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Hardik Netsurf

भाई आ ढोल वाला एवाज होय...😃🤪🤔 #कॉमेडी

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JitendraSHARMA (सोज़)

एक संग दिल से #शायरी

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Anand Ji Mayura Ji

कविता के रंग आनंद के संग

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Village Life केसर की क्यारी में फूलो की मुस्कान हो ।
रण-भूमि में दिखता जौहर की आन हो।
तुम ही हो दुर्गा -श्री - शारदा,
ज्ञान शील ममता की पहचान हो ।
दामन को अपने दाग से बचाईये ।
ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये ।

©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग

Anand Ji Mayura Ji

कविता के रंग आनंद के संग

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Anand Ji Mayura Ji

कविता के रंग आनंद के संग #शायरी

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मिलेगा प्रेम दोस्तों दिल से पुकारिये ।
ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये।

©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग

Anand Ji Mayura Ji

प्रेम रंग आनंद के संग #शायरी

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नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है।
मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है।
फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का,
इसीलिए हर आशिक  दरबदर और बेमुकाम होते है।

©Anand Ji Mayura Ji प्रेम रंग आनंद के संग

Anand Ji Mayura Ji

कविता के रंग आनंद के संग

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Anand Ji Mayura Ji

होली के रंग आनंद के संग #कविता

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रंग बिरंगे, खुशियों के त्योहार है होली।
प्रेम प्यार, और मिलन का उपहार है होली।

©Anand Ji Mayura Ji होली के रंग आनंद के संग

गुड़िया तिवारी

Holi भौजी संग होली

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#भोजपुरी #साहित्य #कविता 

होली  में  भौजी लागेली छिछोरी।
पहिने के साड़ी पहिने कोरी धोती।
बइठे चुहानी पुआ पकवान बनावे,
मसखरा में रंग पुआ फेटी में घोरी।।

बनावेली पकौड़ी चुन चइली चुनी।
दहीबड़ा भीतर  से रूई भी मिली।
फुलौरी तिलौरी खा के मन डेराला,
नाजाने गुझिया ठेकुआ में का मिली।।

✍️गुडिया तिवार

©गुड़िया तिवारी #Holi #भौजी संग होली

veena khandelwal

#Holi होली किसके संग #कविता

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कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग।
आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग।
जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर -
पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।।

वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर,
बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर।
मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास-
बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।।

बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत,
रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति।
यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग-
नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।।

अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग।
मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में  भर रंग।
संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत-
अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।।

                   वीणा खंडेलवाल
                  तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal #Holi होली किसके संग
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