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Stories related to क्रांति माला जवाबी कीर्तन

theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म

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White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है,
चिंतन में मन क्यूँ लागे है?
छेड़ रण अब ख़ुद के मन से,
भजन कीर्तन कैसे न रागे है?

जग झूठे सुख में अभियोग है,
जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है।
जब अंतःमन प्रभु पुकारा है,
हर हृदय ने प्रभु को पाया है।

शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया,
प्रभु ने उस जीवन को तार दिया।
जो नित ध्यान प्रभु में धारिता,
उसके जीवन का सार किया।

जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं,
बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है।
जीवन का कोई राह दिखे न,
तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night 

मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है,
चिंतन में मन क्यूँ लागे है?
छेड़ रण अब ख़ुद के मन से,
भजन कीर्तन कैसे न रागे है?

जग झूठे सुख म

Jayesh gulati

तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में

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Unsplash 

करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा ।
मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं  ।।

पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की ।
सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।।

(read full in caption)

©Jayesh gulati तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं ।
यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।।

करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा ।
मेरे ख्वाबों में

नवनीत ठाकुर

#आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें, इस अन्याय के जहान को खत्म करें। ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा, हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा। इंस

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आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें,
इस अन्याय के जहान को खत्म करें।

ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा,
हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा।
इंसाफ का सूरज अब उगाना होगा,
नई क्रांति का परचम लहराना होगा।

हर साजिश का पर्दाफाश करना होगा,
हर अन्याय को जड़ से उखाड़ना होगा।
आओ उम्मीदों की मशाल जलाएं,
इस सियाह दौर को रौशन बनाएं।

©नवनीत ठाकुर #आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें,
इस अन्याय के जहान को खत्म करें।

ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा,
हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा।
इंस
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