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Stories related to दादी माँ की कविता

Sarfraj Alam Shayri

#Thinking ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! motivational shayari

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White ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है !

©Sarfraj Alam Shayri #Thinking ज़िंदगी की किताब में सबसे हसीन पेज माँ की मोहब्बत है ! motivational shayari

Praveen Jain "पल्लव"

#Internationalfamilyday दादा दादी सबके चेहते हम

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पल्लव की डायरी
हँसी खुशी और खेलकूद से
मस्ती में हम सब जीते थे
बे परवाह होकर जिम्मेदारी से बचते
फेमली में आनन्द से रहते थे
दादा दादी ताऊ चाचा सब के चेहते हम
अपनी जिज्ञासा का समाधान करते थे
जरूरत के समय पापा नही
डिमांडे दादा दादी से पूरी करते थे
नही डरे हम कही पर भी
रौब फेमली के बल पर 
स्कूल और मोहल्लों में रखते थे
मगर आज नैनो परिवार डर के साये में रहते है
चिड़चिड़े मन बच्चों के रहते
दब्बू पन में जीते है
घर से बहार निकले नही
माँ बाप चिंताओं में रहते है
                                        प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Internationalfamilyday दादा दादी सबके चेहते हम

Shekhar Yadav

माँ की गोद

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शेखर yadav

©Shekhar Yadav माँ की गोद

- Arun Aarya

#मिस यु दादी

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Grandparents say 24-01-2025

जो भूल चुके थे  वो हमारा  बचपन याद आया ,

दादी तेरे जाने के बाद अपना आँगन याद आया !

बहुएं  तुम्हारी  लड़ रहे  हैं तुम्हारे  अपने बेटों से ,,

तुम्हारी लाश जली नहीं है और उन्हें कंगन याद आया..!!

- अरुन आर्या

©- Arun Aarya #मिस यु दादी

meri_lekhni_12

माँ /मेरी माँ

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White रस्ते पे आँखों की बिनाई गवां बैठी है माँ,
बेटा जो दूर जा बसा, दिल जला बैठी है माँ।

दर-ओ-दीवार सुनते हैं फ़साना तन्हाई का,
हर कोना तेरे बग़ैर वीरां बना बैठी है माँ।

तेरी हँसी की रौशनी से चमकते थे जहाँ,
अब उस चिराग़ की लौ बुझा बैठी है माँ।

राह ताकते-ताकते धुंधला गई हैं निगाहें,
मगर उम्मीद का दिया जला बैठी है माँ।

हर सहर तुझसे मिलने की दुआ करती है,
शबनम के साथ आँसू बहा बैठी है माँ।

क्या तुझे एहसास भी है इस तड़पती रूह का?
तुझसे बिछड़के ख़ुद को सज़ा दे बैठी है माँ।

अगर कभी लौट आ, तो दर खुले मिलेंगे,
तेरे ख़्वाबों का घर अभी बचा बैठी है माँ।

'पूनम' हर दर्द को सीने में छुपा लेती है,
बेटे की राह में अपना वजूद मिटा बैठी है माँ।

स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित 

पूनम सिंह भदौरिया 
दिल्ली 
लेखिका 
समाज सेविका

©meri_lekhni_12 माँ /मेरी माँ

RJ VAIRAGYA

#sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है #rjharshsharma #rjvairagyasharma

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White आंख अपनी उम्र भर रोती रही

रोज दाने खेत में बोती रही,
आश के दीपक सदा ढोती रही।।

फेर नजरें वक्त है चलता बना,
आंख अपनी उम्र भर रोती रही।।

हाथ में मद से भरा प्याला लिए,
दौलतें मां बाप की सोती रही।।

दोस्ती हमसे सभी करते चले,
दुश्मनी है मीत गल जोती रही।।

थे बिना पूंजी हर्ष दिन भले,
बिछ गई बिस्तर तले थोती रही।।

©RJ VAIRAGYA #sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है 
#rjharshsharma #rjvairagyasharma

Ramji Tiwari

#माँ #कविता #ममता Shikha Sharma deepshi bhadauria Sudha Tripathi lumbini shejul Raushni Tripathi

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White 
 *माँ*

माता के जैसा नहीं,जग में कोई और।
खुद भूखी प्यासी रहे, हमें खिलाए कौर।।
हमें खिलाए कौर, नहीं माता सम दूजा।
जननी को प्रभु मान,करो तुम विधिवत् पूजा।।
माँ बेटे का यहाँ,जगत में सुन्दर नाता।
देवों से भी बड़ी,लोक में होती माता।।

ममता अंतस में भरी, करे पुत्र को नेह।
पालन पोषण के लिए,वारे अपनी देह।।
वारे अपनी देह,आप गीले में सोती।
चलती नंगे पाव, पुत्र को सर पर ढोती।।
जग में माँ की तरह, नहीं दूजे में समता।
झुकता सबका शीश,देख माता की ममता।।

     स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी"राम"
                                      उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari 
#माँ
#कविता
#ममता  Shikha Sharma  deepshi bhadauria  Sudha Tripathi  lumbini shejul  Raushni Tripathi

संजय जालिम " आज़मगढी"

## माँ ##

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तक़दीर मेरी हो, तुम 
लकीर हाथो की हो, तुम
बन्दगी  तेरी करू, मैं "जालिम"
ईश्वर बाद में पहले हो," माँ " तुम

©Sanjay jalim ## माँ ##

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#माँ

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Puja Saha

प्यारी सी दादी हमारी L♥️ve

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