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Akriti Tiwari
White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreप्रा.शिवाजी ना.वाघमारे
White राग तिच्या नाकावर जशा डाग चंद्रावर ..! राग तिच्या नाकावर..! रागात ती लाल लाल होते..! चेहऱ्यावर जणू सुर्य किरणांची प्रभात होते..! राग जेव्हा तिच्या नाकावर येते ...! ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे #love_shayari राग नाकावर
#love_shayari राग नाकावर
read moreJaishree
बादलो का यह दृश्य बड़ा मनमोहक सा प्रतीत हो रहा है नई ऊर्जा का संचार करता मन में शांति लिए फिर उठने ओर कुछ करने का साहस भरता है सफेद मोतियों की चादर में लिपटा सूर्य भी बड़ा सुंदर दिखाई पड़ रहा h ©Jaishree #बादल #L♥️ve #कविता #बारिश शुभ प्रभात विचार
Sunil Kumar Sharma
White बादल करता बरसात, मन में जगती एक आस, हो इरादा नेक और मन साफ, तो असंभव की घडी भी, संभव में तब्दील हो सकती है। ©Sunil Kumar Sharma #sad_shayari #nojotostory #बादल............
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read moreBajinder Thakur
काले बादल देखकर आस लगाना छोड़ दी जब बरसना होगा बारिश ने बरस जाएगी ©Bajinder Thakur बादल #GarajteBaadal
बादल #GarajteBaadal #wishes
read moreJiwan Kohli
White स्तब्धता जीवन को शून्यता की ओर धकेल रही, अपेक्षाओं का दायरा उम्र की सीमा लांगता हुआ कई हादसों से होकर रास्ते विरानों से गुजर गए, जिंदगी,ख़्वाब,उम्मीदें अब शिकायत नहीं करती, ©Jiwan Kohli #Sad_shayri ##jivankohalipoetry #jivan #theinsidestory #lifehiusepoetry Anshu writer बाबा ब्राऊनबियर्ड ad sanjay kumar prajapati बादल सि
#Sad_shayri ##jivankohalipoetry #jivan #theinsidestory #lifehiusepoetry Anshu writer बाबा ब्राऊनबियर्ड ad sanjay kumar prajapati बादल सि #कविता
read moreRavendra
मैलानी खीरी -मैलानी नानपारा मीटर गेज के रेल खंड पर भीरा पलिया के मध्य बाढ़ के पानी ने रेलवे लाइन को 100 मीटर के करीब काट दिया है,इस रेल खंड #वीडियो
read moreVijay Kumar उपनाम-"साखी"
White "घनघोर बादल" इस जीवन मे छाये हुए है,बहुत घनघोर बादल दिख न रहा रस्ता,हर तरफ ही छाया तम छल बह रही फ़िजा में आजकल बड़ी मतलबी पवन बड़ा ही उद्विग्न,ओर बड़ा ही हो रहा,मन विकल कैसे दिखे रस्ता,स्वार्थ में अंधी हुई,आंखे सकल जहां मतलब हो,वहां बह जाती है,यह कलकल आज बेचारे आंसू हुए है,मगरमच्छ सम नकल पहचान करना कठिन हुआ,कौनसे आंसू असल इस कदर छाया,अमावस का अंधेरा हृदयतल रोशनी में दिख रही,आजकल अंधेरे की शक्ल फंसा हुए है,जीवन बेचारा स्वार्थ के दलदल कैसे खिलाऊं,अब निःस्वार्थ रिश्ते का कमल मुरझाए हुए है,मुफलिसी में खिले हुए कमल घनघोर बादलों ने छिपाया हुआ,सूर्य उदयाचल पर तू न डर साखी,जीवन मे वही होता,सफल जो पीता,जीवन समस्याओं का हंसकर गरल घनघोर तम में उसे दिखती आशा किरण नवल जो परिश्रम की बाती से जलाता दीपक नवल परिस्थितियों की आग उसको बनाती है,कुंतल जिसने ओरों से नही,खुद से मांगा मुश्किल हल जो लड़ता किस्मत से वो भाग्य भी सकता,बदल भाग्य भरोसे न रहे,कर्म करे,मिलेगा अवश्य फल वही समस्याओं के पत्थरों को बनाता है,कोमल जो बहाता निर्मल कर्म अविरल झरना,कलकल जिसके दिल मे,कुछ करने का जुनूं रहे पल-पल मंजिल खुद आती,एकदिन उसके घर पर चल जीवन बाधाओं से न डर,बाधाएँ होगी विफल तू बस अपना कर्म कर जैसे बहती नदी अविरल अपना निश्चय तू बना दृढ़,जैसे हिमालय अटल छोड़ भी दे,तू व्यर्थ की करना दुनियादारी नकल अपनी करनी ही काम आयेगी,फिझुल न मचल जिसने किया पुरुषार्थ,उसने बदली अपनी शक्ल आईने करते,उसे सजदा जिसके भीतर आत्मबल कितनी आये निराशा,तू निराशाओं का कर कत्ल आसमां में छेद कर,फेंक पत्थर आशा का सबल फिर देख अमावस में भी उगेगा,पूनम चांद असल दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #sad_shayari घनघोर बादल
#sad_shayari घनघोर बादल #कविता
read moreBindu Sharma
White उमड़ घुमड़ जो आज बदरा छाईं है लगता है बादलों को भी मस्ती आई है आज तो जम के बरसेंगें नहीं अब पेंड पौधे वर्षा को तरसेंगे ©Bindu Sharma #बादल #घुमड़ #बदरा