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Ravi Bhushan Thakur
“लोग कहते हैं दु:ख बुरा होता है जब भी आता है रुलाकर जाता है लेकिन हम कहते दु:ख अच्छा होता है जब भी आता है कुछ सिखा कर जाता है !!” ©Ravi Bhushan Thakur #Rose #SAD #दुख
पूर्वार्थ
White सुख-दुःख की कशमकश में जीवन सुख का आनंद, दुःख का समाधान,जीवन है इन दोनों का ही तालमेल, मिलकर ये बुनते हैं जीवन का तारतमाल। सुख के क्षण हैं मधुर इत्र की बूंदजो महकाते हैं मन को, करते हैं ह्रदय को मस्त। दुःख के क्षण हैं कड़वे आंसू की बूंदजो धोते हैं आँखों को, करते हैं मन को पवित्र। सुख में खिलते हैं होंठों पर मुस्कानदुःख में भर आते हैं आँखों में आंसू। सुख में नाचते हैं पैर खुशी के ताल पर दुःख में थम जाते हैं कदम निराशा के जाल में। लेकिन क्या सुख के बिना जीवन है सार्थक?क्या दुःख के बिना जीवन है सुखद?नहीं! दोनों ही हैं जीवन के दो पहलूएक दूसरे के पूरक हैं, एक दूसरे के साथी। सुख हमें सिखाता है जीवन का आनंद लेना दुःख हमें समझाता है जीवन का मूल्य। सुख हमें भर देता है उत्साह से दुःख हमें देता है धीरज और सब्र। इसलिए ना खोएं हिम्मत जब आए दुःख के पलक्योंकि ये भी हैं जीवन का एक अंग। और ना भूलें जब आए सुख के पलक्योंकि ये भी हैं जीवन का एक वरदान। जीवन है सुख-दुःख की कशमकशजिसमें जीत उसी की होती है जो इन दोनों को स्वीकार करता है और जीवन को जीता है पूरी शक्ति से ©पूर्वार्थ #सुख #दुख
વિMaલ કàlàરà
थोड़ा थोड़ा करके Bhot Pyaar Ho गया है तुमसे ©વિMaલ કàlàરà #akshaya_tritiya_2024 थोड़ा थोड़ा करके Bhot Pyaar Ho गया है तुमसे
#akshaya_tritiya_2024 थोड़ा थोड़ा करके Bhot Pyaar Ho गया है तुमसे
read moreArora PR
White उसके आने से मुझे ख़ुशी भी हुई दुख भी हुआ. एक अर्से बाद उसका आना मेरे लिए सुखद अहसास था.. परन्तु उसे घर में बैठाने हेतु मेरे पास न दरी थीं न कुरसी.... बस इसीका दिल में मलाल था ©Arora PR ख़ुशी और दुख
ख़ुशी और दुख #कविता
read moresujeeta
White तुम थोड़ा सा वफा करके देखो तुम्हारे लिए जान न दे दे तो कहना ©sujeeta तुम थोड़ा सा
तुम थोड़ा सा #SAD
read moreनीति.......
थक गई हूं अच्छी होकर सबका भला सोचते सोचते जी करता है क्यूं न चंद घड़ी भर मैं भी थोड़ा बिगड़ जाऊं लोग कहते हैं तो कहने देते है उनको तो बस बोलना ही बाकी है बिना बिगड़े जब मुझे कहते हैं कि मैं सुधर जाऊं जब सुनना ही है सबके ज्ञान को हमें तो क्यूं न चंद घड़ी भर मैं भी थोड़ा बिगड़ जाऊं सुधरे हुए हाल से भी क्या पाया ही है जिंदगी से तो बेहतर यही लगता है कि क्यूं न चंद घड़ी भर मैं भी थोड़ा बिगड़ जाऊं ©नीति....... #थोड़ा #बिगड़ #जाऊं