Find the Latest Status about इलाहाबाद गंगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, इलाहाबाद गंगा.
GoluBabu
मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स Islam शायरी मोटिवेशनल देवता भी मनुष्य जीवन को तरसते हैं क्योंकि मोक्ष मनुष्य जीवन में ही हो सकता है। और परमा
read morePriyawant Markamji
wringtone bhakti wdesh bhakti geet wbhakti gana #MiracleOfGodKabir_In_1513 आज से 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर पर
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
आप सभी को देव दिपावली पर्व गंगा स्नान व गुरु पुरब की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 🎇 🎇 🪔 भाषा शैली स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्ष
read moregudiya
White वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती पत्थर कोई ना छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ; श्याम तन, भर बंधा यौवन, नत नयन ,प्रिय- कर्म -रत मन, गुरु हथोड़ा हाथ , करती बार-बार प्रहार ;- सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार । चढ़ रही थी धूप; गर्मियों के दिन दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू रूई - ज्यों जलती हुई भू गर्द चिनगी छा गई, प्राय: हुई दुपहर :- वह तोड़ती पत्थर ! देखे देखा मुझे तो एक बार उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार; देखकर कोई नहीं, देखा मुझे इस दृष्टि से जो मार खा गई रोई नहीं, सजा सहज सीतार , सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार; एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर, ढोलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा - मैं तोड़ती पत्थर 'मैं तोड़ती पत्थर।' - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ©gudiya #love_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
#love_shayari nojotophoto #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
read moreGoluBabu
किस संत के प्रयत्न से हो रहा एक बार पुनः सनातनी पूजा का पुनरुत्थान? जानने के लिए देखिए "सनातनी पूजा के पतन की कहानी, संत रामपाल जी महाराज क
read moreGoluBabu
True Guru Sant Rampal Ji Maharaj जो संत शास्त्रों के अनुसार भक्ति साधना बताता है, वही पूर्ण संत होता है। इसके विषय में गीता अध्याय 4 श्लोक
read moreबेजुबान शायर shivkumar
तुम मुझे मिलोगी जब ये बनारस की घाट पर उस दिन मां गंगा की शांत लहरों में समंदर सा उफ़ान आयेगा ! तुम्हारे नेत्रों में दिखेंगे जब गंगा में चमकते दिए ! उस दिन उन लहरों को अभिमान होगा तुम्हारे नेत्रों में चमकने का ! उस दिन संभवतः मेरा हृदय तुमपे पार पाएगा ! संभवतः कुछ ना भी दिख इस संसार में फिर भी तुम्हारी आस में ये हर धाम जाएगा ! तुम स्वीकार लो जो मेरा प्रेम तोविजयी है यह , अन्यथा, मेरा हृदय संसार से हार जाएगा । ©बेजुबान शायर shivkumar तुम मुझे मिलोगी जब ये #बनारस की #घाट पर उस दिन मां #गंगा की शांत #लहरों में समंदर सा उफ़ान आयेगा ! तुम्हारे #नेत्रों में दिखेंगे जब