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Jayesh gulati
Unsplash करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं ।। पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की । सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।। (read full in caption) ©Jayesh gulati तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में
तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में
read moreSandeep Kothar
Unsplash "खामोशी का आईना" शहर की भीड़ से, कहीं दूर, सुकून के पल तलाशता हूं, शोरगुल की आगोश में खोया हुआ, मेरा अक्स, मेरी पहचान तलाशता हूं। न जाने कब और कहां, मेरे खयालों का जहां मिल जाए, इस उम्मीद में, खामोशी का आईना तलाशता हूं। ©Sandeep Kothar प्रिय पाठकों, मैं आपके साथ अपने दिल की गहराई से बात करना चाहता हूं। मेरी कविता में मैंने अपनी जीवन यात्रा को व्यक्त किया है, जो शहर की भीड़
प्रिय पाठकों, मैं आपके साथ अपने दिल की गहराई से बात करना चाहता हूं। मेरी कविता में मैंने अपनी जीवन यात्रा को व्यक्त किया है, जो शहर की भीड़
read moreनवनीत ठाकुर
पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खुद्दारी के संग चलता हो। तूफ़ानों से लड़ने का मिज़ाज रखो, खुद को गिरने से बचाने का रिवाज़ रखो। दुनिया का बोझ जितना संभालोगे, खुद से उतना ही दूर निकल जाओगे। जो गहराई समझे, वही ऊपर उठेगा, जो दूसरों से डरेगा, वहीं खुद सिमटेगा। अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खु
#नवनीतठाकुर पलकों पर ख्वाब हों, मगर आँखें खुली रहें, सफ़र चाहे लंबा हो, हिम्मत सजी रहें। बड़ा वही जो झुकने का हुनर जानता हो, झुके भी तो खु
read moreनवनीत ठाकुर
अपनी पहचान को मिटाना नहीं, दरिया बन, समंदर में समाना नहीं। फासलों में भी गहराई होती है, नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है। किसी के कद से खुद को छोटा न कर, अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर। जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर, उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर। हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती, हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती। ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है, याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है। जो दूर रहकर पास की बात करते हैं, वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।
#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।
read moreनवनीत ठाकुर
एहसास और जज़्बात संभाल कर रखो, हर दिल में सच्चाई का पैमाना हो, ये ज़रूरी नहीं। कभी लफ्ज़ों के पीछे भी अफसाना छुपा होता है कहीं, हर मुस्कान में वफ़ा का खज़ाना हो, ये ज़रूरी नहीं। रिश्तों की इस भीड़ में खुद को खोने मत देना, हर कदम पर सही साथी का होना ज़रूरी नहीं। कभी साया भी उजालों का साथ छोड़ देता है, अपना, हमेशा अपना ही रह पाए, ये ज़रूरी नहीं। ©नवनीत ठाकुर #एहसास और जज़्बात संभाल कर रखो, हर दिल में सच्चाई का पैमाना हो, ये ज़रूरी नहीं। कभी लफ्ज़ों के पीछे भी अफसाना छुपा होता है कहीं, हर मुस्कान
#एहसास और जज़्बात संभाल कर रखो, हर दिल में सच्चाई का पैमाना हो, ये ज़रूरी नहीं। कभी लफ्ज़ों के पीछे भी अफसाना छुपा होता है कहीं, हर मुस्कान
read moreनवनीत ठाकुर
White भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं। जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं, हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं। ©नवनीत ठाकुर भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग
भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग
read moreनवनीत ठाकुर
कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई, हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई। हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान, उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।। अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।। ©नवनीत ठाकुर अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।
अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।
read moreRakesh frnds4ever
White जिस किसी को आना चाहिए था ,,,,,, जिंदगी में मेरी ,,,,,, वो तो आया ना कभी,,, ,,,,,,औरों का क्या ,,,,,, लोगों की भीड़ से मुझे क्या काम ,,,, आते हैं,,,आते होंगे ,,,,, उनसे मुझे क्या सरोकार ________ ©Rakesh frnds4ever #लोगों_का_क्या #जिस किसी को आना चाहिए था ,,,,,, #जिंदगी में #मेरी ,,,,,, वो तो आया ना #कभी ,,, ,,,,,,औरों का क्या ,,,,,, #लोगों की भीड
Poet Kuldeep Singh Ruhela
White आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत टूट जाती हैं और अपने भी साथ छोड़ जाते है! यही जीवन की सच्चाई है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #जीवन आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत ट
#जीवन आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत ट
read moreperson
famous youtuber and motivational speaker kuchh pane ke liye kuchh khona padta hai कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हैं जिंदगी में कामयाबी क
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