Nojoto: Largest Storytelling Platform

New कभी अर्श पर कभी फर्श पर कभी उनके दर कभी दर बदर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about कभी अर्श पर कभी फर्श पर कभी उनके दर कभी दर बदर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कभी अर्श पर कभी फर्श पर कभी उनके दर कभी दर बदर.

Stories related to कभी अर्श पर कभी फर्श पर कभी उनके दर कभी दर बदर

Anjali Singhal

"हमदर्द नहीं बन सकते तो न सही, पर दूसरों का दर्द कभी मत बनना, झूठी हमदर्दी जताकर तुम उनके, दिल में दर्द कभी मत भरना। एक बार टूटकर तो इंसान,

read more
"हमदर्द नहीं बन सकते तो न सही,
पर दूसरों का दर्द कभी मत बनना,
झूठी हमदर्दी जताकर तुम उनके,
दिल में दर्द कभी मत भरना।
एक बार टूटकर तो इंसान,
फिर भी है संभल जाता,
पर मुश्किल हो जाता है दोबारा,
उसके लिए टूटकर संभलना।।"

©Anjali Singhal "हमदर्द नहीं बन सकते तो न सही,
पर दूसरों का दर्द कभी मत बनना,
झूठी हमदर्दी जताकर तुम उनके,
दिल में दर्द कभी मत भरना।
एक बार टूटकर तो इंसान,

वंदना ....

#यकीन करना पर कभी कोई किसी पर डिपेंड ना रहे...... एक #गुलामगिरी होती है यह भी.....

read more
जिंदगी में  यक़ीन जरूर कीजिए......
           पर किसी पर डिपेंड मत रहिए........

©वंदना ....  #यकीन करना
पर कभी कोई किसी पर डिपेंड ना रहे......
एक  #गुलामगिरी होती है यह भी.....

꧁༺Kǟjǟl༻꧂ارشد

तेरी तलाश मे , मै इस कदर दर बदर फिरता रहता , जैसे दुनिया मे कोई झाव़ और सुकून ढूढता रहता ... प्रज्ञा Kalpana Korgaonkar Anupriya Raksha S

read more
तेरी तलाश मे , मै इस कदर दर बदर फिरता रहता ,
जैसे दुनिया मे कोई झाव़ और सुकून ढूढता रहता ...

©꧁༺ǟʀֆɦǟɖ༻꧂ तेरी तलाश मे , मै इस कदर दर बदर फिरता रहता ,
जैसे दुनिया मे कोई झाव़ और सुकून ढूढता रहता ... प्रज्ञा  Kalpana Korgaonkar  Anupriya  Raksha S

dilkibaatwithamit

मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक ग

read more
White मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा 
वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए 

कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक गए 
यूँ ही उम्र सारी गुज़ार दी, यूँ ही ज़िंदगी के सितम सहे 

कभी नींद में कभी होश में, तू जहाँ मिला तुझे देख कर 
ना नज़र मिली ना ज़ुबाँ हिली, यूँ ही सर झुका कर गुज़र गए 

कभी ज़ुल्फ़ पर कभी चश्म पर, कभी तेरे हसीन वुजूद पर 
जो पसन्द थे मेरी किताब में, वो शेर सारे बिखर गए 

कभी अर्श पर कभी फ़र्श पर, कभी उन के दर कभी दर बदर 
ग़म ए आशिक़ी तेरा शुक्रिया, हम कहाँ कहाँ से गुज़र गए..!!

©dilkibaatwithamit मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा 
वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए 

कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक ग

लेखक 01Chauhan1

कभी कभी

read more
कभी-कभी आंखों से आसूं आ जाता है 
जिसे भुलाना चाहा वो याद आ जाता है 
दिल से उसे भुला चुके ख्याल उस का जाता है 
दिमाग कहता उसे याद करले दिल का क्या जाता है

©लेखक       01Chauhan1 कभी कभी

RV Chittrangad Mishra

दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो गलतियां मेरी कभी दिल पर हाथ रखकर पूछना कसूर किसका था

read more
green-leaves Word can change our world.

©RV Chittrangad Mishra दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो गलतियां मेरी
कभी दिल पर हाथ रखकर पूछना कसूर किसका था

Poet Kuldeep Singh Ruhela

#leafbook कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है

read more
Unsplash कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है 
और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है
माना मुमकिन नहीं है अब लौट कर आना 
बस यही आश में अपनो से दूर हुए बैठे है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #leafbook कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है 
और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है

हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

read more
White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....

Mahesh Patel

सहेली... कभी-कभी..लाला..

read more
Unsplash सहेली ....
कभी-कभी हम यूं ही मुस्कुराया करते...
कभी-कभी तुम्हारी बातों को यूं ही सुन लिया करते हैं..
कभी-कभी समझ में भी नहीं आता कि हम तुमसे यूं ही मिला करते हैं..
लाला...

©Mahesh Patel सहेली... कभी-कभी..लाला..

हिमांशु Kulshreshtha

कभी कभी...

read more
White कभी कभी 

तलब में इज़ाफ़ा भी 

कर देती हैं महरूमियाँ 

एहसास प्यास का 

बढ़ जाता है सहरा देख कर

©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile