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Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat दिल के पिजरे को खोल कर देखा तो यू दिखें कुछ रेत कुछ धूल कुछ बासी बच्चे टुकड़े दिखें इश्क़ की दस्ता में किस्में दिखती रहीं मोहब्बत वफा प्यार क्या क्या लिखती रही दिल को दस्तक देती यादों की लंबी कतारें बाक़ी रही तमाम कसमों को झोंकते उसी राख में उड़ाती रही रिहाई लिखूं तबाही लिखूं रातों की बेचैनी लिखते दिखें आसमान में तारों से बातें करती यूं ही आकर में दिखें आसार नहीं असर नज़र आता है आंखों में नमी भी दिखें ख़्वाबों में जवाब नहीं मिल पाता है बस दिखें टूटे ख़्वाब दिखें #lifequotes #zindagi #realityoflife #yqbaba #yqdidi #yqsahitya Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat दिल के पिजरे को खोल कर देखा तो यू दिखें क
swaranjali sawan
नीच हो रही है आदम की नस्ल दिनों दिन आज कल, और क्रूरता का इनकी हैं निरीह प्राण नित भोगें फल! नर की ये किस्में अब सच में इस भू के उपयुक्त नहीं, इसीलिए अब अंत को इनके स्वयं प्रकृति प्रतिबद्ध हुई।। - स्वरांजलि 'सावन' इस दृश्य को देखकर मानवता पुनः शर्मसार हुई है। मन के भीतर कुछ टूटा और कहीं गहरे चुभ गया! इस परिदृश्य को देखकर लगता है कि अच्छा ही हुआ जो हर ओर से माँ प्रकृति नर संहार में रत है। हमारी सर्वश्रेष्ठ कही जाने वाली नस्ल वास्तव में सबसे निकृष्ट है! हम जिस भूमि पर बसे उसका अतिक्रमण करते गए और अब तो हमारी नीचता की जाने कौन सी सीमा शेष रह गयी है। हमें क्षमा मत करना माँ इन अपराधों के लिए क्योंकि कदाचित् हम इस योग्य ही नहीं! हम इतने स्वार्थी इतने आत्महीन, विवेकहीन हो चुके हैं कि हमारा अंत हो जाना ही सबसे उपयुक्त है इस सृष्टि के लिए!😡😡😡 #RIPHUMANITY नीच हो रही है आदम की नस्ल दिनों दिन आज कल, और क्रूरता का इनकी हैं निरीह प्राण नित भोगें फल! नर की ये किस्में अब सच में इस भू क
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ख़ुदग़र्ज़ आंखे मेरी भरी पानी से तेरे नाकाम सी बुनती कहानी तेरी दर्दं से वो सहमी सी दिल में फिर कहते जों तुम हम ख़ुदग़र्ज़ पहले ये बताओ हमसफ़र है हम? SEE CAPTION #lifequotes #zindagi #respect #relationship #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ख़ुदग़र्ज़ आंखे मेरी भरी पानी से तेरे नाकाम
Dhruv Bali aka Darvesh Danish
कि होना ये बरसो बरस मे नहीँ है मैं ये जानता हूं वो नज़दीक़ में हैं कि अब मेरा दिल मेरे बस में नहीं है...... मुहब्बत करें हम तो फिर मिल ही