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Rashmi Vats

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- उनकी बातों का एतबार मत करना । ऐसे ही दरिया पार मत करना ।।१ इस तरह इंतजार मत करना । हुस्न वालों से प्यार मत करना ।।२ प्यार करते बहुत #शायरी

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ग़ज़ल :-
उनकी बातों का एतबार मत करना ।
ऐसे ही दरिया पार मत करना ।।१

इस तरह इंतजार मत करना ।
हुस्न वालों से प्यार मत करना ।।२

प्यार करते बहुत सुना उससे ।
इसका लेकिन करार मत करना ।।३

खा लिया ठोकरें बहुत तुमने ।
जान को अब निसार मत करना ।४

मुफ्त में दे रहा तुम्हें ये दिल ।
इसका तुम भी व्यापार मत करना ।।५

अपने जैसा गरीब ही समझो ।
मुझको यूँ दरकिनार मत करना ।।६

बात ऊँची कभी यहाँ करके ।
हम को खुद पे सवार मत करना ।।७

हर गली चापलूस बैठे हैं ।
तुम उन्हें होशियार मत करना ।।८

हार जाते हो बार बा देखा ।
जीत की अब हुँकार मत करना ।।९

प्यार में सौदे भी लगे होने ।
अब प्रखर तुम उधार मत करना ।।१०

१२/०३/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
उनकी बातों का एतबार मत करना ।
ऐसे ही दरिया पार मत करना ।।१

इस तरह इंतजार मत करना ।
हुस्न वालों से प्यार मत करना ।।२

प्यार करते बहुत

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** कोई शख्स *** " तुमसे फासले कुछ यूं ही रहेंगे , मुहब्बत के मसले कुछ यूं रहेंगे , दरकिनार करे तो करे क्या करें , तेरे द #शायरी #मुनासिब #तसव्वुर #यकीनन #शक्श #रंजूर

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***  ग़ज़ल *** 
*** कोई शख्स *** 

" तुमसे फासले कुछ यूं ही रहेंगे ,
मुहब्बत के मसले कुछ यूं  रहेंगे ,
दरकिनार करे तो करे क्या करें ,
तेरे दीद के खातिर यूं ही मिलते रहेंगे . "
हुस्न ये लाजवाब ठहरा मेरा इरादा कहीं ग़ैर ठहरा ,
मिलता तबजऔ फिर कहा दस्तक देते हम ,
कोई एहसान तो हो जो मेरे तसव्वुर की तेरी पहचान मिले ,
हसरतें नाकाम से होंगे वेशक इस ऐवज में इस क़फ़स में कैसे रहेंगे ,
यूं देखना तुझे फिर मुनासिब हो ना कभी अपने हलाते-ए-हिज़्र का जिक्र तुझसे कैसे करेंगे ,
मिल की बिछड़ जाना तु फिर कहीं ,
इस ऐवज में क्या हालत नहीं बना रहे ,
फिर कहीं हम कहीं यकीनन तो नहीं मिल रहें ,
रंजूर ये तेरा ताउम्र रहे फिर कहीं तु इस से बाकिफ तो ,
दलीलें देकर खुद अब ये मंज़ूर कर लूं ,
तु हैं तो बेशक वो शक्श मेरे तसव्वुर से मिलता जुलता नहीं ." 

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram ***  ग़ज़ल *** 
*** कोई शख्स *** 

" तुमसे फासले कुछ यूं ही रहेंगे ,
मुहब्बत के मसले कुछ यूं  रहेंगे ,
दरकिनार करे तो करे क्या करें ,
तेरे द
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