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Himshree verma
Anjali Srivastav
दोहा भारत-भू का लाडला, सच्चा पहरेदार । मेवाड़ी सरदार को, नमन करोङों बार ॥ अरावली पाषाण पर, सुन चेतक की टाप। खड़ा खड़ा दुश्मन गिरे, भू पर अपने आप ।। अंजली श्रीवास्तव महाराणा प्रताप के जयंती पर मेरे भी कुछ लिखे दोहे ©Anjali Srivastav दोहा भारत-भू का लाडला, सच्चा पहरेदार । मेवाड़ी सरदार को, नमन करोङों बार ॥ अरावली पाषाण पर, सुन चेतक की टाप। खड़ा खड़ा दुश्मन गिरे, भू पर अप
कुमार रंजीत (मनीषी)
Harpinder Kaur
White अक्सर कह दिया जाता है और समझ भी लिया जाता है कि किसी एक का, दूसरे से अलग हो जाने से कभी कोई नहीं मरता क्या सच में कोई नहीं मरता? फिर अचानक से मन में एक प्रश्न कौंधता है क्या जिस्म का मरना ही, मरना है? फिर एक और ख्याल आता है कि किसी के जुदा होने से, उसके लिए बुने ख्वाब मिटने से, मन- मस्तिष्क में बनी वो चेहरे की आकृतियाँ, वो लंबी लंबी बातें, मुस्कुराहट, सुकून, वो प्यार, वो रिश्ता...... और बहुत कुछ क्या वो सब जिंदा रहता है! किसी के जाने के बाद (part -1) ©Harpinder Kaur # किसी के जाने के बाद.......
Dr Nutan Sharma Naval
White चुनावी दोहे सोच समझकर कीजिए,सब अपना मतदान। ऐसा नेता लाइए,बढ़े देश का मान। राष्ट्र उन्नति के लिए,हो कैसी सरकार। वोट दीजिए सब यहां,करके स्वयं विचार। सभी यहां पर भ्रष्ट हैं, कैसे करें चुनाव। सदाचार का देश में, कौन पढ़े प्रस्ताव। खाते माल गरीब का,कहते चौकीदार। खुद ही सब कुछ लूटकर,बना रहे सरकार। खाली जेबें भर रहे,नेता,साहूकार। लोकतंत्र का कर रहे,जनता से व्यापार।। ©Dr Nutan Sharma Naval #चुनावी_मुद्दा दोहे
Godambari Negi
Autumn खुश्बू बिखरी बाग में, भ्रमर करे गुंजार। जगत नियंता ईश की, महिमा अपरंपार।। भूल कभी जो हो गई, करो उसे स्वीकार। गलती अपनी मान लो, बने सुखी संसार।। ©Godambari Negi #दोहे
Godambari Negi
Autumn विमल हृदय सब का रहे, कृपा रखें श्रीराम। स्वार्थ रहित हो भावना , शीघ्र मिले सुख धाम।। कैसा ये गठजोड़ है, बंध खिसकता रोज। भाग न मनचाहा मिला, करे नई फिर खोज।। ©Godambari Negi #दोहे
dharmik__Ayush
कबीरदास जी कहते है " बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजोर, " पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर" भावार्थ __ बड़े होने से कुछ नही होता जैसे पेड़ खजोर न ही पक्षी को छाया दे पाता है और फल भी इतने दूर लगे होते है | ©dharmik__Ayush #wholegrain #कबीरदास #कबीर के दोहे
Nilam Agarwalla
देश के लिए कुछ करूं, मन में जागी चाह। चाहे कोई कुछ कहे, तनिक नहीं परवाह।। दोस्तों के लिए जिऊं,मन में जागी चाह। हर गम मैं उनका सहूं, कभी ना भरूं आह।। ©Nilam Agarwalla दोहे