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roshan
आना है तॊ आ जाना है तो जा.... घुटने पे बैठके तुम्हे मनाना मुझे शोभा देगा क्या? पानी का नही नाम साब्जी को नही दाम बता गोल्डन नेकलेस तुम्हे दिलाऊ कैसे? कुवा सुख गया है नदी नाला रुख गया है बता तेरे प्यार मे शलांग लगाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा.... बेजान सहै पत्थर पर बिना कुछ चडाये बता मान्नत मे तुझे उसीसे मांगु कैसे? भावनिक मै बहोत हू दिल मे तुम्हेहीं रखता हू पानी बचाते बचाते बता आसू अंखोसे बहाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा..... ....रोशन देसाई.... 12/02/20 इन हिंदी
Vishal Charan
Sabra kar mere bhai udenge lekin Waqt per ©Vishal Charan शायरी इन हिंदी ,#shyari
Prachi Sharma
शूरवीर दोहराते है काठ बने पुतले क्या ही शौर्य बूझ पाते है ©Prachi Sharma #oneliner #हिंदी_कोट्स_शायरी फर्स्ट पोस्ट इन हिंदी इन नोजोटो
Pankaj
Dil Shayari इन दिनों की बातें दिल ही जाने, अंजान बने ओ जाने ना, एक दिल ने कहा तुम जुर्म कर रहे, पर जुर्म कोई ओ माने ना, ©Pankaj हिंदी इन दिलो,की बातें
Bharat
किसी से प्यार का इजहार करना हो या फिर अपने टूटे दिल का दर्द बयां करना हो, हिंदी शायरी की दो लाइन हर मर्ज की दवा है। इसमें दिल के एहसास और जज्बात तो वही रहते हैं बस दो लाइन शायरी से उसे जाहिर करने का अंदाज बदल जाता है। आप अपने मूड के अनुसार इस शायरी को 2 लाइन स्टेटस के रूप में लगाकर अपने प्यार या दर्द को जाहिर कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपके लिए लाए हैं दिल को छू लेने वाली शायरियां, जो आपको जरूर पसंद आएंगी। ©Bharat #chaand सायरी इन हिंदी#सायरी
Kavita jayesh Panot
एक दिन एक लड़की गई टीचर के पास, आने को है परीक्षा पास। टीचर बोली करनी है तुम सबको, डटकर पढ़ाई। छोड़ दो लड़ाई झगड़े, बन जाओ सब अच्छे बच्चे, पढ़ लिख कर सब बने ज्ञानवान। तब टीचर ने खोली अंग्रेजी की किताब, दे डाला सातवा पाठ। याद करना सब बच्चे, पूछुंगी में शनिवार को। तब हँसकर सब बच्चे बोले टीचर से, शनिवार को नही, कर लेंगे हम कल ही सब याद। टीचर बोली मुस्कुराकर- भोले बच्चों, होगा नही इतनी जल्दी तुमसे याद। बच्चों ने टीचर की एक न मानी, करी अपनी ही मनमानी। कह दिया टीचर जी ने भी, अच्छा ठीक है पूछुंगी में कल, सब करके आना याद, देंखूँगी कितना कर सकते हो तुम याद। बच्चों ने घर जाकर खोली उत्तर की किताब। आठ आठ लाइन के थे सारे उतर, डर गए बेचारे बच्चे, टीचर को कल क्या देंगे जवाब। हुआ नही बच्चों से याद, बच्चे पछताये काश सुन लेते टीचर की बात। तब अंत में बच्चे बोले अगर, किसी काम को करना हो तो, सोचो-समझो,देखो-परखो, फिर बढ़ाओ आगे हाथ। कविता जयेश पनोत #जल्दबाजी का नतीजा