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Chandan
White बेहतर से बेहतर की तलाश करो,मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो ©Chandan #GoodNight #Shayari #poems #Nojotoshayeri✍️M #poems
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read morebina singh
White स्त्री होकर जन्म लेना और फिर स्त्री होकर जीना कितना मुश्किल है कभी कोई नहीं पूछता आपकी चाहत आपकी मर्ज़ी, आपका शौख आपकी इक्छा ,आपकी पसंद ,नापसंद कोई नहीं रखता आपके मन का ख्याल अपनी पसंद की चीज़ों के लिए लड़ना पड़ता है कभी समाज से, कभी परिवार से कभी खुद से स्त्री होकर जीना कितना मुश्किल होता है आज भी हमारा तो कोई अपना घर नहीं होता जब बेटी बनी तो शादी के बाद पराई कर दी गयी आप बन जाती है बेटी के बाद किसी की पत्नी , बहु और न जाने क्या क्या आप जब स्त्री के उस समय में आती है जब आप बन जाती हैं माँ फिर भूल जाना पड़ता है अपना सब कुछ स्त्री होकर जन्म लेना और फिर स्त्री हो कर जीना कितना मुश्किल है कोई नहीं पूछता कभी आपकी पसंद - नापसंद आपकी मर्ज़ी ..by Bina singh ©bina singh #Women #women_equality_day #womanhood
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read morePala ram Gader
White ज़िंदगी की राहों में मुश्किलें तो आएंगी, लेकिन हौसलों से कभी हार नहीं माननी चाहिए। ©Pala ram Gader #sad_quotes #poems
Kanika Lakhara
भरी महफ़िल में एक टूटा दिल खड़ा था मैं पास गयी तो पता चला कि वो मुझसे ही डरा था मैं बैठी, मैंने उसे प्यार से जोड़ना चाहा लेकिन उसे लगा की मैंने ही उसे "फिर तोडना चाहा"!!🥀 उसे बड़ा डर है , की सब कुछ फिर से वही हो जाएगा में उसे कैसे समझाउॅं की "अतीत स्वयं को नहीं दोहराएगाॅं" मुझे डर डर के' चाहना ' अब उसे ज्यादा सही लगता है मेरा करीब आना उसके लिए अपनी "आजादी "खोना है और सजाएं देता है वो मुझे, जिसकी में कभी "हकदार "ना थी ठहरे!और पूछे कभी वो खुद से...आखिर उसकी जिंदगी में ; "मैं कौनसा किरदार थी?✨ ©Kanika Lakhara #Angel # hindi poems# poetry
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read moreHasan Khan
White मैं चांद का तलबगार होकर , अंधेरी रात में अकेला खड़ा था , फिर एक जुगनू आया , ओर मंजिल का रास्ता दिखा के चला गया , ~हसन खान ©Hasan Khan #Shaayari #poems #GoodMorning
Manas Subodh
लिखना है मुझे "पिता का बोझ" लिख देनी है वो सारी बातें जो पिता कभी कह नहीं पाए लिखना है वो सारे सपने जो पिता छोड़ देते एक पड़ाव पर और अगर स्याही खत्म हो जाए तो लिखूंगा मै रेत पर जितनी बार भी नदी उसे मिटायेगी उतनी बार लिखूंगा पर सच कहू माँ की ममता से कठिन है समझना "पिता का स्नेह" ©Manas Subodh #FathersDay #poems
Mk thoughts
Unsplash do paiso ke liye inshan kya bhul mtt jao kiyunki paiso se sirf Amir bante hein inshan nhi...... ©Mk thoughts #traveling #poems #Trending