Nojoto: Largest Storytelling Platform

New विज़न ६-६ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about विज़न ६-६ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, विज़न ६-६.

Stories related to विज़न ६-६

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

©निभा लो तुम,निभा लो तुम,निभालो या रसूल्लिलाह बुला लो अब मदीने में,बुला लो या रसूलिल्लाह//१ सुनहरियो जालियों के सामने,पहुंची हू मै आका,मुझे

read more
White निभा लो तुम,निभा लो तुम,निभालो या रसूल्लिलाह 
बुला लो अब मदीने में,बुला लो या रसूलिल्लाह//१

सुनहरियो जालियों के सामने,पहुंची हू मै आका,
मुझे*दीदार का शरबत पिलाओ या रसूलिल्लाह//२

*शफाअत की सवाली हु,सवाली हूं,मैं*रहमत की
*इनयात से नवाजो तुम,नवाजो या रसूलिल्लाह//३

अता हो इल्म की दौलत,अता हो दीन की दौलत,
मुझे अपनी*जियारत तुम कराओ,या रसूलिल्लाह//४

तड़पती हूं मैं,मुद्दत से,मदीना में ही*मदफन को,
दमे आखिर,मदीना भी अता हो या रसूलिल्लाह//५
*दफ्न

सताते है,जो दुनिया में,मुझे इसका नही है गम"शमा"
 को,अपना कहकर,तुम बुलाओ या रसूलिल्लाह//६

 #ShamawritesBebaak ✍️

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर ©निभा लो तुम,निभा लो तुम,निभालो या रसूल्लिलाह बुला लो अब मदीने में,बुला लो या रसूलिल्लाह//१

सुनहरियो जालियों के सामने,पहुंची हू मै आका,मुझे

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Shayari nojoto चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं रुस्वाइया

read more

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#library nojoto #Shayari चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं

read more
Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है,
जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१

नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,
तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२

कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत,
वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३

तुझे समझूँ,तुझे चाहूँ मुसलसल,
यही तो इश्क़ की रुहानियां है//४

तेरे पहलु मे आके बैठ जाऊं,
    सनम दिल में तेरी रुमानियाँ है/५

न बन पाये जो तु मेरा कभी भी,
मै समझूंगी तुझे दुश्वारियां है//६

लगी आतिश चमन मे बद-अम्न की,
सुकून वालों को ही हैरानियां है//७
#Shamawtitesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #library #nojoto #shayari 
चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१

नोंचता है क्यूं गुलों को बनके
गुल्ची,तभी तो हों रहीं
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile