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संगीत कुमार
White बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा नैतिकता का पाठ पढाना होगा जात पात का भेद मिटाना होगा समरसता का अलख जगाना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा द्वेश जन जन में फैल गया भाई -भाई लड़ रह है लोभ में लोग घिर चूका है तुझे मध्यम मार्ग बताना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा अहिंसा का पाठ पढाना होगा सद्विचार का ज्ञान सिखाना होगा मानव में मानवता जगाना होगा कुकर्मी से बचाना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा ©संगीत कुमार #Buddha_purnima बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा नैतिकता का पाठ पढाना होगा जात पात का भेद मिटाना होगा समरसता का अलख जगाना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना
ARTI DEVI(Modern Mira Bai)
White पवित्र कुरान शरीफ मुसलमान धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। रमज़ान के समय इसका पाठ करना आवश्यक बताया गया है। क्या कोई बिना सतगुरू (बाखबर) के ईश्वरीय ज्ञान समझ सकता है? #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI DEVI(Modern Mira Bai) #lonely_quotes #IPL2024 #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #वीडियो #कॉमेडी #लव पवित्र कुरान शरीफ मुसलमान धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। रमज़ान के समय इसका
Srinivas
धर्म जोड़ने का पाठ पढ़ाता है, फिर इंसान क्यों इसे तोड़ने का कारण बनाता है। मोहब्बत एक सूरज है, जो सब पर समान रौशनी डालता है, मजहब की दीवारें क्यों खड़ी करते हैं? ©Srinivas धर्म जोड़ने का पाठ पढ़ाता है, फिर इंसान क्यों इसे तोड़ने का कारण बनाता है। मोहब्बत एक सूरज है, जो सब पर समान रौशनी डालता है, मजहब की दीवारें
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
अदनासा-
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