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kuldeepbabra
White रास्ता बहुत लंबा है लेकिन मैं फिर भी चले जा रही हूं कोई शिकवा नहीं है जिंदगी से गमों में इस तरह धीरे जा रही हूं कैसे छोड़ो जिंदगी का महा माया जिधर भी मैं जाता हूं हर तरफ एक नया मोड़ ही पता हूं ©kuldeepbabra एक सफर जिंदगी का समय # हिंदी छोटे सुविचार
एक सफर जिंदगी का समय # हिंदी छोटे सुविचार
read moreAbdhesh prajapati
White जिंदगी में किस बात का घमंड करना आज हरा है तो कल सुखा होगा आज खुशी है तो गम होगा यह चलता हुआ प्रकृति का नियम जिस प्रकार समय रुकता नहीं उसीप्रकार सुख-दुख टिकते नहीं ©Abdhesh prajapati समय रुकता नहीं
समय रुकता नहीं
read moreDinesh Sharma Jind Haryana
White जीवन में हमेशा समय बिताने वालों से नहीं समय पर साथ देने वालों से दोस्ती करे ©Dinesh Sharma Jind Haryana #समय
Mahesh Patel
White सहेली...... उन दिनों की बात थी.. वह हमारे साथ थीं.. पास आने का बहाना ढूंढ रही थी.. समय का साथ मिल गया हमें.. वह दिल से हमारी बाहों में थीं... ©Mahesh Patel सहेली... समय... लाला...
सहेली... समय... लाला...
read moreसूरज
White हमारे पास समय पर्याप्त हैं, बस उसका सही से इस्तेमाल करना आना चाहिए। ✍🏻 ©सूरज #समय पर्याप्त हैं
#समय पर्याप्त हैं
read moreMahesh Patel
White सहेली...... कभी-कभी लगता है कि मुलाकात करने का कुछ समय होता है अब वह समय तुम्हारे और हमारे हाथ से निकल गया.... लाला.... ©Mahesh Patel सहेली... समय... लाला...
सहेली... समय... लाला...
read moreShiv Narayan Saxena
श्रांत हुआ हूॅं शान्त नहीं छुपने से ख़ुश मत होना फिर नियत तिलिस्म दिखेगा हैरां कल मत होना ©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभात सरयू घाट पर सूर्यास्त hindi poetry
#सुप्रभात सरयू घाट पर सूर्यास्त hindi poetry
read moreऋतुराज पपनै "क्षितिज"
White सूर्यास्त हुआ इच्छाओं का आकांक्षाओं और आशाओं का। भावनाओं में विरक्ति आत्मा है परखती। देह जल रहा विकारों से मन जल रहा विचारों से। अन्तर्मन में द्वंद्व संजोये। मेघ क्षीर के अश्रु पिरोये। तन में क्यों अनुराग ज्येष्ठ? मन में फिर बैराग श्रेष्ठ। मोह-माया का भीषण छल भौतिकता का कोलाहल। उन सब में इक आग है श्रेष्ठ जलती चिता की राग श्रेष्ठ। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #सूर्यास्त #ऋतुराज
डॉ.अजय कुमार मिश्र
Unsplash किताबें बोलती नहीं लेकिन राज सबकी खोलती हैं, आँखें दिमाग में होती नहीं लेकिन देखती सबको हैं। नसीहत मिले या न मिले राजदार सबके होते हैं, दुनियां दिखे या न दिखे दुनियां देखती सबको है। मुकाम मिले या न मिले मुकाम की तलाश सबको होती है, समय को हम खोजें या ना खोजें समय खोजती सबको है। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र समय
समय
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