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Stories related to हुस्न वालों को अल्लाह बचाए

unique writer

हम शोर करने वालों में से नहीं है

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Sarfaraj idrishi

#happy_diwali मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक ustवमे ना से बचाए रखो सवेरे तक ! Sarfraz Ahmad Raj-Simran Laj Kumar Praveen Storyteller I

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White मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक
 मुझको हवा से बचाए रखो सवेरे तक !

©Sarfaraj idrishi #happy_diwali मेरी हयात है बस रात के अँधेरे तक ustवमे ना से बचाए रखो सवेरे तक ! Sarfraz Ahmad  Raj-Simran  Laj Kumar  Praveen Storyteller  I

unique writer

अब हम आगे बढ़ने वालों में से है

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Azaad Pooran Singh Rajawat

#leafbook #हरियाली बचाए#

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Unsplash "सुख समृद्धि की प्रतीक 
शाख हरीतिमा की 
नज़रों को सुहाती 
 दिल को भांति 
कह रही है हमसे 
मेरे फल तोड़ो 
मेरी शाख न तोड़ो 
मैं उपवन की शोभा हूं 
मैं जीवन की डोर हूं 
तुम मुझे बचाओ 
 मैं तुम्हें बचाऊंगी 
मैं संजीवनी और हूं।"

©Azaad Pooran Singh Rajawat #leafbook #हरियाली बचाए#

Mohammad Ibraheem Sultan Mirza

माशा अल्लाह ❤ भोपाल तब्लीग़ी इज्तिमा में फ़जर की अज़ान के वक़्त का ख़ूबसूरत नज़ारा, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema mohammad_ibraheem_sult

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Mohammad Ibraheem Sultan Mirza

भोपाल इज्तिमा मुकम्मल होने के बाद सफ़ाई का काम शुरू, अल्लाह इनकी इस मेहनत को कबूल फरमाए 🤲 आमीन 🤲 #bhopalijtema2024 #bhopalijtema mohammad_i

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Baljeet Singh

अपने आप को बदलो अपने आप को पहचानो

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Mohammad Ibraheem Sultan Mirza

अल्लाह संभल के लोगों की और शाही मस्जिद की हिफाज़त फरमाएं 🤲आमीन🤲 #sambhal #SambhalJamaMasjid #mohammad_ibraheem_sultan_mirza मौहम्मद_इब्राह

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Kavi Himanshu Pandey

हुस्न की चुम्बकीय शक्ति #beingoriginal Hindi

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नवनीत ठाकुर

#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

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White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां,
आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया।
तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात,
उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया।

तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद,
वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया।
तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून,
आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया।

तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में,
उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया।
तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए,
हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया।

हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ,
जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया।
तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे,
उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"**

©नवनीत ठाकुर #हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया
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