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Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ
White जो बाहर वो अंदर है मन ही असली मन्दिर है! ©Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ जो बाहर वो अंदर है मन ही असली मन्दिर है! #love_shayari #motavitonal
जो बाहर वो अंदर है मन ही असली मन्दिर है! #love_shayari #motavitonal
read moreSarfaraj idrishi
किसके लिए जन्नत बनाई है तूने ऐ खुदा कौन है यहां जो गुनाहगार नहीं..! ©Sarfaraj idrishi #specs किसके लिए जन्नत बनाई है तूने ऐ खुदा कौन है यहां जो गुनाहगार नहीं..! Islam Achman Chitranshi kk_bhardwaj21 A k sahu udass Afzal kh
#specs किसके लिए जन्नत बनाई है तूने ऐ खुदा कौन है यहां जो गुनाहगार नहीं..! Islam Achman Chitranshi kk_bhardwaj21 A k sahu udass Afzal kh
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White है अगर तलाश सुकून की जिन्दगी में इस्तकबाल करना सीख लो तन्हाई का जिन्दगी में ©हिमांशु Kulshreshtha जो है तलाश...
जो है तलाश...
read moreRAMLALIT NIRALA
लोटेगे उस मैफिल में जो मैफिल छोड आये है उदासी कुछ दिनो कि होगी यार उनके चेहरे पे जीन्हे हम छोड आये है i mis uoy jan R. K. G ©RAMLALIT NIRALA जो याद आते है ओ दिल के बहूत खास होते है
जो याद आते है ओ दिल के बहूत खास होते है
read moreRAMLALIT NIRALA
White किस्मत से मीलते हैं वो लोग आपना और अपने बीबी के साथ साथ मम्मी पापा भाई बहन दोस्तो का भी ख्याल रखते है खुद मुसीबतों मे रह कर दुसरो का हाल पुछते है तुम कैसे हो विदेश मे यार गम को छुपाना पडता है लबो को मुस्कुराना पडता है ©RAMLALIT NIRALA जो है उसका कदर करना सिखो
जो है उसका कदर करना सिखो
read moreनवनीत ठाकुर
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका तलबगार न था। ©नवनीत ठाकुर मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
read moreनवनीत ठाकुर
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था। ©नवनीत ठाकुर जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
read moreF M POETRY
White इक सितारा है जो दिन में भी नज़र आता है.. इतनी पुरजोर चमक तेरे सिवा है किसमे.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #इक सितारा है जो दिन में भी नज़र आता है.....
#इक सितारा है जो दिन में भी नज़र आता है.....
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