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Monika Gera jindagi. A poetess, writer, lyricist, singer,motivational speaker,Handwriting expert for three languages as to training + language teacher ( three languages).
Manish Raaj
उनके आने से --------------- बस एक उनके आने से समां सुहाना हो गया वह क्या गए, अपना जो भी था वह भी बेगाना हो गया मनीष राज ©Manish Raaj #उनके आने से
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल:- वो ख्वाबों की दुनिया सजाने लगे थे हमें देखने आने जाने लगे थे ।। छुपाने पड़े थे हमें भी तो आँसूँ । सनम दूर हमसे जो जाने लगे थे ।। नज़र जब कभी इत्तफाकन मिली तो उन्हें देख कर मुस्कराने लगे थे ।। यहाँ चाँद सबको कहाँ मिल सका है । चरागों से जीवन बिताने लगे थे ।। कभी चैन हमको न आया किसी पल । सुनो हाल दिल जब छुपाने लगे थे ।। अभी भी तरसती है आँखें उन्ही को । जिन्हें दिल में अपने बसाने लगे थे ।। हुए दूर हमसे वही आज फिर से । जिन्हें ज़िन्दगी हम बनाने लगे थे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल:- वो ख्वाबों की दुनिया सजाने लगे थे हमें देखने आने जाने लगे थे ।। छुपाने पड़े थे हमें भी तो आँसूँ । सनम दूर हमसे जो जाने लगे थे ।। नज़र जब
Lalit Musiya
White अब तो गांव भी बदलने लगे है , और शहर जैसे लगने लगे है । वो कच्चे मिट्टी के घर अब गिरने लगे है , अब तो सीमेंट ईट के मकान बनने लगे है । दूर- दूर तक फैले होते थे घर के आंगन, भाई-भाई के झगड़े में वो भी अब सिमटने लगे है। घर के बाहर होते थे नीम और फलदार पेड़ अब वो भी कटने लगे है, अब तो गमले में तरह-तरह के पेड़ और फूल खिलने लगे है । हुआ करते थे गांव में कुएं और वहां लोगों का जमघट, अब तो वो कुएं भी सूखने लगे है,हर घर बोरवेल होने लगे है । खेतों को जोतते थे वो बैल अब वो भी बिकने लगे है , अब तो खेतों में चलते ट्रैक्टर दिखने लगे है । अब तो गांव भी बदलने लगे है , अब तो बेटे भी मां-बाप से दूर रहने लगे है । ©Lalit Musiya अब तो गांव भी बदलने लगे हैं #story #Poetry
Kiran Chaudhary
हम भी अब मोहब्बत के गीत गाने लगे हैं, जब से वो हमारे ख्वाबों में आने लगे हैं.. ©Kiran Chaudhary हम भी अब मोहब्बत के गीत गाने लगे हैं... #shayaari #Love
Pinki Khandelwal
विघार्थी जीवन यूं तो बेखौफ निड़र होते हैं बच्चे, अपने सपनों से अनजान अपनी ही मस्ती में मस्त रहते, जब मन करता पढ़ते और खेलते हैं, थोड़े शरारती थोड़े नौटंकीबाज भी होते हैं, ढाल दो जिस सांचे में ढल जाते हैं, प्यार अपनेपन की भाषा को वो जानते हैं, लड़ाई झगड़ा पल भर में भूल जाते हैं, ये बच्चे तो कागज के फूल है, जो मनचाही राहों पर मुड़ जाते हैं, बेशक मां बच्चो की सबसे बड़ी गुरु कहलाती है, फिर भी गुरु से मिला ज्ञान का भी उतना महत्व है, इसलिए बच्चों को विघालय में भेजा जाता है, ताकि सीख सकें शिष्टाचार अनुशासन का भी वो पाठ, आत्मविश्वासी हो बोलने में सशक्त बने, और अपनी पहचान बनाएं, शुरुआती दिनों में बच्चों को होती है मुश्किल, जाने में करते कभी कभी आनाकानी है, पर धीरे धीरे नये नये दोस्त बनाते, क ख ग बोलना भी सीख जाते, सच कहूं तो स्कूल लाइफ बेस्ट लाइफ होती है, यह बात बाद में सबको समझ आती है, और फिर, उन दिनो को याद कर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, वो टाई बेल्ट दो चुटिया रिबन लगा कैसे कार्टून लगते थे, और मटक मटक कर जो हम स्कूल जाते थे, जाते जाते किसी की खिड़की पर पत्थर फैक आते थे, तो कभी स्कूल बहाने खेलने चले जाते थे, आज बड़े होकर स्कूल जाने का मन करता है, और पहले स्कूल जाने से भी डर लगता था, हम भी कितने अजीब है, जो बीत गया समय उसको याद कर मुस्कुराते हैं और जो चल रहा समय उसे रो रोकर बिताते हैं। ©Pinki Khandelwal वो दिन आज भी याद आते हैं...।
Rajeswari Bal
ख़याल छोड़ो आज कल तो तुम मेरे ख्वाब में भी आने लगे हो । तुम्हारा ये शरारत भरा लहजा बता रहा है कि तुम भी मुझे चाहने लगे हो । ©Rajeswari Bal #Tulips तुम भी मुझे चाहने लगे हो ❤️