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SohrabAlam

वख़्त लगा दो वक़्त बनाने मे ,कसम खुदा की...💯👍💯❤️

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DAG89

खुदा मेरे धागे लौटा दे, मेरी मन्नत नहीं पूरी हुई, #लव #SAD #इश्क

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F M POETRY

#मुद्दतें हो गयीं...

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Unsplash मुद्दतें हो गयीं जब हाथ मिलाया तुझसे..

अब भी आती है मेरे हाथ से खुश्बू तेरी..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #मुद्दतें हो गयीं...

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख, ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख। जो भीड़ के साथ चला, खो गया, जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

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अपनी पहचान को मिटाना नहीं,
दरिया बन, समंदर में समाना नहीं।

फासलों में भी गहराई होती है,
नज़दीकी अक्सर तबाही लाती है।

किसी के कद से खुद को छोटा न कर,
अपनी मिट्टी से जुड़ रिश्ता तोड़ा न कर।

जो उड़ गए ऊँचाईयों की ओर,
उनके कदमों तले रह गई ज़मीन की डोर।

हर दरिया को समंदर की चाह नहीं होती,
हर मोती के लिए साज़िश राह नहीं होती।

ख़ुदी को बुलंद कर, गिरना मुमकिन है,
याद रख, उड़ान में भी गिरावट का दिन है।

जो दूर रहकर पास की बात करते हैं,
वो अपने मुकाम की बुनियाद रखते हैं।

©नवनीत ठाकुर 
#नवनीतठाकुर अपने अंदर समंदर सा सुकून रख,
ऊपर से शांत, अंदर जुनून रख।

जो भीड़ के साथ चला, खो गया,
जो अलग रहा, खुदा जैसा हो गया।

PRIYA SINHA

White 🫂"बस तुम हो" 🫂

जीवन के गीत में ;
हार या जीत में ;
बस तुम हो  ! 

सूनेपन की भीत में ;
प्रहार या प्रीत में ;
बस तुम हो  ! 

समर्पण के रीत में ;
बेकार या कृत में ;
बस तुम हो  ! 

प्रिया सिन्हा  
𝟑𝟎. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. 
(शनिवार).

©PRIYA SINHA #बस #तुम #हो

Vinod Mishra

"बुद्धि हो पर कुटिल हो;सोच हो पर संकीर्ण हो तो कौटिल्य नहीं धनानंद पैदा होता है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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F M POETRY

#रास्ता तू ही दिखा दे ऐ खुदा..

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White रास्ता तू ही दिखा दे ऐ खुदा..

यार से मिल लूँ की तुझसे मिल जाऊं..



यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #रास्ता तू ही दिखा दे ऐ खुदा..

Lakhan Rajput BJP

जय हो

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नवनीत ठाकुर

फना हो कर भी अमर हो गए

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पहाड़ों से निकली एक धारा खास,
सपनों से भरी, एक नई तलाश।
पत्थरों से टकराई, राह बनाई,
हर दर्द को हँसी में समेट लाई।।
हर ठोकर को उसने गले लगाया,
रुकना उसकी किस्मत में नहीं था।
दर्द से उसने अपना राग बनाया,
सच में, वो कभी थमा नहीं था।।
जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई,
उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।।
सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा,
उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा।
नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ,
पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।।
फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई,
सागर के आँचल में हर याद बस गई।

©नवनीत ठाकुर फना हो कर भी अमर हो गए

unique writer

नाराज हो मुझसे

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