Find the Best ६ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about६२ गांव की रागनी, मोडले ६ की प्रश्नोत्तरी, ६५०० हिंदी में, पेरासिटामोल टेबलेट्स आप ६५० मग, ६९ मैं,
DR. SANJU TRIPATHI
हे वीणावादिनी! हे हंसवाहिनी! तुम ही हो ज्ञान पुंज का स्रोत, निष्काम कर्म का साधक बनूँ,दिल रहे तेरे विश्वास से ओतप्रोत। कोटि कोटि तुझको प्रणाम करूँ,बारम्बार मैं तुझको नमन करूँ, शीश झुका कर तेरे चरणों में माँ बस तेरा ही हरपल बंदन करूँ। नव उल्लास,नव उमंग व नव तरंग से, सबका जीवन पुष्पित हो, शब्दों के पुष्प हार देकर,सबका ही जीवन जीना सफल कर दो। नव गति, नव लय व नव स्वर देकर,जीवन को संगीत से भर दो, भेद-भाव,ईर्ष्या व क्लेष का तम हरकर,प्रकाश से रोशन कर दो। हे ज्ञानदायिनी! हे वागीश वीणावादिनी! उर में आनंद भर दो, नाश करके कुबुद्धि का ज्ञानधन से,सबकी सुबुद्धि दीप्त कर दो। प्रतियोगिता संख्या #६ नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।
प्रतियोगिता संख्या #६ नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।
read moreWriter1
हे मात भारती हे बागेश्वरी,लाज राखिओ हे वीणावादिनी, तानों से बहुत सताए हैं,शरण में राखिओ हे वीणावादिनी सुर में गाना ना आए,फिर भी सुर-ताल लगाऊं, मेरी वाणी में आके विराजिओ, हे वीणावादिनी, हे विद्या की देवी, हे वीणापाणि,हे श्वेत वस्त्र धारिणी, शरणागत को दे दे शरण, हे हंस वाहिनी,हे वीणावादिनी, अज्ञानता के तमस को दूर करो, हे जगत जननी हे कमल पुष्प वाहिनी, हर तरफ चमके ज्ञान का सूरज, ऐसा आत्म ज्ञान दो, हे ज्ञानदा हे वीणावादिनी, खुशियों को माँ मेरी, किसी की नज़र लग गई, दया दृष्टि करके झोली मेरी खुशियों से भर दे,हे वीणावादिनी, कर दे करुणा दृष्टि, हे माँ शारदे हे माँ सरस्वती, चरणों में अपने हमें स्थान दो, हे वीणावादिनी। प्रतियोगिता संख्या #६ नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।
प्रतियोगिता संख्या #६ नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।
read moreAnil Prasad Sinha 'Madhukar'
चाह नहीं मैं, इस जगत में पूजा जाऊँ, चाह नहीं मैं, विद्वता समान कहलाऊँ। चाह नहीं मुझ पर, कोई उपकार कर दे, हे वीणावादिनी, हे विद्यादात्री माँ शारदे। चाह नहीं जग में, मैं अपना नाम कमाऊँ, चाह नहीं हृदय में, अभिमान को मैं लाऊँ। चाह नहीं खुशियों से, दामन मेरा तू भर दे, हे वीणावादिनी, हे विद्यादात्री माँ शारदे। चाह इतनी सी, मैं अभिमानी ना कहलाऊँ, चाह यही मैं सदा असहायों के काम आऊँ। मन से मेरे राग द्वेष को, दूर तू मेरा कर दे, हे वीणावादिनी, हे विद्यादात्री माँ शारदे। प्रतियोगिता संख्या #६ नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।
प्रतियोगिता संख्या #६ नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।
read moreDeepali Mestry
अनेक नाती दूरावूनही देवाने माझ्यासाठी केलेली सुंदर रचना माझी आई... ❤️ शब्दवेडी #६/३६५ लेखकांनो मी तुमच्या साठी एक छानसं सरप्राईज आणलयं. तुम्हा सर्वांच मराठी रँपिड फायर काँटेस्ट मध्ये मनापासुन स्वागत करते. अधुन-मधुन आम्ही तुमच्यासाठी अश्याप्रकारचे काँटेस्ट ठेवणार आहोत.. चला तर मग आजचं रँपिड फायर काँटेस्ट आहे एक ओळी काँटेस्ट
#६/३६५ लेखकांनो मी तुमच्या साठी एक छानसं सरप्राईज आणलयं. तुम्हा सर्वांच मराठी रँपिड फायर काँटेस्ट मध्ये मनापासुन स्वागत करते. अधुन-मधुन आम्ही तुमच्यासाठी अश्याप्रकारचे काँटेस्ट ठेवणार आहोत.. चला तर मग आजचं रँपिड फायर काँटेस्ट आहे एक ओळी काँटेस्ट
read moreDeepali Mestry
तुम्हारे बिना तुम्हारे बिना अब जिंदगी - जिंदगी नहीं लगती मानो मेरी दुनिया ही रुठ़ गई हो मुझसे तुम्हारे बिना शब्दवेडी #६/३६५
#६/३६५
read moreveena khandelwal
🥰😀#कहमुकरी🎉😀 #१ मन मेरा है बहका बहका। जिससे तन है महका महका। शीष लगा कर करते वंदन। क्या सखी साजन?न सखी चंदन!! #२ मन मयूर पग पैंजन पहना। आहट सुन झट पहना गहना। अणु अणु प्रेम फुहारित हर्षा। क्या सखी साजन?ना सखी वर्षा !! #३ मैं कुछ लिखी पकड़ के झूमी। फिर कस के पकड़ी मैं चूमी। यह सुखदा अहसास अति नरम। क्या सखी साजन?ना सखी कलम ! #४ सुनो रात जब मैं सो जाती। आता बिना दीया और बाती। लगता फिर वो बहुत ही अपना। क्या सखी साजन?ना सखी सपना !! #५ करि श्रंगार आज मैं नाची। पद थिरकन कुछ बोला सांची। बिन आवाज़ नैन बहा अंजन। का सखी साजन?ना सखी पैजन । #६ छेड़-छाड़ ज़ुल्फों से करता। आंचल खींच बांह में भरता। कभी बंद हो जाते नयन। का सखी साजन !ना सखी पवन।। वीणा खंडेलवाल तुमसर ( महाराष्ट्र) ©veena khandelwal
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