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theABHAYSINGH_BIPIN
Unsplash प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है। मोहब्बत सच्ची हो, मगर विश्वास बनाना पड़ता है। मोम सा है रिश्ता प्यार का, ख़ुद को पिघलाना पड़ता है। उस चाँद के दीदार में, नींदें गवानी पड़ती हैं। आसान नहीं है मोहब्बत, इंतेहा से गुजरना पड़ता है। जो खो गए हैं मैं की आड़ में, मैं' से 'हम' में बदलना पड़ता है। इश्क़ का हाल बुरा है, आँखों को सुँझाना पड़ता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Book प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है।
#Book प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है।
read moreAnjali Singhal
White "समा तो गए हैं वे आँखों में ख़्वाब बनकर। पर नींद हमारी करके रख दी उन्होंने उथल-पुथल कर।।" ©Anjali Singhal #goodnightimages "समा तो गए हैं वे आँखों में ख़्वाब बनकर। पर नींद हमारी करके रख दी उन्होंने उथल-पुथल कर।।" #AnjaliSinghal #love #loveshaya
#goodnightimages "समा तो गए हैं वे आँखों में ख़्वाब बनकर। पर नींद हमारी करके रख दी उन्होंने उथल-पुथल कर।।" #AnjaliSinghal love loveshaya
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
Unsplash चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से आशियाँ, चलो नया इक घर बनाते हैं। भटक गए हैं जो अपने रास्तों से, चलो उन्हें राह दिखाते हैं। चलो इंसान को इंसान बनाते हैं, जो फासले बने हैं, उन्हें मिटाते हैं। जो मासूमियत दब रही है धूल में, चलो उसे आईना दिखाते हैं। दम तोड़ रहे हैं जो बेबस लम्हों में, चलो उन्हें जीने का जज़्बा सिखाते हैं। जो टूट गए हैं डर के साए में, चलो उन्हें उम्मीद से मिलाते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Book चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से
#Book चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से
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कौन है जो सूरज को धमका रहा, कोहरे का जाल यूं फैला रहा? क्यों उजाले को निगलने चला, सांसों तक को ठंडा बना रहा? ठंड में अब पानी भी डरा रहा, खुद को भाप में बदल रहा। किसको यह कारीगरी सूझी है, जो प्रकृति पर कहर ढा रहा? कौन है जो चुराने चला, जो इतनी जल्दी दिन ढल रहा? समय को घेरने वाला कौन, जो हर पल को सर्दी में ढल रहा? उतार दिया है काम का बोझ, काम छोड़ खुद को गर्म कर रहा। सर्दी से ठिठुर गए हैं सारे, इंसान बैठा अलाव जला रहा। निकले ही हाथ-पैर हो गए सुन्न, हवा में ऐसी नमी छोड़ रहा। अब तो पानी पीना भी मुश्किल है, कौन है जो बर्फ से पानी भिगो रहा? ©theABHAYSINGH_BIPIN कौन है जो सूरज को धमका रहा, कोहरे का जाल यूं फैला रहा? क्यों उजाले को निगलने चला, सांसों तक को ठंडा बना रहा? ठंड में अब पानी भी डरा रहा, खु
कौन है जो सूरज को धमका रहा, कोहरे का जाल यूं फैला रहा? क्यों उजाले को निगलने चला, सांसों तक को ठंडा बना रहा? ठंड में अब पानी भी डरा रहा, खु
read moreनवनीत ठाकुर
White षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगाज़। अपहरण के धंधे अब आम हो गए, अपराधी खुलेआम इनाम हो गए। छेड़छाड़ के ज़ख्म लहू-लुहान हैं, इंसाफ के मंदिर खुद बदगुमान हैं। यह कैसी सभ्यता, यह कैसी रवायत? जहां जुर्म को मिलती है हर इक सहायत। ©नवनीत ठाकुर #षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
#षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
read moreCricket
IPL 2025 Rishabh Pant ने इतिहास रचा है और सबसे महंगे IPL Player बन गए हैं #rishabhpant #IPL2025 #short
read morePoet Maddy
जब से उसकी मोहब्बत के हम गुलाम हो गए हैं, अपने शहर में हम काफ़ी ज़्यादा बदनाम हो गए हैं......... जब से हमने शुरू किया महबूब पर ग़ज़ल लिखना, शायरों की बस्तियों में महंगे हमारे कलाम हो गए हैं........ ©Poet Maddy जब से उसकी मोहब्बत के हम गुलाम हो गए हैं, अपने शहर में हम काफ़ी ज़्यादा बदनाम हो गए हैं......... #Slave#Love#Infamous#Town#Write#Gazal#Word#Ex
Megi Assnani
जो लोग गए कब आए हैं बस याद के बादल छाए हैं आवाज़ ग़मों में फ़ौत हुई अल्फ़ाज़ बहुत मुरझाए हैं इक राजकुमारी टूट गई वो ज़ुल्म महल ने ढाए हैं
read moreAnamika Raj
White कौन कहता है हम बदल गए हम कल भी बुरे थे आज भी बुरे हैं.. ©Anamika Raj कौन कहता है हम बदल गए..
कौन कहता है हम बदल गए..
read mores गोल्डी
नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा है....!! ~×~ बहुत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन कर रहा है.....!! ©s गोल्डी नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा हैं....!!# ~×~ बोहत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन
नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा हैं....!!# ~×~ बोहत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन
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