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Dr. Bhagwan Sahay Meena
White यार मेरे सीने में एक दिल है.... और उस दिल की धड़कन हो तुम..... ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #Yoga यार
Rameshkumar Mehra Mehra
आयेगें तुझे याद एक बार......... फिर से हम.......! जब तेरे खुद के फैसले....!! तुझे सताने लगेंगे.....💕 ©Rameshkumar Mehra Mehra # आयेगें तुझे याद एक बार,फिर से हम,जब तेरे खुद के फैसले,तुझे सताने लगेंगे....💕
# आयेगें तुझे याद एक बार,फिर से हम,जब तेरे खुद के फैसले,तुझे सताने लगेंगे....💕 #Quotes
read moreLakhan Rajput BJP
गुड मॉर्निंग ©Lakhan Rajput BJP तेरे जैसा यार कहां
तेरे जैसा यार कहां #शायरी
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हाय तेरी मेरी कहानी ©Lakhan Rajput BJP दोस्त हो तो तेरे जैसा यार शर्मा जी
दोस्त हो तो तेरे जैसा यार शर्मा जी #शायरी
read moreLakhan Rajput BJP
तेरी मेरी दोस्ती ©Lakhan Rajput BJP तेरे जैसा यार कहां
तेरे जैसा यार कहां #विचार
read moreLakhan Rajput BJP
White दिल की बात दिल से ©Lakhan Rajput BJP तेरे जैसा यार कहां
तेरे जैसा यार कहां #शायरी
read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
White यार तेरी याद दिल से जाती नहीं। दुनिया में और तुझ से अच्छा नहीं। आप तो सो जाते होंगे भूलकर मुझे, आपको याद किए बिना मुझे नींद आती नहीं।। ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #flowers यार
Santosh Verma
Black कुछ तो मोहलत दे ऐ मेरे यार, मुझे थोड़ा ठहर जाने दे । अगला किरदार भी तेरा सह लूँगा, पहले मुझे ज़मी पर उतर जाने दे। । घायल कर देना निकाल छल पिटारे से, थोड़ा मुझे संवर जाने दे। तेरे हर ज़ख्मों को गले लगा लूँगा, थोड़ा पहले वाला भर जाने दे। । शिकवा तुझसे मुझे कोई यार, थोड़ा मुझे घर जाने दे,। कदमों में मखमल बिछा दूँगा तेरे, पहले मुझे निखर जाने दे। । written by संतोष वर्मा azamgarh वाले खुद की जुबानी। । ©Santosh Verma #mere यार ##
mere यार ##
read moreअमित कश्यप
जाम छलकने दे साखी मैं खाने में झूम कर यारों की महफिल में आज मेरा यार बैठा है टूटती है बोतले तो आज टूटने दे बरसों के बाद मेरा यार साथ बैठा है ©अमित कश्यप मेरा यार
मेरा यार #शायरी
read moreRabindra Kumar Ram
" फिर तुझसे कब कहाँ कैसे यकीनन मिला जाये, मयस्सर में तेरे ख्वाब कही मुकम्मल हो तो हो, अब यार तेरे तलब की दुहाई क्या देता मैं, कभी यार गैरइरादतन कभी ऐसे भी तो मिले होते ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " फिर तुझसे कब कहाँ कैसे यकीनन मिला जाये, मयस्सर में तेरे ख्वाब कही मुकम्मल हो तो हो, अब यार तेरे तलब की दुहाई क्या देता मैं, कभी यार गैर
" फिर तुझसे कब कहाँ कैसे यकीनन मिला जाये, मयस्सर में तेरे ख्वाब कही मुकम्मल हो तो हो, अब यार तेरे तलब की दुहाई क्या देता मैं, कभी यार गैर #शायरी #गैरइरादतन
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