलती अग्नि इक प्रयत्न को फिर कहती है

ख्या़ल है अब बाहर जाने का मैदान से ,

उमड़ती ज्वालायें फिर से लड़ने को कहती है..!! #आक्रोश

एक इबादत

कल़म की कोई तोड़ नही होनी चाहिए,
कल़म स्वयं एक हथियार है और हथियारों पर सिर्फ धार चढा़ई जाती है,
एकलौता क्षेत्र है कलम़ की दुनिया जहां विरोधी जन्म नही लेते,
सब एक-दूजे का बखान करते है,
सब हर किसी की कलमकारी पर वाह -वाह करते है...!! #आक्रोश

एक इबादत

ओए सुन! 

इश़्क ,मोहब्बत और शराफत की सिर्फ़ हम बात लिखते है,

असलियत में जिन्दगी की राह.... इनसे बहुत दूर से गुज़रती है... #आक्रोश

एक इबादत

श्रावन की रिमझिम सी फुहार को क्यूं 
नशे की लत लगाते हो
भीग भरी बरसात में क्यूं हुस्न-
हाला छलकाते हो
कुछ तो रहम करों मेरे शहर पर
बदन को भिगों बहा जो बरसात का 
पानी समूचे शहर 
को मदहोश करता है...!! #आक्रोश

एक इबादत

अब तुम्हारे,
 मेरे क़रीब होने ना होने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता,
 
तुमसे जुदा होकर मैंने अब लफ़्ज़ों और क़लम से इश्क फ़रमाया है...

     #आक्रोश

Sushant Chalke

आक्रोश

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kapil rawat

देखी नहीं पाते एक दूसरे की खुशियाँ  यहां... 

और बात मजहब की जाती है... 

पिलाया नहीं होगा कभी प्यासे को पानी.. 
और बात इंसानियत की की जाती है
   🥺#akrosh #आक्रोश

Anuradha Narendra Chauhan

आक्रोश भरा जन-जन में
झुलसी फिर बेटी नगर में
सुनो देश के तुम युवाओं
चुल्लू भर पानी में मर जाओं
क्यों नीयत इतनी सड़ी है
बेटी नहीं कोई लकड़ी है
जिंदा जिसे जला डाला
क्षण भर भी हृदय नहीं कांपा
घर में क्या औरत नहीं
या दिल में अब गैरत नहीं
थक गए अब कानून से
जो सने बेटियों के खून से
आरोपी फिर होंगे बरी
फिर जलेगी निर्भया किसी गली।
***अनुराधा चौहान*** स्वरचित ✍️ #आक्रोश
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