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Ghumnam Gautam
घाव देना सीख आए हो, त'अज्जुब है यही चाहते थे हम कि तुम मरहम लगाना सीख लो ©Ghumnam Gautam #मरहम #घाव #सीख #तुम #ghumnamgautam
Kapish
Black मेरी जरूरतों ने मुझे खुदगर्ज बना दिया जिसे चाहा उसने बेवफा बना दिया रास्ते के हर मोड़ पर मिला वो शख्स जिसने मुझे जिंदगी जीना सीखा दिया ©Kapish #घाव
sameer Kumar
Suno एक मुलाकात ऐसी होती के तुम्हारी रूह मैं उतार जाते साथ होते तुम्हारे हम और किसी को नजर ना आते मोहब्बत के नशे मैं हम तुम्हारी इतना बहक जाते होश मैं भी आना चाहे तो होश मैं ना आ पाते इतनी करते मोहब्बत तुमसे के तुम्हारी बाहों मै बिखर जाते sameer...✍️ ©sameer Kumar किसी ने सच ही कहा है ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव ही देती है🖤🥀🖤 @Badnamshayar_22
Sangeeta Kalbhor
जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होताना लागावा की ठसका उगा ओरखडा मनावर करताना मुजून जातात खुणा व्रणाच्या घाव परी ठरलेला का म्हणून सोडावा हात हातात एकदा धरलेला सोडावा की स्वाभिमान नात्याला ह्रदयी कोरताना पाझरतील नयन आपसूकच प्रीत उरी स्मरताना जगलेल्या क्षणांनी व्हावे समजूतदार नको हट्ट उगा वाईट काळातही जगलेला क्षणच वाटतो की हो सगा काळ येवो कितीही सरसावून क्षणच होतात ढाल मनोदशा बदलायला क्षणांचीच तर ओढावी लागते शाल जगलेल्या क्षणांचा व्हावा जागर नाद मनी घुमवावा पडत्या क्षणांत असता आपण जगलेला क्षण आठवावा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #boatclub जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होतान
AJAY NAYAK
बताकर धोखा देना हमारे जख्मों को देखने आयी हो या हमे जो भी हो............ जाते जाते............. नमक भी छिड़कना तो बताकर छिड़कना अंदर का घाव, ठंडियों में बहुत दुखता है –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #lakeview #batakardhokadena बताकर धोखा देना हमारे जख्मों को देखने आयी हो या हमे जो भी हो............ जाते जाते............. नमक भी छिड़कन
Sangeeta Kalbhor
प्रेम मी रे जाणले.. मी वाहत गेले काळीज अन् काळजीत पडले पंख माझेच विहरणारे काळजीने मी खुडले वार होत असता चित्तावर चित्त होते थरथरले काळीज दाटून नयनात अश्रूतून झुरझूरले काय चुकले माझे की मी माझेपण अर्पिले पाषाण ह्रदयी असणाऱ्याला शेंदुराने सजविले घाव बसता घावावर हाक तरी निघावी कशी निपचित पडून वेडे सत्त्व घेत असे वामकुक्षी ह्रदया तुझ्या कारणे मी काय काय सोसले शब्द आग ओकताना रे कुठले देऊ दाखले एक बरे जाहले मला वेडीला प्रेम रे घावले काळजाला काजळवणारे प्रेम मी रे जाणले..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #outofsight प्रेम मी रे जाणले.. मी वाहत गेले काळीज अन् काळजीत पडले पंख माझेच विहरणारे काळजीने मी खुडले वार होत असता चित्तावर चित्त होते थर
Hisamuddeen Khan 'hisam'
घाव खुले छोड़ दिए हमने उस पे भरोसा करके, ये भी न देखा उसने हाथों में नमक छुपा रक्खा है। आंधियां इधर तेज़ हुई उधर घास की झोंपड़ी है, बारिश के इस मौसम में रेत का महल बना रक्खा है। ©Hisamuddeen Khan 'hisam' घाव खुले छोड़ दिए...... हिसाम #Poetry #Nojoto #Love #poetrywithhisamuddeenkhanhisam #longdrive SHAILESH TIWARI Zuber Ali narendra bhakuni A
Vikas Sahni
Blue Moon ___काव्यात्मक उपचार___ ____शायराना_दवा____ तनाव कम हो सकता है यदि हो नीयत खराब, घाव कम हो सकता है यदि हो निकट शराब मगर मैं शराब नहीं पीता इसलिए रखता हूँ एक गुलाब मेरा मतलब इक विशिष्ट डायरी बनाने को बार-बार एक शायरी कविता के रूप में। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #काव्यात्मक_उपचार #शायराना_दवा तनाव कम हो सकता है यदि हो नीयत खराब, घाव कम हो सकता है यदि हो निकट शराब मगर मैं शराब नहीं पीता इसलिए रखता हूँ
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- जीवन के हर रंग से , कर ले तू पहचान । इच्छा यहाँ अनंत है , करती नित व्वयधान ।।१ जीवन के इस रंग से , होते क्यों हैरान । त्याग नहीं जीवन कभी , संग चले भगवान ।।२ संकट सम्मुख देखकर , हो जाता हैरान । छोड़ चले जीवन यहाँ , पल भर में इंसान ।।३ मुश्किल से मुश्किल घड़ी , हो जाती है दूर । थोड़ा बस संयम रखो , होते क्यों मजबूर ।।४ मत कर जीवन से कभी , तू अब ऐसी चाह । जो फिर कल दीवार बन , रोके तेरी राह ।।५ धर्य-रहित जीवन जियो , संकट जाओ भूल । दें गिरधर आशीष तो , सब बन जाएं फूल ।।६ सत्य सनातन धर्म के , होते मीठे बोल । बतलाते जीवन यहाँ , सुन लो है अनमोल ।।७ जीव-जन्तु मानव यहां , सब में भरा कलेश । मृत्युलोक का है यही , सबको ये संदेश ।।८ जाना सबको है उधर , रख ले धीरज आज । अभी तुम्हारे बिन वहाँ , रुका न कोई काज ।।९ जीवन के हर रंग में , कर्म रखोगे याद । ये ही जीवन से तुम्हें , कर देंगे आजाद ।।१० ये जीवन संग्राम है , विजयी होते धीर । मीठी बोली प्रेम की , भरे घाव गंभीर ।। ११ १४/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- जीवन के हर रंग से , कर ले तू पहचान । इच्छा यहाँ अनंत है , करती नित व्वयधान ।।१ जीवन के इस रंग से , होते क्यों हैरान । त्याग नहीं जी
HintsOfHeart.
"कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीम-कश¹ को ये ख़लिश² कहाँ से होती जो जिगर के पार होता" ©HintsOfHeart. #मिर्ज़ा_ ग़ालिब 1.वह तीर जो घाव में से आधा खींचकर छोड़ दिया गया हो 2.चुभन