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देव पाण्डेय

Ram Bhajan l ओ मैया तैने क्या ठानी मन में l O Maiya Tene Ka Thani Man Mein l Mishra Bandhu

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vidya charan Shukla

ओ मैया तू ने का ठानी मन में राम सिया भेज दयी वन में । #nojotolive

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Raj sarswat

मन का मन में रह गया। #कविता

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Raj sarswat

मन का मन में रह गया। #walkingalone #कविता

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लेकर बहुत से ख्वाब मैं मन में।
इस कदर मैं उसमें खो गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया।

किया था एक सफर, तय उसी के साथ में।
संभाला था खुद को भी,  मैंने उस हालात में।
वो सफ़र भी देखो अब याद बनकर रह गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

मिलोगी फिर कभी तुम मुझे किसी भी राह में।
देखना क्या हाल दिखेगा मेरा तेरी चाह में।
ये देखना भी मेरा तुमको स्वप्न बनकर रह गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

मिल गई वो यूं ही अचानक मुझे एक दिन ख्वाब में।
मैं देखता ही रह गया उसे उसी अंदाज में।
आंख खुली पर वो नहीं थी ये ख्वाब अधूरा रह गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

आ गई थी, वो एक दिन, फिर से मेरे पास में।
मैं पगला सा बैठा था केवल उसकी आस में।
सुन के उसकी प्यारी बातें उसे सुनता ही रह गया।
पर मन का मन में रह गया। 
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

हिम्मत करके बोली थी वो कुछ कहना है तो बोल दे।
मत डर तूं , मैं तेरी हूं, अब तूं भी मुझको बोल दे।
क्या हिम्मत थी उसकी, मैं उसे देखता रह गया।
पर मन का मन में रह गया। 
मैं सब कुछ मन में सह गया।


क्या बोलूं मैं उसको अब ये समझ मुझे ना आई थी।
पर सच बोलूं तो केवल वही, मेरे मन को भाई थी।
करके हिम्मत राज भी आज अपनी बातें कह गया।
मैं सब कुछ अपना कह गया मैं मन का मन से कह गया।

©Raj sarswat मन का मन में रह गया।

#walkingalone

Ek villain

#मन का संयम जीवन में #ValentineDay #Society

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जीवन में किसी भी महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मन को संयमित करना अत्यंत आवश्यक है किंतु यह मूल आवश्यक बिंदु जानते समझते हुए भी हम अपने चंचल मन को नियंत्रित नहीं रख पाते वास्तव में मन को काबू करना आसान नहीं है योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने इसका एक मार्ग सुझाया गीता के छठे अध्याय में मधुसुधन कहते हैं कि अष्टांग योग का पालन कर कर मन को नियमित किया जा सकता है परंतु आज के समय में अस्तांग योग को साधन भी आसान नहीं है ऐसी स्थिति में निराशा होने की आवश्यकता नहीं हम नियमित इंद्रिय संयम के द्वारा कुछ हद तक मन को संयमित कर सकते हैं हम सोचना चाहिए कि हमारे विचार कहानी राधा को रहे हैं हमारा समय कहां व्यस्त हो रहा है या फिर इंद्रिय सुख की चाह में हम कहां भटक तो नहीं रहे यदि हम इस तरह मंथन करें तो मन की चंचलता को नियंत्रित कर सकते हैं भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मन ही हमारा सबसे श्रेष्ठ मित्र है और मन भी हमारा सबसे बड़ा शत्रु है मन ही वे दरवाजा है जिससे गुजर हम आनंदमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं और यदि हम अपने विवेक होकर उसके पीछे भागे तो यही हो दरवाजा है जो हम अपने लक्ष्य से भटक आ सकता है समझ रहे कि जो भी स्थिर होकर भूमि में आंचल हो जाते हैं मैं कुछ दिनों के बाद बनते हैं और इसके विपरीत जो भी हवा के साथ उड़ जाते हैं वह नहीं बन पाते

©Ek villain #मन का संयम जीवन में

#ValentineDay

Shravan Goud

मन में उत्साह का दीपक लगाएं।

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बुझे हुए मन से
कोई दिया नही 
लगाया जाता। 
प्रसन्न मन से दिल
में ज्योति जगती है। मन में उत्साह का दीपक लगाएं।

pankaj kumar (chunchun)

हर्षित हो उठा मन मन में मन का दीप जला दीप से दिन हुआ उजाला रात का स्याह रात कटा दिखा आसमानों में तारा-ll हर्षित हो उठा मन

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हर्षित हो उठा मन 
मन में मन का दीप जला 
दीप से दिन हुआ उजाला 
रात का स्याह रात कटा 

दिखा आसमानों में तारा-ll

हर्षित हो उठा मन

AJAY NAYAK

#Parchhai #याद तेरी याद में..................... कुछ कहने का मन करता है कुछ लिखने का मन करता है तेरी याद में...................... थोड़ा हं #कविता

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Sunita Shanoo

दर्द में भीग जाने का मन था

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सब कुछ होते हुये भी
लगता है पास कुछ भी नहीं
जो बहुत पास है वही अब
लगता है बहुत दूर है कहीं 
क्यों डराती है अपनी ही परछाईं
खोल देती है परत दर परत मुझे
क्यों एक साँस विश्वास की भी
आती है घुटी घुटी-सी
आँखें खामोश तो है मगर
तेज़ चलती जुबां का साथ नहीं देती, 
हर लम्हा महफ़िल सा है 
फिर भी तनहा क्यों है ...
©सुनीता शानू दर्द में भीग जाने का मन था

Ganesh Din Pal

#मन की तिजोरी में दोस्तों का खजाना #कविता

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