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A...S...

प्रेम #love_shayari #Prem #पिया शायरी हिंदी शायरी हिंदी में लव शायरी हिंदी में शायरी हिंदी में शायरी लव

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White प्रेम में अभिमान कैसा,
तुम जितनी बार रूठोगे हम मना लेंगे।

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seema patidar

आओगे जब तुम ......

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तुम्हें पता है........
 मैं तुम्हारे इंतजार में हु
तुम्हारे आने से कही ज्यादा तुम्हारे लोट आने के ।

©seema patidar आओगे जब तुम ......

theABHAYSINGH_BIPIN

#togetherforever Anupriya Rakhie.. "दिल की आवाज़" writer Sunita singh Arab ab tu SAB par najar Rakha kar Jodi jiski Amar banaa de usi ka D

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प्रेम की वेदी

तुम आते हो एक आस लेकर,
तुम जाते हो एक आस देकर।
ना जाने कौन हो तुम मेरे,
तुम जाते हो एक ख़ुशी देकर।

तुम आते हो एक उम्मीद लेकर,
तुम जाते हो एक ख़्वाब देकर।
ना जाने कब तक साथ दोगे,
तुम जाते हो एक एहसास देकर।

कुछ ख़्वाबों को सजा रही हूँ,
बिन कहे कहानी गुनगुना रही हूँ।
जब आओगे, तुमसे कुछ लेना,
पूर्ण कर दो मुझे कसम देकर।

भरी सावन में छेड़ती सखियाँ,
ले चलो अब गवाँना कराकर।
अब बाबुल का घर न भाए,
ले आओ डोली सुंदर सजाकर।

मेहंदी में मैं नाम छुपाऊँ,
ढूँढ़ना तुम मेरे हाथों को जोड़कर।
मैं तो तेरा रस्ता देखूँगी,
तेरे प्रेम का गहरा रंग चढ़ाकर।

अधूरे ख़्वाबों को सजा दो,
आ जाओ अब सेहरा बांधकर।
ले चलो मुझे अपने आंगन,
प्रेम की अंतिम वेदी पर बैठकर।

भरे रहें एहसासों से आंगन,
बस छू लो मुझे हाथों में लेकर।
बिरहन जीवन से कर दो रिहा,
सूनी मांग में सिंदूर भरकर।

©theABHAYSINGH_BIPIN #togetherforever  Anupriya  Rakhie.. "दिल की आवाज़"  writer Sunita singh Arab ab tu SAB par najar Rakha kar Jodi jiski Amar banaa de usi ka D

theABHAYSINGH_BIPIN

#SunSet जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे, छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें। बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर, जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे।

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे,
छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें।

बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर,
जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे।

छोड़कर जा रहा हूँ तुम्हारे मीठे लम्हे,
यकीन है, एक दिन उन्हें ढूंढने आओगे।

बेशक होगी तुम्हें मेरे ठिकानों की तलाश,
मैं नहीं हूँ, मगर एहसास तुम पा जाओगे।

बताएगा हर कोई तुम्हें मेरा पता,
पर जीते जी मुझ तक ना पहुँच पाओगे।

©theABHAYSINGH_BIPIN #SunSet 

जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे,
छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें।

बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर,
जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे।

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

भाषा शैली स्वलिखित पंजाबी रचनाएं हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक सुकून (ਸ਼ਾਂਤੀ) विधा शायरीनुमा भाव वास्तविक . .

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