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Vijay kumar
आज देखा हैं उनको मुस्कुराते हुए.. बहुत दिनों बाद रात अच्छी कटेगी..!!❤️ ©Vijay kumar आज देखा हैं उनको मुस्कुराते हुए.. बहुत दिनों बाद रात अच्छी कटेगी..!!❤️ #Happiness
Vishal Singh Rajput
कर दे मुझे पहले जैसा ऐ जिंदगी खुश हुए बहुत दिन हो गए हैं अब vishalrajput_ #alone कर दे मुझे पहले जैसा ऐ जिंदगी खुश हुए बहुत दिन हो गए हैं अब Nikita Rajput Harshita Rajput Diksha Jha Swardhaam Pooja Boombak MONIKA
Vivek prajapati
🌺🌺Hello friends 🌺🌺 "आज चैत्र नवरात्र का नौवां और अंतिम दिन है. नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन को नवमी भी कहते हैं. मान्यता है कि मां दुर्गा का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाला है. कहते हैं कि सिद्धिदात्री की आराधना करने से सभी प्रकार का ज्ञान आसानी से मिल जाता है. साथ ही उनकी उपासना करने वालों को कभी कोई कष्ट नहीं होता है. नवमी के दिन कन्या पूजन करना पुण्यकारी माना गया है. चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन ही राम नवमी भी मनाई जाती है. मान्यता है इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जन्म लिया था. कौन हैं मां सिद्धिदात्री पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने सिद्धिदात्री की कृपा से ही अनेकों सिद्धियां प्राप्त की थीं. मां की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था. इसी कारण शिव 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए. मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व और वाशित्व ये आठ सिद्धियां हैं. मां सिद्धिदात्री का स्वरूप मां सिद्धिदात्री का स्वरूप बहुत सौम्य और आकर्षक है. उनकी चार भुजाएं हैं. मां ने अपने एक हाथ में चक्र, एक हाथ में गदा, एक हाथ में कमल का फूल और एक हाथ में शंख धारण किया हुआ है. देवी सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है। धन्यवाद आप सभी का इस नवरात्रि में आप लोग हमारा साथ दिए। 💐💐💐विवेक💐💐💐 #मां नवरात्रि के 9 दिन पूरे हुए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद #by vivek
Journalist Ashish shukla
जब कभी मोहहब्त के कसींदे सुनोगी तुम्हें हमारी मुह्हबत याद आएगी जरूर सोचोगी कोई लड़का था जो पागल था हमारे पीछे सोच के चुपके से रोओगी और मुस्कुराओगी नहीं मिले ये अफसोस तुम्हें भी होगा जरूर एक ना एक दिन फिर मैं याद आऊंगा जरूर ©Arsh बहुत दिन बाद
pragati tiwari
जिन्दगी तुझको भुलाया है बहुत दिन हमने वक्त ख़्वाबों मे गंवाया है बहुत दिन हमने अब ये नेकी भी हमे जुर्म नजर आती है सबके ऐबो को छुपाया है बहुत दिन हमने तुम भी इस दिल को दुखा लो तो कोई बात नहीं अपना दिल आप दुखाया है बहुत दिन हमने मुद्दतों तर्क ए तमन्ना पे लहू रोया है इश्क का कर्ज चुकाया है बहुत दिन हमने क्या पता हो भी सके इसकी तलाफी की नहीं शायरी तुझको गंवाया हैं बहुत दिन हमने बहुत दिन हमने
dilip khan anpadh
बहुत दिन हो गए ****** हमदर्द का दर्द बांटे,बहुत दिन हो गए अल्हड़ सी वो सर्द रातें,बहुत दिन हो गए तन्हाइयों में भींगते,जिस सफर में चल दिये तुमसे जो कि थी बातें,बहुत दिन हो गए। इन पतझरों को निहारे, बहुत दिन हो गए फागुन के वो रंग-फव्वारे,बहुत दिन हो गए शहर के महरूम गलियों के वशिन्दे क्या हुए पतंग की वो बाज़ी हारे,बहुत दिन हो गए। वो टिकोलों पर निशाना,बहुत दिन हो गए पगडंडियों पर दौड़ जाना,बहुत दिन हो गए बेसुरे संगीत में,ढलने लगे हैं अब तो हम कोयलों संग कूक लगाना,बहुत दिन हो गए। बाग-बगीचे,आना-जाना,बहुत दिन हो गए नदी बीच मल्हार गाना, बहुत दिन हो गए पलने लगे दीवारों में,कुछ-कुछ सहमे से हम सुबह को सेहत बनाना,बहुत दिन हो गए। अपनो संग उत्सव मनाना, बहुत दिन हो गए हंसी-ठिठोली,दिल लगाना,बहुत दिन हो गए हाय-हैल्लो का तरीका,हमने अब क्या सीख ली यारों को गले लगाना,बहुत दिन हो गए। माँ की वो लोरी सुनाना, बहुत दिन हो गए परियों को सपने में लाना,बहुत दिन हो गए हो गए बेदर्द अब तो,पत्थरों से लोग है दादी का किस्सा सुनाना, बहुत दिन हो गए। दिलीप कुमार खाँ""अनपढ़"" #बहुत दिन हो गए