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Nojoto News
Glimpses of Nojoto Open Mic Program held at Dr. Akhilesh Das Institute of Technology and Management Delhi.
Er.Nitin Raj Prakash
Don't put all your eggs, in one bucket... #NojotoQuote management of life......
Arun Kumar
hi how are you doing fine. I want to tell something about management. as you know management is the art of getting things done by others. it appears simple to manage but inside there are lots of things to consider. for examples, different perceptions, emotions, personalities, power dynamics existing in organization, organizational structures, motivation, and various other things. people cannot commit to organizational goals simply by instructing them. their thought process, personalities, expectations from management all need to be considered. ©Arun Kumar management#goals of managing
Vibhor Bijoy
एक जादुई सफर निकले थे हम एक ऐसे सफर पे , जहाँ मुलाकात होने वाली थी हिंदुस्तान के गौरव से | निकले थे हम एक ऐसे सफर पे, जहाँ मुलाकात होने वाली थी उन किरदारों से जिनकी बदौलत रहा हमारा बचपन यादगार | जब दर्शन हुए कपिल भाई के , ज़िंदा हो गए वो सारे चुटकुले जिन्होंने जोड़े रखा हिंदुस्तान की पावन संस्कृति को , अब तो आरज़ू है की फिरसे लौटे हास्य के बादशाह | जिसे देखकर नौ दो ग्यारह हो तन्हाई जैसा क्रूर तानाशाह | जब रूबरू हुए मोटू पतलू जैसे नखरीले बालक से , याद आ गए वो सारे किस्से , जिन्हे देखकर खिल उठता था मायूस चेहरा | जब जब दिल टूटता रहा पढ़ाई के गहरे समंदर में | जब दीदार किया हमने हिंदुस्तान के शोमैन का , याद आ गया वो गुज़रा ज़माना जब आवारा बनकर लगाई उन्होंने हमारे दिलों में जलाई इश्क़ की आग | जिसकी वजह से आज भी चल रहा है हिंदुस्तान का सिनेमा में सिक्का | फिर जब मुखातिब हुए हम उस बदतमीज़ दिल से , जिसकी अदाकारी के बह्रमास्त्र ने बना लिया है हिंदुस्तान को दीवाना | और खुदा कसम वो बनेगा फिल्म जगत का अगला शमशेरा | जब रूबरू हुए हम हिंदुस्तान के शेर से, याद आया उनका योगदान जिसकी वजह से है भारत की नारी का सिर उच्चा | और जिसका नाम सुनकर सदैव रहा पाकिस्तान का सिर नीचा | याद आया उनका गुरुमंत्र आत्मनिर्भरता का , जब कोरोना रच रहा था षड़यंत्र तबाही का | जब खास मुलाकात हुई बापू , नेताजी और लौह पुरुष से | याद किया उनका सर्वोच्च बलिदान , जिसकी वजह से आज भी है सत्य , भाईचारा, अहिंसा और शौर्य इस देश की पहचान | जब देखी मैंने भगत जी की मुस्कराहट , ज्ञात हुआ की किस बहादुरी से क़ुबूल की उन्होंने अंग्रेज़ो से शहादत | क्यूंकि हर किसी में नहीं होती ऐसी आदत, जो ख़ुशी ख़ुशी से सामना करे किसी निर्दय शाशक की आफत | समय का चक्र मोड़कर याद किया हमने भारत का स्वर्णीम इतिहास विज्ञान में जब मिले हम अब्दुल दादू से , जिनके मार्गदर्शन से गाड़ा है हमने आज चाँद पे तिरंगा | कदम थिरकने पे हुए मजबूर | जब मुखातिब हुए हम माइकल चाचू से , जिनका अनुसरण करते करते हम हुए थे कभी हसीनाओं में मशहूर | याद आई वो सुनहरी आवाज़ , जब लिया आशा ताई से आशीर्वाद | तब समझ आई वादों की एहमियत , जो सीखा देती है अजनबियों को भी प्यार की खूबसूरत बोली | मंत्रमुक्त किया हमे श्रेया दीदी की आवाज़ ने, जब उन्होंने बताया राधा का भोला दिल | और बरसाए इश्क़ के बादल, ताकि राब्ता हो टूटे दिलो का फिरसे और करे नफरत का मैदान फ़तेह | दिल रख दिया मैंने सोनू भैया का नाम | क्यूंकि उनकी आवाज़ के समक्ष आज के तीस मार खान भी है बदनाम | दिलजीत पाजी की मासूमियत देख, चखी मैंने अपनी मिट्टी की खुशबू | जब बया किया उन्होंने अपने दिल का हाल, तब समझ आया कि सच्चे प्रेम के लिए क्यों होते है बवाल | मन तृप्त हो गया जब दर्शन हुए क्रिकेट के भगवान के, ऐसा प्रतीत हुआ एक ही पल में दीदार कर लिया हो हमने १०० शतकों का | जिसकी बदौलत मिली उन्हें लिटिल मास्टर की उपाधि दुनिया में , मज़ा तो तब आया जब चीकू भैया के साथ अभ्यास की मैंने कवर ड्राइव और फ्लिक शॉट | पर उसके पश्चात पता चला की अभी मिटानी है अपनी खामियां, अगर सुनना है अपना नाम उनकी गलियों में } सीना हुआ मेरा चौड़ा गर्व से, जब किया मैंने दो दो हाथ मैरी दी के साथ | कुछ अपने दाव से हुई वो हमारे खेल की मुरीद, तो कुछ उनके अनुभव से लिया हमने ज़िन्दगी में सफल रहने का ज्ञान | जब देखा मैंने १९८३ का शेर, याद किया मैंने वो नटराज शॉट जिसने जोड़े रखा हिंदुस्तान की उम्मीदों को, जब दुनिया समझ रही थी हमे नाकारा | कैसे भूलता मैं इनका वो अविश्वनीय कैच , जिसने दिया हमे अंग्रेज़ो के खेल में पहला तमगाह | दिल था मेरा सातवे आसमान पे उस वक़्त , जब मुलाकात हुई हमारी उस चीते से जिन्होंने अपने रक्त से सजाया एथलेटिक्स में भारत का तख़्त | जिसपर अब राज कर रहे नीरज, अनस , पॉल और अबूबकर जैसे कर्मठ और निष्ठावान भक्त | हर्ष से झूम उठा मन, जब अभ्यास किया मैंने मेस्सी और रोलांडो के साथ उनका सिग्नेचर किक तब लगा की जैसे मैंने जीता दिया हो मैनचेस्टर यूनाइटेड को खिताब | उस हसीन श्याम को चार चाँद तब लगे , जब मौका मिला मुझे बादशाह के संग दर्द ए डिस्को करने का | तब समझा मैं की कितने पापड़ बेलने पड़ते है सच्चे प्यार को पाने के लिए , फ़िदा हो गया मैं बेबो और माधुरी जी के सौंदर्य पे इस क़दर , कि एक पल के लिए ठान लिया मैंने की बना लू मैं सैफ जीजू को एक दिलजला आशिक़ | और जब भेट हुई ग्रीक गॉड से हमारी , तब शुक्रियादा किया उनका जब कृष बनकर बचाई थी उन्होंने मेरी काल जैसे निशाचर से जान | और सिखाया मुझे अदाकारी के सभी गुण , जिसकी वजह से मैं कन्याओ में हूँ सबसे ज़्यादा चर्चित युवक आज कल | जब देखा मैंने परंपरा और अनुशासन की परछाई उनकी आँखों में , मेरी थी हिम्मत सिर्फ इतनी सी थी की आशिर्वाद लू बस इनसे अपने सुखद जीवन के लिए क्यूंकि लग जाएंगे मुझे सात जन्म इन जैसा कर्मठ पुरुष बनने के लिए | आखिरी लम्हों में धन्यवाद किया मैंने रिचर्ड सर का , जिन्होंने सरीना और वीनस को टेनिस में चैंपियन बनाकर तोड़ी भेदभाव की दीवार | समय कैसे बीत गया इसकी खबर न लगी हमे , पर उस सफर के आनंद को मैं लफ्ज़ो में न कर पाउँगा बया | क्यूंकि ये महज़ एक सफर नहीं था ये एक ऐसा एहसास , जो सदैव रहेगी ताज़ा मेरे ज़िन्दगी के यादगार लम्हों में आखरी स्वास तक | ©Vibhor Bijoy Journey of Madame Tussads Noida