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Stories related to hindi shayari naya saal

Kanchan

#Newyear2025 naya saal mangalamay ho🌅🙏🌋

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New Year 2025 pad, pratishta, paisa, 
shukh, samriddhi, sampadaa, 
wo sab kuchh mile aap ko
aap ka dil chaahta ho jaisa! 
happy new year🌅🙏

©Kanchan #Newyear2025 naya saal mangalamay ho🌅🙏🌋

Kumar Vimal

New Year 2024-25 kuch naye tarange, naye rang,                               naye shikhavo k saath
ek aur naya saal aa raha
naye ummeed, naye jazzbaat,
nayi umang ke saath

©Kumar Vimal #NewYear2024-25 #Naye #Tarange #shikhave #naya #Saal #Nayi #ummeed #Umang #kumarvimal

Satyam Kumar

naya sal per shayari लव शायरी

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Unsplash नये साल में यार प्यार की तलाश होंगी
जो खो दिया बीते साल उसकी आस होगी !

©Satyam Kumar naya sal per shayari लव शायरी

vvs

Nhi apnana mujhe nayi soch ko...! #naya #ishq whindi shayari wsad shayari wshayari on love zindagi wsad shayari wshayari sad

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Vijay Vidrohi

naya Zamana motivational in tamil struggle in life quotes life shayari in hindi shayari on life life quotes in english realit

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White रिश्ते मैं रुखापन आग्या,
आज के इस जमाने में 
कोरटां मैं चालै पेशी,
चक्कर काटै थाने में।
मां बापां की कद्र रही ना,
कटै बुढ़ापा ताने में
गयी जवानी गुज़र बाप की
बच्चों के खर्च उठाने में।

©Vijay Vidrohi naya Zamana             motivational  in tamil struggle   in life quotes life shayari in hindi shayari on life life quotes in english realit

Z Rahman

shayari in hindi hindi shayari

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White रात भर चांद को छेड़ा है यही कह कहकर
और ! सूरज के भरोसे पे चमकने वाले

©Z Rahman  shayari in hindi hindi shayari

मलंग

#naya

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कई दिन हुये, उस रास्ते से गुजरे जो तुम तक जाती थी। सुना है, रास्ते के पेड़ सूख गये, हाँ सूखना ही था उनको... मुहब्बत जो कि थी बहारों से, बहार चली गयी और रह गया पीछे ठूंठ। 
हम भी तो ऐसे ही हैं, ये घाट, ये गलियाँ सब बेकार... शहर बनारस अब रास नहीं आता। कुछ छूट गया या फिर छोड़ दिया, यह सवाल आजतक सवाल ही है.... 
घर के एक कोने में हमारा कमरा है जिसके रंग अब फीके हो चुके हैं। दिल थम सा गया है। शायद धड़कन मद्धम-सी हो रही है, तुम समझी नहीं...
कुछ ठहर गया और हम बेपरवाह चलते रहे, न जाने कब अकेले हुये पता न चला। निदा फ़ाजली ने कहा था 'रोज जीता हुआ, रोज मरता हुआ; अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी', ससुरी किस्मत ने अपने दिल पर ले लिया। सांस चलना ही अगर जिन्दा रहना होता तो फिर मुहब्बत की जरूरत न थी....
शहर की आब-ओ-हवा बदल गयी पर हम अब भी वहीं हैं, तनहा, अकेले, एकदम अंधेरे में.... वहीं जहाँ तुम हमें छोड़ गयी। ❤️

'सोच'

©मलंग #naya
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