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New दगड़ी चाल अरुण गवली Quotes, Status, Photo, Video

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Himanshu Prajapati

#Newyear2024-25 कुछ पल में बदलेगा ये साल, और बताओ क्या हाल चाल..? #36gyan #hpstrange

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New Year 2024-25 कुछ पल में बदलेगा ये साल,
और बताओ क्या हाल चाल..?

©Himanshu Prajapati #NewYear2024-25 कुछ पल में बदलेगा ये साल,
और बताओ क्या हाल चाल..?
#36gyan #hpstrange

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल, हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल। जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई

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White संयोग की साजिश नहीं, 
ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ, मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ, 
उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई कसूर,
सारी ज़िम्मेदारी लेता हूं मैं अपने सर, 
चाहे हो आकाश या धरती का दूर।
जो गलती हुईं, 
वो अक्स थी मेरी ही रचना की,
पर जो कुछ मिला अच्छा, 
वो है सिर्फ छाया किस्मत की।।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर
संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल,
हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल।
जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई

सुरेश अनजान

#love_shayari Srashti kakodiya.. अरुण शुक्ल ‘अर्जुन' Anjna Agrawal Anjali Maurya Adv. saras shivanujaa

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White       दोहा: 

    वादे किए प्रेम में,  रहते किसको याद ।
     जैसे नेता भूलते , वादे चुनाव  बाद  ।।

©सुरेश अनजान #love_shayari  Srashti kakodiya..  अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'  Anjna Agrawal  Anjali Maurya  Adv. saras shivanujaa

बाबा ब्राऊनबियर्ड

बस मुं मोड़या or चाल पड़ी ... 🙂

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के जाणे गम तू बिछड़ण का !
बस मुं मोड़या or चाल पड़ी ... 🙂

©बाबा ब्राऊनबियर्ड बस मुं मोड़या or चाल पड़ी ... 🙂

नवनीत ठाकुर

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

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White 

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं।
जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं,
हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं।

©नवनीत ठाकुर 
भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

Ashraf Fani

मलाल ही मलाल है पर ज़िन्दगी कमाल है सीधी सादी दिखती है बहकी बहकी चाल है ये ज़िन्दगी कमाल है #ashraffani #Trees शायरी लव शायरी हिंदी शायरी

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मलाल  ही  मलाल  है
पर ज़िन्दगी कमाल है
सीधी सादी दिखती है
बहकी बहकी चाल है
ये ज़िन्दगी  कमाल है

©Ashraf Fani मलाल  ही  मलाल है
पर ज़िन्दगी कमाल है
सीधी सादी दिखती है
बहकी बहकी चाल है
ये ज़िन्दगी  कमाल है
#ashraffani 
#Trees  शायरी लव शायरी हिंदी शायरी

gudiya

#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

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Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच 
तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि 

धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता 
और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर 
जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता 


और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती 
यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में 

सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके 
वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह

 घर के आंगन में वह  नवोढ़ा भीगती नाचती और 
काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते 
और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो 

कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ
 आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै 
तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की 
लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में 

खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे
 लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए 
यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां 
धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर 
छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है 
पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर 
सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के 
यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के 

यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ 
उनके माथे पर हाथ फेर दो मां 
इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से 
तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि 
मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं 
नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच।
-अरुण कमल

©gudiya #NatureQuotes 
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आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच
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