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Anjali Singhal
बचपन के वो सुहाने दिन ✍️ #AnjaliSinghal #bachpan #Poetry #poetrycommunity #poetryshayari shayari nojoto
read moreRAMLALIT NIRALA
White बचपन की याद कभी हस के कभी रोके समय बितावत रहै चार दोस्त के साथ खेत खलिहान पोखरे मे नहावत रहै ऊ नहर के पानी बचपन के रवानी ना भुल पाईब कबो माई त कबो दादी हमरा के खोजे आवत रहै बचपन के खेल खोखो बसईया कबडी गुल्ली डंडा लुकाछिपी लखनी के लाख गोड कबो ऊपर त कबो नीचे आवत रहै अबत खेल जवानी के पलपल चिंता सतावत रहै अब त बचपन के बतीया जवानी में याद आवत रहै ©RAMLALIT NIRALA बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
read moreMonu Saini
न समझदार हूं और न ही बनना चाहता हूं टेंशन से लबालब जिंदगी छोड़ ऐ मेरे मालिक में तो बचपन में ही जीना चाहता हूं। ©Monu Saini बचपन# समझदार
बचपन# समझदार
read moreDr.Meet (मीत)
White वो बचपन कितना अच्छा था प्यार हमारा सच्चा था धोखा दगाकुछ ना जाने क्यों कि तब में बच्चा था ©डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.) wo बचपन
wo बचपन
read moreRakesh Songara
बचपन की यादें किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,, वो खेल-खिलौने कागज़ के,मिट्टी के बर्तन, बेवजह क्यूँ याद आ गए,,, वो बेपरवाह बदमाशियां,अठखेलियां, शरारतें सारी,, टूटी फूटी,रंगबिरंगी चूड़ियां प्यारी,, माटी के घरौंदे में घर-घर का खेला,, वो तीज़ त्योहार, गणगौर का मैला,,, वो कुल्फ़ी की चुस्कियों से जुबां की लाली,, मदारी के डमरू पे बजती वो ताली,, अनोखे वो दिन वो बातें पुरानी पता नहीं क्यों याद आ गए,,, किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,, सावन के झूलों में घण्टों लटकना,, वो बारिश की बूंदों में छम-छम रपटना,,, फ़टे कपड़ों में भी खुशियां समेटे, वो रेहड़ी से केलों के गुच्छे झपटना,, था जिंदादिल अब से वो बचपन का मौसम, अब तो हर सांस पे लगता है राशन,, चोट खाके भी हँसने के किस्से पता नही क्यों याद आ गए,,, किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,,,,, राकेश सोनगरा, सरदारशहर ©Rakesh Songara #बचपन
Shiv Narayan Saxena
बीते दिन बरसात के, फूले कास निहार। बड़ी रात के नाम से, दिवस हुए लाचार।। धीरे-धीरे झॉंक कर, कोहरा कर अनुमान। बीते दिन बरसात के, धुंध नयी मेहमान।। सेवानिवृत्त करैं सभी, विगत ज्यों वर्षा-बात। आज चुनौती हैं नयी, उनको क्या यह ज्ञात।। बीता मौसम मेंह का, प्रकृति न अब उमसाय। आया मौसम शौकिया, सब का मन हर्षाय।। मिलन अश्रु नहिं नयन मॉं, बीत गयी बरसात। अली कली और तितलियॉं, करें मिलन की बात।। ©Shiv Narayan Saxena #बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life
#बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life
read moreSunil Raniawala
White मेरा बचपन मुझसे दो बार छीना गया ,पहली दफा तब जब मेरा दाखिला माँ को गोद से हटाकर स्कूल में हुआ और दूसरी दफा तब जब तुमने मेरा साथ छोड़ा..। ©Sunil Raniawala #बचपन
Vandana Rana
White बचपन में कहते थे कि हम अपने जुनून के पीछे भागेंगे, क्या पता था कि सिर्फ़ बचपन वाले सुकून के पीछे भागेंगे। ©Vandana Rana बचपन में कहते थे कि हम अपने जुनून के पीछे भागेंगे, क्या पता था कि सिर्फ़ बचपन वाले सुकून के पीछे भागेंगे।
बचपन में कहते थे कि हम अपने जुनून के पीछे भागेंगे, क्या पता था कि सिर्फ़ बचपन वाले सुकून के पीछे भागेंगे।
read moreSatish Kumar Meena
बचपन कितना हसीन होता है जिसमें तन,मन दिमाग सांसारिक बंधनों से मुक्त होता है बस! स्वतंत्र रूप से अपने क्रिया कलापों को आनंद से करना। ©Satish Kumar Meena बचपन
बचपन
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