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Anuj Ray
White मेरी यादों में बसे हो तुम" मेरे सुहाग जिंदगी मेरी,बंधी है तुमसे मेरी सांसों की डोरी। नज़र के सामने रहो या मुझसे दूर, तुम्हीं हो दिल की कमजोरी। कहीं भी जाके छिपो,मुस्कुराओ दिल ही दिल में, या रहो गुमसुम, तुम्हें कहीं भी ढूंढने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि, मेरी यादों में बसे हो तुम। ©Anuj Ray # मेरी यादों में बसे हो तुम"
Raxx
ज़रा सा अपने आप में क्या रहने लगे, लोग खिड़कियों के परदे उठा कर देखते है, कही हम चल तो नही बसे... ©Raxx #roshni चल बसे
Saurav Kumar
White प्रत्येक पुरुष को चाहिए, एक ऐसी स्त्री जो उसे समझे, उससे प्रेम पूर्वक पूछे उसकी पूरे दिन की तकलीफें..! क्योंकि घर से बाहर के धक्के, डांट, तनाव, मुश्किलें, भूख, जिम्मेदारियां, ऐसी बहुत सी अनगिनत बातें हैं, जिसे पुरूष अपने सीने में दबा के रोज खुद से लड़ता है जो पुरुष कभी किसी से नहीं कह पाता है।!! ©Saurav Kumar #Lake #जिम्मेदारी #समझदारी #जिन्दगी #प्यार #एहसास #महसूस #मर्दकादर्द #मर्दकाप्यार
Alpha_Infinity
White बड़ी घनी वादियां थी जब हमने शुरुआत की। आह कितने लोग थे जो अपने लगते थे। पता है जैसे जैसे आगे बढ़ा। घना पन कम होने लगा, अंधेरा छटने लगा। लोग कम हुए और मैं अकेला रहने लगा। आंखों के परदे समझदार हो गए, दिल खामोश हो गया। ©0 जीवन यात्रा सब समझदारी वाली बात है। 😊💕 #Road #जीवन #सत्य #प्रेम #safar #0 #Raste #Nojoto #Hindi #viral vineetapanchal Shilpa priya Dash Mi
Himanshu Prajapati
समझदारी के मामले में और भी गहरा हो गया हूं, जब से गई है वह छोड़कर प्यार के मामले में बहरा हो गया हूं..! ©Himanshu Prajapati #lakeview समझदारी के मामले में और भी गहरा हो गया हूं, जब से गई है वह छोड़कर प्यार के मामले में बहरा हो गया हूं..!
Shishpal Chauhan
Vishnu Bhagwan मिलता है सच्चा सुख भगवान तुम्हारे चरणों में, आशा की किरण जगह देते हो तुम पल भर में। दिल से सेवा जो करता है स्थान दे देते हो अपने चरणन में, मिल जाता है सब कुछ जो आ जाए तेरी शरण में। मिलता है सच्चा सुख भगवान तुम्हारे चरणों में, आप चाहो तो फूल खिला दो पत्थर में। जहां पड़े आपकी नजर दृश्य बदल जाए पल भर में, तुम बसे हो हर कण कण में, मानव ढूंढता फिरे मंदिर मस्जिद में। ©Shishpal Chauhan # भगवान बसे हैं कण कण में
Shivkumar
Vishnu Bhagwan वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से नयना सोए ।। जगत पालक जगतपति, की महिमा जटिल महान । लक्ष्मी पति बैकुण्ठ पति का, कोई क्या गाए गुणगान ।। धर्म उन्ही से कर्म उन्ही से, सबके पालनहार । सदा करे भक्तो की रक्षा, ले जग मे अवतार ।। चतुर्भुजा नीला वरण, तन पीताम्बर सोहे । हृदय बसे माता लक्ष्मी, माया से सबको मोहे ।। नाभि कमल से ब्रहम हुए, करने जगत संचार । सदा जपे हरि हर को, हर जपे हरि हर बार ।। कमल नयन पद्म चरण, सुंदर छवि बलवान । सबके स्वामी नारायण को, कोटी कोटी प्रणाम ।। ©Shivkumar #vishnubhagwan #विष्णु #Nojoto #nojotohindi #दोहा #दोहे #मन्त्र वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से न
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित । हो खुशियां जब संग , तो जीवन हो प्रफुल्लित ।। ले लो हाथ गुलाल , आयी बच्चों की टोली । भर पिचकारी मार , कहो सब हैप्पी होली ।। रंगों में ही ढूढ़़ लो , तुम जीवन के रंग । आ जायेगा आपको , सुन जीने का ढ़ंग ।। सुन जीने का ढंग , हमें त्योहार सिखाते । होली उनमें एक , मिलन की राह बनाते ।। आज न कोई गैर , सीख लो तुम बेढंगो । सबको साथी मान , आज तुम जी भर रंगो ।। फीके सारे रंग हैं , इस होली के ग्वाल । दूर बहुत साजन बसे , कैसे करूँ धमाल ।। कैसे करूँ धमाल , प्रीति बिन फीकी होली । होते साजन पास , करते हंसी ठिठोली ।। सर्दी से बेहाल , मारता लल्ला छीके । बैठी रहूँ उदास , रंग होली के फीके ।। २२/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- आज बैठा मुँह छुपाकर कौन है । दो उसे आवाज़ घर पर कौन है ।। जिसकी खातिर कर रहा हूँ मैं दुआ । इस जहाँ में उससे सुंदर कौन है ।।२ देख कण-कण में बसे प्रभु राम जी । पूछता फिर क्यों कि अंदर कौन है ।।३ और कुछ पल धीर धर ले तू यहाँ । वक़्त बोलेगा धुरंधर कौन है ।।४ एक तेरे सिर्फ़ कहने से नहीं । है खबर सबको सिकंदर कौन है ।।५ दौड़ आयेगा हमारे पास तू । गर पता तुझको हो रहबर कौन है ।।६ तुम कहो तो मान भी लें बात हम । बस बता दो तुम विशंभर कौन है ।।७ बंद हो जायेगी तेरी बोलती जानेगा जब तू कलंदर कौन है ।।८ हम सभी इंसान हैं तेरी तरह । खोजता फिर क्यों तू बंदर कौन है ।।९ इस कदर मत कर गुमाँ खुद पर बशर जान ले लिखता मुकद्दर कौन है ।।१० आज दिल की बात मैं पूछूँ प्रखर । तू प्रखर है तो महेन्दर कौन है ।।११ १९/०३/२०२४ -महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- आज बैठा मुँह छुपाकर कौन है । दो उसे आवाज़ घर पर कौन है ।। जिसकी खातिर कर रहा हूँ मैं दुआ । इस जहाँ में उससे सुंदर कौन है ।।२ देख कण-क
Anjali Singhal